Most Iconic Cricket Celebrations of All Time: क्रिकेट में रन और विकेट जितने अहम होते हैं, उतने ही यादगार वो पल होते हैं, जब खिलाड़ी मैदान पर अपनी खुशी जाहिर करते हैं। यह खुशी कभी छलांगों में दिखती है, कभी मुट्ठी बांधने में, तो कभी ऐसे अनोखे अंदाज में, जो खेल से ज्यादा खिलाड़ी की सोच, भावनाएं और पहचान को दर्शाते हैं। कुछ सेलिब्रेशन तो इतने असरदार रहे हैं कि सालों बाद भी उनकी तस्वीरें और वीडियो फैंस के दिमाग में ताज़ा हैं।
यह कहानियां सिर्फ एक मैच के स्कोर या नतीजे से आगे बढ़कर हैं। इन पलों में कभी परंपरा को तोड़ने का साहस है, तो कभी विरोधियों को खामोश करने का आत्मविश्वास। कभी यह अपनी संस्कृति का गर्व है, तो कभी शांत लेकिन गहरा संदेश। आइए जानते हैं क्रिकेट इतिहास के पांच ऐसे सेलिब्रेशन, जिनमें सिर्फ जश्न नहीं, बल्कि खेल से जुड़े सबसे भावुक और प्रेरणादायक किस्से भी छुपे हैं।
ये हैं क्रिकेट इतिहास के 5 सबसे यादगार सेलिब्रेशन
1. सौरव गांगुली का लॉर्ड्स में टी-शर्ट उतारकर जश्न
जब टीम इंडिया ने लॉर्ड्स में नेटवेस्ट सीरीज 2002 का फाइनल मुकाबला आखिरी ओवर में जीता था, तो फिर उसके बाद बालकनी में खड़े कप्तान सौरव गांगुली ने अपनी टी-शर्ट उतारकर हवा में लहराना शुरू कर दिया था।
यह महज़ एक सेलिब्रेशन नहीं था, बल्कि सालों की दबे हुए आत्मविश्वास की गूंज थी। साथ ही यह एक ऐलान था कि भारतीय टीम अब मैदान पर किसी से कम नहीं है। उस दिन गांगुली ने सिर्फ मैच नहीं जीता, बल्कि एक नई क्रिकेटिंग सोच को जन्म दिया।
2. विराट कोहली का “बैट बोलेगा, मुंह नहीं” अंदाज
विराट कोहली मैदान पर उतने ही आक्रामक हैं जितना उनका खेल। जब भी दर्शकों की हूटिंग या विपक्षी टीम की चुहलबाजी तेज होती है, वह बल्ला उठाकर होंठों पर उंगली रखते हैं या इशारा करते हैं कि “जवाब शब्दों से नहीं, बैट से मिलेगा”। यह सेलिब्रेशन उनके आत्मविश्वास का सबसे बड़ा सबूत है। कोहली का यह अंदाज बताता है कि असली जवाब स्कोरबोर्ड देता है।
3. शेल्डन कॉटरेल की सेना वाली सलामी
वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज शेल्डन कॉटरेल विकेट लेने के बाद कुछ कदम मार्च करते हैं और फिर तेज़ी से सलामी ठोकते हैं। यह सिर्फ एक स्टाइलिश मूव नहीं, बल्कि उनकी आर्मी बैकग्राउंड का सम्मान है। जमैका डिफेंस फोर्स में रह चुके कॉटरेल के लिए यह जश्न उनकी जड़ों और अनुशासन की याद दिलाता है। वह जब भी विकेट लेने के बाद सलामी देते हैं, तो मैदान पर एक अलग ही शान बिखर जाती है।
4. जो रूट का “बैट ड्रॉप” सेलिब्रेशन
2018 में भारत के खिलाफ तीसरे वनडे मुकाबले में शतक बनाने के बाद इंग्लैंड के जो रूट ने ऐसे बल्ला गिराया, जैसे कोई माइक ड्रॉप करता है। कोई चिल्लाना नहीं, कोई ओवरएक्टिंग नहीं, बस एक शांत, ठंडी मुस्कान और आत्मविश्वास से भरा अंदाज। यह उस खिलाड़ी का जश्न था, जिसे पता है कि उसकी बल्लेबाज़ी खुद उसकी सबसे बड़ी आवाज़ है।
5. रविंद्र जडेजा का तलवार घुमाना
रविंद्र जडेजा जब भी बड़ा स्कोर बनाते हैं, वह बल्ले को तलवार की तरह घुमाते हैं। यह अंदाज उनकी राजपूती विरासत और योद्धा मानसिकता का प्रतीक है। जडेजा की यह मूवमेंट सिर्फ स्टाइल नहीं, बल्कि एक खिलाड़ी की कहानी है, जो मैदान को रणभूमि और अपने बल्ले को हथियार मानता है।
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