Saturday, July 12

Rahul Dravid: मार्च 2007 में पोर्ट-ऑफ-स्पेन के क्वींस पार्क ओवल में खिलाड़ियों की बालकनी पर तत्कालीन कप्तान राहुल द्रविड़ और निराश भारतीय टीम का वो दृश्य भला किस क्रिकेट फैन को याद नहीं होगा। वनडे विश्व कप 2007 पहले दौर में ही बाहर होना एक ऐसा क्षण था, जो भारतीय क्रिकेट के लिए बदनामी से भरा हुआ था, लेकिन इसके बाद वह अगले डेढ़ दशक विश्व क्रिकेट पर पूरी तरह से हावी रहे।

वर्ल्ड कप 2007 के पहले दौर से बाहर होने के बाद उस समय भारतीय क्रिकेट के तात्कालिक भविष्य पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा था। जैसे एमएस धोनी को टी20 टीम का कप्तान बनाने पर बड़ा दांव, भारत का पहला टी20 वर्ल्ड कप (2007) जीतना और उसी साल आईपीएल शुरू करने जैसी योजनाएं इनमें प्रमुख हैं।

IND vs Bangladesh /Courtesy: Getty Images

2007 के बाद से भारतीय क्रिकेट का दबदबा पूरे विश्व में रहा। आज भारतीय टीम जिस भी टूर्नामेंट में खेलती है, वह खिताब जीतने के प्रमुख दावेदारों में से एक जरूर मानी जाती है। लेकिन यह सब भारतीय क्रिकेट के लिए शर्मिंदगी के उस पल से जुड़ा है, जब वे वर्ल्ड कप 2007 में अगले दौर में जाने में विफल रहे थे। जब भी कोई भारतीय टीम के उस वर्ल्ड कप अभियान का जिक्र करता है, तो आमतौर पर दो तरह की दुखद तस्वीरें सामने आती हैं।

एक दुखद तस्वीर में कप्तान के रूप में राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) अपनी बाईं आंख पर हाथ रखे बैठे हैं, मानो पोर्ट ऑफ स्पेन में उस शाम को जो कुछ हुआ था, उसे देखने के लिए भी वे खुद को तैयार नहीं कर पा रहे हों। एक दूसरी तस्वीर, जिसमें कई भारतीय खिलाड़ी एक साथ बैठे हैं, हर कोई अलग-अलग भाव दिखा रहा है, लेकिन सामने और बीच में बैठे द्रविड़ अपने नाखूनों को काट रहे हैं और उनकी बाकी उंगलियां उनके बाएं गाल पर हैं।

हालांकि, इसके बाद जो कुछ हुआ, उसका भविष्य के सभी विश्व कपों पर जो प्रभाव पड़ा, यह सब अच्छी तरह से प्रचारित किया गया है। उदाहरण के रूप में, किसी भी फॉर्मेट के वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान का अब ग्रुप स्टेज में एक दूसरे से भिड़ना तय है। हालांकि, द्रविड़ की उन निराश तस्वीरों पर किसी का उतना ध्यान नहीं गया। वह आखिरी बार था जब उन्होंने वर्ल्ड कप मैच में या कैरेबियाई धरती पर किसी भी मैच में भारत की कप्तानी की थी।

कैरिबियाई धरती पर टी20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ भारतीय टीम से विदाई लेंगे Rahul Dravid!

Rahul Dravid /Courtesy: Getty Images

बतौर कप्तान वर्ल्ड कप 2007 में निराशाजनक प्रदर्शन के 17 साल बाद राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) के पास कैरिबियाई धरती पर टी20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीतकर भारतीय टीम से विदाई लेने का मौका रहेगा। हालांकि, वह अकेले इस जीत का श्रेय लेने के खिलाफ रहते हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर उनके फैंस उनकी विदाई को एक प्रेरणा के रुप में इस्तेमाल करना चाहते हैं।

टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल से पहले द्रविड़ ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, “यह पूरी तरह से मेरे व्यक्तित्व के खिलाफ है और यह मेरे मूल्यों के भी खिलाफ है। आप जानते हैं, मैं वास्तव में ‘किसी के लिए करो’ में विश्वास नहीं करता। मुझे वह कथन बहुत पसंद है जिसमें कोई व्यक्ति किसी से पूछता है, ‘तुम माउंट एवरेस्ट पर क्यों चढ़ना चाहते हो?’ और वह कहता है ‘मैं माउंट एवरेस्ट पर इसलिए चढ़ना चाहता हूं, क्योंकि मैं यहाँ हूँ। हम यह विश्व कप क्यों जीतना चाहते हैं? क्योंकि हम यहाँ हैं। ”

Rahul Dravid /Courtesy: Getty Images

दिग्गज ने आगे कहा, “यह किसी के लिए नहीं है, यह किसी दूसरे के लिए नहीं है, यह सिर्फ जीतने के लिए है। मैं सिर्फ अच्छा क्रिकेट खेलना चाहता हूं और हां, किसी के लिए ऐसा करना पूरी तरह से मेरे व्यक्तित्व और मेरी आस्था के खिलाफ है, इसलिए मैं इसके बारे में बात नहीं करना चाहता और इस पर चर्चा नहीं करना चाहता। अगर आप उस [सोशल मीडिया] कैम्पेन को हटवा सकते हैं, तो मैं इसकी सराहना करूंगा।”

IND vs SA: T20 World Cup 2024 Final से पहले राहुल द्रविड़ ने लिया पिच का जायजा

शनिवार (29 जून) की सुबह बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल में खेले जाने वाले फाइनल मैच से पहले अपने कोचिंग स्टाफ के कुछ साथी सदस्यों के साथ केंसिंग्टन ओवल की पिच और मैदान का जायजा लेने के लिए वहां का दौरा किया।

गौरतलब हो कि, भारतीय टीम को टी20 वर्ल्ड कप 2024 का फाइनल मुकाबला दक्षिण अफ्रीका के साथ बारबाडोस के ब्रिजटाउन स्थित केंसिंग्टन ओवल में खेलना है। दोनों ही टीमें इस टूर्नामेंट में अजेय रहीं है और दोनों टीमों के पास कई मैच विनर खिलाड़ी मौजूद हैं। इसीलिए, यह मुकाबला बेहद ही दिलचस्प और रोमांचक होने वाला है।

कोच और कप्तान के रूप में द्रविड़ की भूमिका रही है एक जैसी

Rahul Dravid /Courtesy: Getty Images

भारतीय टीम के कोच के रूप में और कप्तान के रूप में द्रविड़ की भूमिका एक जैसी रही है। कप्तान के रूप में, उन्होंने सौरव गांगुली और एमएस धोनी के अधिक जैसे दिग्गज कप्तानों के बीच की अवधि को संभाला और अच्छा काम भी किया। अब, कोच के रूप में रवि शास्त्री की कुछ हद तक सफलता के बाद द्रविड़ में मुख्य कोच के रूप में भारतीय टीम की कमान संभाली थी।

द्रविड़ इससे पहले भारत-ए और भारतीय अंडर-19 टीम के मुख्य कोच के साथ-साथ नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) के प्रमुख भी रह चुके हैं। हालांकि, कई भारतीय खिलाड़ियों को निखारने में उनककी बड़ी भूमिका रही है, चाहे वह अंडर-19 स्तर पर ऋषभ पंत और अर्शदीप सिंह हों, इंडिया ए स्तर पर हार्दिक पांड्या हों या फिर रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे बड़े खिलाड़ी हों।

बता दें कि, राहुल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रोहित शर्मा के पहले कप्तान थे, जो अब भारतीय टीम के कप्तान हैं। द्रविड़, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) में विराट कोहली के पहले आईपीएल कप्तान भी थे। इसके साथ ही साथ, वे उन्होंने ही किंग्स्टन के सबीना पार्क में कैरेबियाई धरती पर अपनी पहली टेस्ट पारी के लिए मैदान में कोहली का स्वागत किया था।

राहुल द्रविड़ की कोचिंग में ऐसा रहा है मल्टीनेशनल इवेंट्स में भारत का प्रदर्शन

राहुल द्रविड़ टी20 वर्ल्ड कप 2021 में भारत के ग्रुप स्टेज से बाहर होने के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच बने थे। तब से लेकर अब तक वह भारत ने दो एशिया कप, दो टी20 वर्ल्ड कप और एक वनडे वर्ल्ड कप खेला है। आइए जानते हैं कि, राहुल द्रविड़ की कोचिंग में भारत ने मल्टीनेशनल इवेंट्स में कैसा प्रदर्शन किया है।

एशिया कप 2022 (टी20) – सुपर 4

टी20 वर्ल्ड कप 2022 – सेमीफाइनल

एशिया कप 2023 (वनडे) – विजेता

क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 – उप-विजेता

टी20 वर्ल्ड कप 2024 – फाइनल*

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नीतिश कुमार मिश्र (Neetish Kumar Mishra) एक अनुभवी स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट हैं, जो खेलों की दुनिया की बारीकियों को समझने और उसे सरल, सटीक और प्रभावशाली अंदाज में पेश करने के लिए जाने जाते हैं। वे क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस और अन्य खेलों की गहरी समझ के साथ, खेल समाचार, आंकड़े, मैच प्रीव्यू, हेड टू हेड रिकॉर्ड और फैंटेसी 11 प्रेडिक्शन में महारत रखते हैं। उनकी लेखनी का उद्देश्य पाठकों को ताजा और सटीक जानकारियों के साथ अपडेट रखना है।

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