Sachin Tendulkar Birthday: आज क्रिकेट के मैदान के सबसे बड़े नामों में से एक सचिन रमेश तेंदुलकर का जन्मदिन है। 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में जन्मे सचिन आज 52 साल के हो गए हैं, लेकिन उनके नाम और काम का असर आज भी उतना ही गहरा है जितना उनके कॅरियर के सुनहरे दौर में था।
STF के ज़रिए समाज में ला रहे बदलाव

मैदान पर रनों की बरसात करने वाले सचिन अब मैदान के बाहर भी समाज में बड़ा रोल निभा रहे हैं। 2019 में सचिन और उनकी पत्नी डॉ. अंजलि तेंदुलकर ने सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन (STF) की शुरुआत की, जिसका मकसद है, शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल के माध्यम से बच्चों का भविष्य संवारना।
आज STF देश के 15 राज्यों में 1.1 लाख से अधिक बच्चों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला चुका है। स्मार्ट क्लास, डिजिटल लर्निंग से लेकर खेलों के ज़रिए आत्मबल बढ़ाने तक, STF कई मोर्चों पर बच्चों के साथ खड़ा है।
STF ने ‘High5’ नामक पहल के तहत बच्चों को बास्केटबॉल और अन्य खेलों में प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मविश्वास, टीम वर्क और नेतृत्व जैसे जीवन-कौशल सिखाने का काम शुरू किया है। यह पहल खास तौर पर आदिवासी और वंचित समुदायों के बच्चों के लिए है। सचिन का मानना है कि, “खेल शरीर को ही नहीं, सोच और आत्मा को भी मज़बूत करता है। जब बच्चा खेलता है, वह अपने सपनों को जीता है।”
मैदान से भगवान बनने तक का सफर

1989 में पाकिस्तान के खिलाफ 16 साल की उम्र में डेब्यू करने वाले सचिन ने 24 साल तक भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 200 टेस्ट में 15,921 रन और 51 शतक, वहीं 463 वनडे में 18,426 रन और 49 शतक, ये आंकड़े बताते हैं कि क्यों उन्हें क्रिकेट का भगवान कहा जाता है।
IPL और वर्ल्ड कप जीत में रहा अहम योगदान
मुंबई इंडियंस के लिए IPL में खेलने वाले सचिन ने 2010 में ऑरेंज कैप जीता। 2011 के वर्ल्ड कप में उनकी मौजूदगी ने भारतीय टीम को मानसिक मज़बूती दी, और भारत ने 28 साल बाद ट्रॉफी जीती।
सम्मान और पुरस्कार

भारत सरकार ने 2014 में उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया, वो इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान को पाने वाले पहले खिलाड़ी बने। इसके अलावा, अर्जुन अवॉर्ड (1994), राजीव गांधी खेल रत्न (1997), पद्मश्री (1999) और पद्म विभूषण (2008) से भी नवाज़ा गया।
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