Hanuma Vihari Sparks Debate To Fix DRS Rules in IPL 2025: आईपीएल 2025 के एक मुकाबले में मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच खेला गया मैच अब एक विवाद की वजह से चर्चा में है। मुकाबले के आखिरी गेंद पर जितेश शर्मा को आउट करार दिया गया था, लेकिन बाद में DRS के जरिए फैसला पलट गया।
इसी घटना पर भारत के अनुभवी बल्लेबाज हनुमा विहारी ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाए हैं और DRS नियमों में बदलाव की जरूरत जताई है।
क्या था पूरा मामला?
मुंबई के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने अंतिम गेंद पर जितेश शर्मा के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील की, जिसे ऑन-फील्ड अंपायर ने आउट करार दिया। इसके बाद जितेश ने DRS लिया और रीप्ले में साफ हुआ कि गेंद का इम्पैक्ट ऑफ स्टंप के बाहर था। नतीजा यह रहा कि फैसला पलट गया और बल्लेबाज नॉट आउट करार दिए गए।
हालांकि, चूंकि बल्लेबाज को पहले आउट दिया गया था, रन नहीं जोड़े गए, जबकि अगर अंपायर का फैसला पहले से नॉट आउट होता, तो वह रन गिना जाता।
विहारी ने उठाया नियमों में असमानता का मुद्दा
हनुमा विहारी ने इस पूरे मामले पर X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “नियम में बदलाव की ज़रूरत है। RCB की पारी की आखिरी गेंद पर जितेश को आउट दिया गया था, लेकिन DRS में साफ था कि गेंद का इम्पैक्ट ऑफ स्टंप के बाहर था। इसलिए फैसला पलटा गया।”
विहारी ने यह भी कहा कि अगर अंपायर ने पहले से नॉट आउट दिया होता, तो रन जुड़ जाता। लेकिन आउट देने के बाद DRS से बचने पर रन नहीं जोड़ा गया, जो मैच के नतीजे को प्रभावित कर सकता है।
अगर 2 रन चाहिए हों और ऐसा फैसला हो जाए?
विहारी ने हाइपोथेटिकल कंडीशन का जिक्र करते हुए कहा, “सोचिए अगर यह दूसरी पारी होती और आखिरी गेंद पर जीत के लिए 2 रन चाहिए होते। अंपायर ने बल्लेबाज को आउट दे दिया, लेकिन DRS से नॉट आउट हो गया, तब भी रन नहीं जुड़ता। ऐसी स्थिति में पूरी मैच या टूर्नामेंट का नतीजा एक फैसले से बदल सकता है।”
उन्होंने इसे फूड फॉर थॉट करार दिया और संकेत दिए कि ऐसे नियमों पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए।
फैंस में भी छिड़ी बहस
हनुमा विहारी की इस पोस्ट के बाद फैंस के बीच DRS के नियमों को लेकर तीखी बहस शुरू हो गई है। कई लोगों का मानना है कि अंपायर के फैसले से रन का निर्धारण होना गलत है, जबकि कुछ का कहना है कि DRS का मकसद ही गलतियों को सुधारना है, इसलिए रन न जोड़ना सही है।
क्या IPL को नियम बदलने की जरूरत है?
DRS का मकसद खेल में निष्पक्षता लाना है, लेकिन जब ऑन-फील्ड फैसलों के कारण रन गिनने में अलगाव आती है, तो यह नियम की अस्पष्टता को दर्शाता है। ऐसे में यह सवाल वाजिब है कि क्या IPL 2025 के नियमों में बदलाव किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में विवाद से बचा जा सके?
हनुमा विहारी ने एक बेहद अहम मुद्दे को उजागर किया है, जो T20 जैसे तेज़ और क्लोज़ मुकाबलों में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि BCCI और IPL गवर्निंग काउंसिल इस बहस पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या नियम बदले जाएंगे या फिर वही पुराने ढर्रे पर IPL जारी रहेगा?
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