IPL इतिहास में अगर किसी ने ‘फिनिशर’ शब्द को परिभाषित किया है, तो वो हैं महेंद्र सिंह धोनी। 2025 सीज़न में धोनी ने अपना 100वां नॉट आउट पूरा किया, जो कि IPL में किसी भी बल्लेबाज़ द्वारा सबसे ज़्यादा है।
चाहे 2013 में राजस्थान के खिलाफ 68* हो या 2019 में पंजाब के खिलाफ 84* रन की तूफानी पारी, धोनी ने बार-बार दिखाया कि जब तक वो क्रीज़ पर हैं, तब तक मुकाबला बाकी है। उनका शांत दिमाग, परिस्थितियों को पढ़ने की काबिलियत और आखिरी गेंद तक जूझने वाला रवैया उन्हें IPL का ‘अंतिम सम्राट’ बनाता है। इसी कड़ी में आइए जानते हैं आईपीएल इतिहास के उन बल्लेबाजी के बारें में जिन्हे फिनिशिंग का बादशाह कहा जाता है।
रवींद्र जडेजा

रवींद्र जडेजा को अक्सर उनकी गेंदबाज़ी और फील्डिंग के लिए जाना जाता है, लेकिन उनके बल्लेबाज़ी आँकड़े भी कुछ कम नहीं हैं।उन्होंने IPL में अब तक 80 बार नॉट आउट रहकर ये साबित किया कि वो सिर्फ एक ऑलराउंडर नहीं, एक भरोसेमंद फिनिशर भी हैं जडेजा की खासियत है, स्पिनर्स को ग़लत दिशा में खेलने की कला, स्ट्राइक रोटेशन में एक्सपर्टीज़ और जरूरत पड़ने पर आखिरी ओवर में गेंदबाजों की हालत बिगाड़ देना। वो ऐसे बल्लेबाज़ हैं जो आखिरी ओवर में खुद से ज़्यादा भरोसा टीम को दिलाते हैं।
किरोन पोलार्ड

किरोन पोलार्ड का नाम आते ही गेंदबाज़ों की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं। IPL में 52 बार नॉट आउट रह चुके पोलार्ड ने मुंबई इंडियंस के लिए कई यादगार फिनिश दिए।
उनकी 2015 में RCB के खिलाफ 83* और 2019 में RR के खिलाफ 87* रन की इनिंग्स आज भी फैंस को रोमांचित कर देती है। सीमित फुटवर्क, जबरदस्त पावर और मैदान के हर कोने में शॉट खेलने की क्षमता, पोलार्ड को IPL का सबसे ख़तरनाक क्लोज़र बना देती है।
दिनेश कार्तिक

दिनेश कार्तिक ने IPL में कई टीमों के लिए खेला, RCB, KKR, DC और MI, लेकिन एक चीज़ हमेशा कॉमन रही है, 50 बार नॉट आउट रहकर उन्होंने ये दिखाया कि वो हर टीम में फिनिशर की भूमिका निभा सकते हैं।
2018 का फाइनल, जिसमें DK ने आखिरी गेंद पर सिक्स मारा, IPL इतिहास का एक आइकोनिक मोमेंट बन चुका है। कार्तिक की सबसे बड़ी ताकत है, परिस्थिति के हिसाब से अपनी बैटिंग स्टाइल को बदल लेना। जब जरूरत हो तो टिकना, और जब वक्त आए तो चौके और छक्के उड़ाना, यही है DK का असली फिनिशिंग टच और वह इसी के लिए जाने भी जाते हैं।
डेविड मिलर

डेविड मिलर का नाम जब IPL में लिया जाता है, तो याद आता है वो खिलाड़ी जो बिना शोर मचाए बड़े मैच फिनिश करता है। अब तक IPL में 49 बार नॉट आउट रह चुके मिलर ने हर फ्रेंचाइज़ी के लिए दमदार भूमिका निभाई, फिर वो पंजाब हो, राजस्थान, गुजरात या अब LSG।
उनकी 2017 में KKR के खिलाफ 101* रन की इनिंग यादगार रही, जहां उन्होंने अकेले दम पर टीम को जीत दिलाई थी। मिलर का शांत स्वभाव, सटीक टाइमिंग और आखिरी ओवरों में गियर शिफ्ट करने की कला उन्हें IPL का एक अंडररेटेड फिनिशर बनाती है।
एमएस धोनी

IPL ही नहीं, धोनी के नाम वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में भी 84 बार नॉट आउट रहने का रिकॉर्ड है। मतलब सिर्फ लीग नहीं, इंटरनेशनल क्रिकेट में भी फिनिशिंग का सरताज वही है।
IPL की चमक-धमक के बीच असली हीरो वही होते हैं जो आखिरी बॉल तक लड़ते हैं, मैदान पर डटे रहते हैं और जब आप इन आंकड़ों को देखो, तो साफ होता है कि धोनी, जडेजा, पोलार्ड, DK और मिलर, ये सिर्फ नाम नहीं, IPL के फिनिशिंग पिलर्स हैं। आने वाले समय में यह देखना बहुत ही दिलचस्प रहने वाला है कि, क्या इन जैसे खिलाड़ियों के जाने के बाद युवाओं का खेलने का नजरिया कैसा रहता है।
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