Top 10 Most Iconic Moments in Cricket History: क्रिकेट एक ऐसा खेल है जो दुनिया भर के करोड़ों लोगों के दिलों में बसता है। यह खेल सिर्फ रन और विकेट तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें भावनाएं, जज़्बात और इतिहास की बड़ी-बड़ी कहानियां जुड़ी होती हैं। कभी कोई एक शॉट, एक कैच या एक ओवर पूरे मैच की कहानी बदल देता है और वो पल हमेशा के लिए अमर बन जाता है।
दुनिया के क्रिकेट इतिहास में ऐसे कई लम्हे आए हैं जो आज भी फैंस के ज़हन में जिंदा हैं। इन पलों ने खिलाड़ियों की पहचान बनाई, टीमों की किस्मत बदली और करोड़ों लोगों को प्रेरणा दी। आइए जानते हैं ऐसे ही टॉप 10 सबसे यादगार और आइकॉनिक क्रिकेट मोमेंट्स के बारे में, जिन्होंने इतिहास रच दिया।
ये हैं क्रिकेट इतिहास के 10 सबसे यादगार और आइकॉनिक मोमेंट्स
1. कपिल देव की 175* रनों की ऐतिहासिक पारी – 1983 वर्ल्ड कप
18 जून 1983 को जब भारत जिम्बाब्वे के खिलाफ 17 रन पर 5 विकेट गंवा चुका था, तब कप्तान कपिल देव ने ऐसी पारी खेली जिसने भारत का विश्व कप सफर बचा लिया। उन्होंने 138 गेंदों में 175 रन बनाए और भारत को 266 के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। ये पारी उस समय रिकॉर्ड नहीं हो सकी क्योंकि मैच का टेलीकास्ट नहीं हुआ, लेकिन क्रिकेट इतिहास में यह एक ऐतिहासिक मोड़ था, जिसने भारत को पहली बार वर्ल्ड कप जिताने की नींव रखी।
2. एमएस धोनी का विजयी छक्का – 2011 वर्ल्ड कप फाइनल
2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में जब एमएस धोनी ने नुवान कुलशेखरा की गेंद पर लंबा छक्का लगाया, तब पूरा देश खुशी से झूम उठा। इस शॉट ने भारत को 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीत दिलाई। धोनी की इस शांत और आत्मविश्वासी फिनिश ने उन्हें ‘कैप्टन कूल’ की छवि दी और यह पल भारत के क्रिकेट इतिहास का सबसे यादगार लम्हा बन गया।
3. सचिन तेंदुलकर का ‘डेजर्ट स्टॉर्म’ – 1998 शारजाह कप
1998 में शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए दो बैक टू बैक मैचों में सचिन तेंदुलकर ने ऐसी पारियां खेलीं जिन्हें ‘डेजर्ट स्टॉर्म’ कहा गया। पहले मैच में तूफान के बीच 143 रन और फिर फाइनल में 134 रन बनाकर उन्होंने अकेले दम पर भारत को चैंपियन बनाया। ये मोमेंट सचिन को ‘गॉड ऑफ क्रिकेट’ कहे जाने की शुरुआत था।
4. युवराज सिंह के 6 गेंदों पर 6 छक्के – 2007 T20 वर्ल्ड कप
इंग्लैंड के खिलाफ 19वें ओवर में युवराज सिंह ने स्टुअर्ट ब्रॉड की 6 गेंदों पर 6 छक्के जड़ दिए। इससे पहले एंड्रयू फ्लिंटॉफ से हुई बहस ने युवराज को और उग्र कर दिया। इस पारी ने युवराज को टी20 फॉर्मेट का सुपरस्टार बना दिया और भारत को वर्ल्ड कप जिताने की ओर एक अहम मोड़ दिलाया।
5. ब्रायन लारा का 400 रन – 2004 टेस्ट बनाम इंग्लैंड*
वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज़ ब्रायन लारा ने एंटीगुआ टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 400* रनों की पारी खेलकर इतिहास रच दिया। ये अब तक का सबसे बड़ा व्यक्तिगत टेस्ट स्कोर है। इससे पहले भी लारा ने 1994 में 375 रन बनाए थे, लेकिन बाद में मैथ्यू हेडन ने 2003 में 380 रन बनाकर उनका रिकॉर्ड तोड़ दिया था। हालाँकि, 2004 में लारा एक बार फिर टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले बल्लेबाज बन गए।
6. अनिल कुंबले के 10 विकेट – 1999 दिल्ली टेस्ट
पाकिस्तान के खिलाफ फिरोजशाह कोटला (अब अरुण जेटली स्टेडियम) में अनिल कुंबले ने एक ही पारी में 10 विकेट लेकर इतिहास रच दिया। इससे पहले टेस्ट क्रिकेट में ऐसा कारनामा सिर्फ एक बार हुआ था, जिसे इंग्लैंड के जिम लेकर ने किया था। यह भारतीय क्रिकेट का गर्व भरा पल था, जिसने कुंबले को भारत के सबसे महान स्पिनर के रूप में स्थापित किया।
7. दक्षिण अफ्रीका का 434 रन का चेज – 2006 बनाम ऑस्ट्रेलिया
जोहनसबर्ग में खेले गए इस वनडे में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 434 रन बनाए, जो उस समय का सबसे बड़ा वनडे स्कोर था। लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने हर्शल गिब्स (175) की दमदार पारी की बदौलत 438 रन बनाकर लक्ष्य हासिल कर लिया। यह मैच अब तक का सबसे रोमांचक वनडे मुकाबला माना जाता है। इसके अलावा, यह वनडे क्रिकेट में अब तक का सबसे बड़ा रन चेज भी है।
8. बेन स्टोक्स की हेडिंग्ले हीरोइक्स – 2019 एशेज टेस्ट
इंग्लैंड एशेज टेस्ट हार की कगार पर था, लेकिन बेन स्टोक्स ने 135* रन की नाबाद पारी खेलकर मैच पलट दिया। आखिरी विकेट के साथ उन्होंने 76 रन की पार्टनरशिप की और अकेले दम पर टीम को जीत दिलाई। यह टेस्ट इतिहास की सबसे जबरदस्त वापसी कही जाती है।
9. मुथैया मुरलीधरन का 800वां टेस्ट विकेट – 2010
श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुरलीधरन ने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलते हुए 800वां विकेट लेकर एक नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने यह मुकाम गाले टेस्ट में भारत के खिलाफ हासिल किया। आज तक कोई गेंदबाज उनके इस आंकड़े के करीब नहीं पहुंच सका।
10. भारत की गाबा जीत – 2021 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी
ऑस्ट्रेलिया का गाबा मैदान 32 साल तक अजेय किला बना रहा, लेकिन 2021 में चोटिल खिलाड़ियों से भरी भारतीय युवा टीम ने वहां टेस्ट जीतकर इतिहास रच दिया। ऋषभ पंत की नाबाद 89 रन की पारी और मोहम्मद सिराज की घातक गेंदबाज़ी ने भारत को सीरीज 2-1 से जिता दी। यह जीत जज़्बे और जुझारूपन की मिसाल बन गई।
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