Why Venkatesh Iyer not KKR Captain IPL2025: का धमाकेदार सीजन करीब है, और कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अजिंक्य रहाणे को टीम की कप्तानी सौंप दी है। फैंस को उम्मीद थी कि वेंकटेश अय्यर को यह जिम्मेदारी मिलेगी, लेकिन KKR ने उन्हें उप-कप्तान बनाकर चौंका दिया।
KKR ने वेंकटेश अय्यर को खरीदने के लिए ₹23.75 करोड़ खर्च किए, जो उन्हें IPL इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ियों में से एक बनाता है। फिर भी, कप्तानी सिर्फ प्राइस टैग से तय नहीं होती, इसके लिए अनुभव, लीडरशिप क्वालिटी और सही मानसिकता की जरूरत होती है। तो चलिए जानते हैं कि KKR ने अजिंक्य रहाणे को कप्तान और अय्यर को उप-कप्तान क्यों बनाया गया?
इन 5 कारणों से वेंकटेश अय्यर नहीं बने KKR के कप्तान | 5 Reasons Venkatesh Iyer did not Become the Captain of KKR
1. बिना दबाव के खुलकर खेलने का मौका

कुछ खिलाड़ी कप्तानी के बोझ में दब जाते हैं, तो कुछ इसके साथ निखरते हैं। KKR नहीं चाहता कि कप्तानी का प्रेशर वेंकटेश अय्यर के खेल को प्रभावित करे। उनका काम है शुरुआत से ही गेंदबाजों पर हमला बोलना और टीम को तेज शुरुआत दिलाना।
कप्तान बनने के बाद खिलाड़ी को न सिर्फ अपने खेल पर बल्कि पूरी टीम की रणनीतियों, फील्ड सेटिंग्स, बॉलिंग चेंज और हर छोटे-बड़े फैसले पर ध्यान देना होता है। यह अतिरिक्त जिम्मेदारी कहीं न कहीं अय्यर के नैचुरल गेम को प्रभावित कर सकती थी। इसलिए KKR ने उन्हें फ्री रखा ताकि वो बिना किसी दबाव के अपने अंदाज में खेल सकें।
2. रहाणे से सीखने का मिलेगा मौका
कप्तानी सिर्फ मैदान पर फैसले लेने तक सीमित नहीं होती, यह दबाव झेलने, मैच की स्थिति पढ़ने और सही समय पर सही निर्णय लेने की कला है। अजिंक्य रहाणे के पास टेस्ट और IPL दोनों में कप्तानी का अनुभव है। उन्होंने भारतीय टीम को मुश्किल परिस्थितियों में संभाला है और बड़े टूर्नामेंट्स में कप्तानी की है।
वहीं, वेंकटेश अय्यर ने अब तक किसी बड़ी टीम की कप्तानी नहीं की है। KKR उन्हें भविष्य का लीडर मानता है, लेकिन सीधे कप्तानी देने की बजाय उन्हें अनुभवी रहाणे के साथ सीखने का मौका दिया गया है।
3. कप्तानी का अनुभव नहीं है

वेंकटेश अय्यर का टैलेंट कमाल का है, लेकिन कप्तानी के मामले में उनका अनुभव शून्य है। घरेलू क्रिकेट में भी मध्य प्रदेश की टीम की कप्तानी राजत पाटीदार ने की थी, न कि अय्यर ने। IPL जैसी हाई-प्रेशर लीग में कप्तान को सिर्फ अच्छा खिलाड़ी नहीं, बल्कि बेहतरीन रणनीतिकार भी होना चाहिए।
उसे पता होना चाहिए कि कब आक्रामक होना है, कब डिफेंसिव खेलना है और कैसे ड्रेसिंग रूम के बड़े खिलाड़ियों को मैनेज करना है। KKR ने उन्हें सीधे कप्तानी देने के बजाय उप-कप्तान बनाकर धीरे-धीरे तैयार करने का फैसला किया।
4. 23.75 करोड़ की कीमत का दबाव
वेंकटेश अय्यर पर पहले से ही ₹23.75 करोड़ का भारी प्राइस टैग लदा हुआ है। ऐसे में अगर उन्हें कप्तानी भी दे दी जाती, तो दबाव दोगुना हो जाता। IPL में महंगे खिलाड़ियों को हर मैच में परफॉर्म करने की उम्मीद होती है और एक कप्तान के रूप में हर फैसले की समीक्षा की जाती है।
अगर कोई गलत रणनीति बनती या उनका बल्ला खामोश रहता, तो आलोचना और भी तीखी होती। KKR ने उन्हें उप-कप्तान बनाकर यह सुनिश्चित किया है कि वह सिर्फ अपने खेल पर फोकस करें और बेहतरीन प्रदर्शन करें।
5. रहाणे का अनुभवी और संतुलित नेतृत्व
KKR ने 2024 में खिताब जीता था, और टीम एक संतुलित संयोजन के साथ खेल रही थी। फ्रैंचाइज़ी इस संतुलन को बरकरार रखना चाहती थी और किसी अनुभवहीन कप्तान को लाकर जोखिम नहीं उठाना चाहती थी। अजिंक्य रहाणे लंबे समय से IPL का हिस्सा हैं, उन्होंने कप्तानी की है और उनके शांत स्वभाव को लेकर हर कोई आश्वस्त है।
इसी वजह से KKR ने उन्हें कप्तान बनाया, लेकिन भविष्य को ध्यान में रखते हुए वेंकटेश अय्यर को उप-कप्तान बनाकर लीडरशिप सीखने का मौका दिया। KKR का यह फैसला फ्यूचर प्लानिंग का हिस्सा है। वेंकटेश अय्यर एक शानदार खिलाड़ी हैं और टीम का अहम हिस्सा हैं, लेकिन अभी उन्हें कप्तानी की बजाय अपने खेल पर ध्यान देने और अनुभव हासिल करने की जरूरत है। अगर वह इसी तरह प्रदर्शन करते रहे, तो भविष्य में उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स का कप्तान बनते देखना कोई बड़ी बात नहीं होगी।
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