WPL 2025 Final: वीमेंस प्रीमियर लीग 2025 का महामुकाबला आज मुंबई के ऐतिहासिक ब्रेबॉर्न स्टेडियम में खेला जाएगा, जहां मुंबई इंडियंस (MI) और दिल्ली कैपिटल्स (DC) की टीमें आमने-सामने होंगी। 15 मार्च 2025 की रात 7:30 बजे से होने वाले इस हाई-वोल्टेज मुकाबले में कौन बाजी मारेगा, ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन उससे पहले आइए जानते हैं कि इस खिताबी जंग में पिच का मिजाज कैसा रहने वाला है।
ब्रेबॉर्न स्टेडियम का WPL 2025 में रिकॉर्ड

WPL 2025 सीजन में इस मैदान पर कुल 12 मैच खेले गए हैं, जिनमें से पहले बैटिंग करने वाली टीम ने 6 मैच जीते हैं, जबकि चेज़ करने वाली टीम ने भी 6 मुकाबलों में जीत दर्ज की है। यानी, यह पिच बैलेंस्ड कही जा सकती है, जहां सही रणनीति अपनाकर कोई भी टीम जीत हासिल कर सकती है। सबसे बड़ा स्कोर इस सीजन में 209 रन रहा है, जो बताता है कि इस मैदान पर बड़े स्कोर बन सकते हैं।
ब्रेबॉर्न स्टेडियम पिच रिपोर्ट
ब्रेबॉर्न स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों के लिए जानी जाती है। यहां बॉल अच्छी बाउंस और पेस के साथ आती है, जिससे शॉट खेलना आसान हो जाता है। मैच के शुरुआती ओवरों में बल्लेबाजों को पूरा फायदा मिलता है, लेकिन जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ता है, स्पिनर्स और तेज गेंदबाजों की भूमिका अहम हो जाती है।
खासकर, डेथ ओवर्स में गेंदबाज अपनी विविधताओं से मैच का रुख बदल सकते हैं। इस पिच पर हाई-स्कोरिंग मुकाबले देखे गए हैं, इसलिए जो भी टीम टॉस जीतेगी, वो पहले बैटिंग करना पसंद करेगी ताकि बोर्ड पर एक बड़ा स्कोर खड़ा किया जा सके। लेकिन ध्यान देने वाली बात ये भी है कि इस ग्राउंड पर रन चेज करना भी मुश्किल नहीं है, क्योंकि पिच ज्यादा स्लो नहीं होती।
MI vs DC: किन खिलाड़ियों पर रहेंगी नज़रें?
मुंबई इंडियंस की कप्तान हरमनप्रीत कौर फिनिशर की भूमिका में शानदार हैं, जबकि नैट स्किवर-ब्रंट इस सीजन में 493 रन बनाकर मैच-विनर साबित हुई हैं। वहीं, हेली मैथ्यूज़ ने 17 विकेट लेकर पर्पल कैप पर कब्जा जमाया है।
दिल्ली कैपिटल्स की बात करें तो उनकी कप्तान मेग लैनिंग की कप्तानी और बैटिंग DC की सबसे बड़ी ताकत है। शेफाली वर्मा विस्फोटक ओपनर हैं, जो मैच की दिशा बदल सकती हैं, जबकि जेस जोनासन और शिखा पांडे ऑलराउंडर के रूप में गेंद और बल्ले दोनों से कमाल कर सकती हैं।
क्या होगी पिच पर सही रणनीति?

टॉस जीतने वाली टीम पहले बैटिंग करना पसंद करेगी ताकि बोर्ड पर बड़ा स्कोर लगाया जा सके। शुरुआती 6 ओवरों में बल्लेबाजों को अटैक करना होगा, क्योंकि नई गेंद पिच पर अच्छे से आती है। गेंदबाजों को डेथ ओवर्स में स्लोअर और यॉर्कर पर ध्यान देना होगा, क्योंकि यहां पर सेट बैटर आसानी से शॉट खेल सकते हैं।
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