Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत की प्रीति पाल ने किया कमाल, जीत लिया ब्रॉन्ज मेडल
Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत की पैरा एथलीट प्रीति पाल ने महिलाओं की 200 मीटर टी35 श्रेणी में ब्रॉन्ज जीत लिया है। उनकी इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको बधाई दी है।
Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक 2024 (Paris Paralympics 2024) में भारत की पैरा एथलीट प्रीति पाल ने महिलाओं की 200 मीटर टी35 श्रेणी में ब्रॉन्ज जीत लिया है। उनकी इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको बधाई दी है। भारत ने अब तक इन खेलों में कुल 7 पदक जीत लिए है। वहीं इस इवेंट का स्वर्ण पदक चीन की जिया झोउ ने जीता है।
भारत की इस स्टार पैरा एथलीट प्रीति पाल ने अपनी दौड़ पूरी करने लिए कुल 30.01 सेकेंड का समय लिया था। इस इवेंट में चीन की जिया झोउ पहले नंबर पर रही हैं। चीन की इस एथलीट ने इस रेस को पूरी करने के लिए 28.15 सेकेंड का समय लिया। जिसके चलते हुए इस इवेंट का उनको स्वर्ण पदक मिला है। वहीं इस रेस में दूसरे नंबर पर चीन की ही गुओ कियानकियान रही हैं। उन्होंने इस रेस को पूरी करने के लिए 29.09 सेकेंड का समय लिया।
वहीं भारत की पैरा एथलीट प्रीति पाल का इन पेरिस पैरालंपिक 2024 (Paris Paralympics 2024) के खेलों में यह उनका दूसरा पदक है। इन पैरा खेलों में वह टी35 में हिस्सा लेती है। जिसमें हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस जैसी समन्वय संबंधी विकार होते हैं। इससे पहले शुक्रवार को प्रीती ने पैरालंपिक ट्रैक स्पर्धा में भारत का पहला एथलेटिक्स पदक जीता था।
भारत की इस स्टार पैरा एथलीट प्रीती पाल ने तब महिलाओं की टी35 100 मीटर प्रतियोगिता में 14.21 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ कांस्य पदक जीता था। तभी तो इस बार भारत ने पैरालंपिक के 1984 चरण के बाद से जो भी एथलेटिक्स पदक जीते थे वो सभी फील्ड स्पर्धा से आए थे।
Paris Paralympics 2024 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया ट्वीट :-
भारत की इस स्टार पैरा एथलीट प्रीति पाल के एक और पदक जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि, ” प्रीति पाल की यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि, क्योंकि प्रीती ने पैरालंपिक 2024 (Paris Paralympics 2024) में अपना दूसरा मेडल जीता है। यह पदक उन्होंने महिलाओं की 200 मीटर टी35 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। तभी तो वह भारत के लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं। प्रीती का समर्पण वास्तव में उल्लेखनीय है।”
Paris Paralympics 2024 प्रीति के संघर्ष की कहानी :-
यूपी के मुजफ्फरनगर से संबंध रखने वाली प्रीति ने छोटी से उम्र में कई दिक्कतों का सामना किया। उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। इतना ही नहीं कमजोर और असामान्य पैर की स्थिति के कारण पैदा होने के 6 दिन बाद ही शरीर के निचले हिस्से पर प्लास्टर बांधना पड़ा था। तब प्रीती का सालों तक इलाज चला था। लेकिन फिर भी इसका कोई खास फायदा नहीं हुआ।
प्रीती पाल को पांच साल की उम्र में कैलिपर पहनना पड़ा जिसका आठ सालों तक उन्होंने उपयोग किया। लेकिन फिर भी प्रीती के अंदर काफी जज्बा था और कम उम्र में ही वह ट्रेनिंग के लिए दिल्ली आ गईं थी। इसके बाद उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से अपना सपना पूरा किया। पेरिस पैरालंपिक 2024 में 2 मेडल जीतकर उन्होंने अपने परिवार और देश का नाम रौशन किया है।
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