आईसीसी चेयरमैन और बीसीसीआई के पूर्व सचिव जय शाह ने बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के दो प्रमुख क्रिकेट स्टेडियम वांडरर्स और सेंचुरियन का अचानक दौरा किया। यह दौरा उस समय हुआ जब वह ज़िम्बाब्वे में आईसीसी बोर्ड मीटिंग्स में हिस्सा लेने के बाद भारत लौटने की यात्रा पर थे। रास्ते में उन्होंने बोत्सवाना में भी रुककर दक्षिण अफ्रीका के लिए फ्लाइट ली और फिर उसी दिन भारत रवाना हो गए।
हालांकि, यह दौरा अनौपचारिक था, लेकिन इसे बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और नामीबिया मिलकर 2027 वनडे वर्ल्ड कप की मेज़बानी करने जा रहे हैं। इस दौरान वांडरर्स और सेंचुरियन जैसे स्टेडियमों का इस्तेमाल किया जाएगा, और संभावना है कि फाइनल मुकाबला जोहान्सबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में ही खेला जाएगा।
संयोगवश टाइटंस अवॉर्ड्स में पहुँचे जय शाह
जय शाह के सेंचुरियन पहुंचने का समय एक संयोगवश खास इवेंट से मेल खा गया। उस दिन टाइटंस फ्रेंचाइज़ी के सालाना पुरस्कार समारोह का आयोजन था, जहां वीवीआईपी मेहमानों के लिए ब्लू कारपेट और रेड कारपेट बिछाया गया था। डिनर, सजावट और संपूर्ण माहौल ऐसा था मानो खासतौर पर शाह के स्वागत के लिए तैयार किया गया हो। हालांकि, आयोजकों ने साफ किया कि यह सब पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार था और जय शाह का दौरा सिर्फ एक ‘खुशगवार इत्तेफाक’ रहा।
इससे पहले शाह लायंस क्रिकेट टीम के अध्यक्ष मोहम्मद मूसा जी के साथ वांडरर्स पहुंचे थे। टीम के सीईओ जोनों लीफ-राइट ने बताया कि शाह स्टेडियम की स्थिति देखने आए थे क्योंकि उन्हें यहां आए काफी समय हो चुका था। उन्होंने मीडिया सेंटर से लेकर ड्रेसिंग रूम, टनल और मैदान तक का निरीक्षण किया।
2027 वर्ल्ड कप से पहले स्टेडियम की स्थिति का आकलन
भले ही इस दौरे की कोई आधिकारिक बैठक नहीं हुई, लेकिन जय शाह का मैदानों का खुद जाकर निरीक्षण करना इस बात का संकेत है कि वह 2027 वर्ल्ड कप की तैयारियों को लेकर गंभीर हैं। वांडरर्स और सेंचुरियन दोनों मैदान 2003 वर्ल्ड कप में भी उपयोग किए गए थे, लेकिन तब से लेकर अब तक बहुत कुछ बदल चुका है।
अब इन मैदानों पर ड्रॉप-इन पिचें लगाने की योजना है, जिससे विकेट की क्वालिटी और स्टेबिलिटी को बेहतर बनाया जा सके। 2003 में ऐसा कोई सिस्टम नहीं था। साथ ही फ्लडलाइट टेक्नोलॉजी भी बहुत उन्नत हो चुकी है, लेकिन अब भी सभी मैदानों में समान स्तर की लाइट उपलब्ध नहीं है।
जय शाह के दौरे के दौरान हाईवेल्ड इलाके में जबरदस्त बारिश भी हुई, जिससे मैदान के ड्रेनेज सिस्टम की स्थिति देखने का मौका मिला। बताया जा रहा है कि वांडरर्स और सेंचुरियन दोनों ही मैदान अच्छी ड्रेनेज सुविधा के चलते इस चुनौती पर खरे उतरे।
क्यों अहम है यह दौरा?
2027 वर्ल्ड कप अभी भले ही दो साल दूर हो, लेकिन इस तरह की तैयारियों से यह साफ होता है कि आईसीसी किसी भी संभावित अड़चन से पहले ही स्थिति को समझना चाहता है। जय शाह जैसे प्रभावशाली क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेटर का मैदानों का दौरा करना इस ओर इशारा करता है कि आयोजन को लेकर प्राथमिकता और रणनीतिक सोच अभी से शुरू हो चुकी है।
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