भारत में क्रिकेट का बोलबाला है और इसके पीछे सबसे बड़ा हाथ है, बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) का। अब यह अमीर क्रिकेट बोर्ड देश के ओलंपिक पदक की उम्मीदों को नई उड़ान देने के लिए तैयार है।
BCCI ने 2028 लॉस एंजेलेस ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए 2-3 अन्य खेलों को अपनाने और उन्हें आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव रखा है। इसका उद्देश्य है उन खेलों में खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करना, जिससे भारत की पदक की संभावनाएं बढ़ सकें।
खेल मंत्रालय के साथ साझेदारी

बीसीसीआई ने हाल ही में, खेल मंत्री मनसुख मांडविया के साथ बैठक में इस प्रस्ताव को साझा किया। बैठक में 58 कॉर्पोरेट घरानों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने बताया कि बोर्ड 2-3 ओलंपिक खेलों को अपनाने के लिए इच्छुक है और यह निर्णय खेल मंत्रालय पर छोड़ता है कि कौन से खेल चुने जाएं।
खेलों के लिए समर्पित प्रशिक्षण केंद्र
खेल मंत्रालय की योजना है कि प्रत्येक खेल के लिए एक समर्पित ओलंपिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाए, जहां 100 से 200 शीर्ष एथलीटों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। बीसीसीआई का अनुभव, जैसे कि बेंगलुरु में नई नेशनल क्रिकेट एकेडमी की स्थापना, इन केंद्रों के विकास में सहायक हो सकता है।
ओडिशा मॉडल से मिली प्रेरणा

ओडिशा सरकार और हॉकी इंडिया की साझेदारी ने भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। ओडिशा ने न केवल आर्थिक सहायता प्रदान की, बल्कि खेल के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा भी विकसित किया। बीसीसीआई भी इसी तरह की सफलता की उम्मीद कर रहा है, जिससे अन्य खेलों में भी भारत की स्थिति मजबूत हो सके।
बीसीसीआई का यह कदम भारतीय खेलों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। यदि यह योजना सफल होती है, तो 2028 लॉस एंजेलेस ओलंपिक में भारत की पदक तालिका में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा सकती है।
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