BFI Elections: भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के चुनाव लड़ने के लिए पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को एक बार फिर से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। क्यूंकि इससे पहले हिमाचल प्रदेश मुक्केबाजी संघ ने ठाकुर और इसके अध्यक्ष राजेश भंडारी को आम सालाना बैठक के लिए अपने दो प्रतिनिधियों के रूप में नामित किया था। वहीं इस बैठक का मुख्य एजेंडा साल 2025-2029 के कार्यकाल के लिए नए पदाधिकारियों का चुनाव कराना है।
अनुराग ठाकुर एक बार फिर हुए अयोग्य घोषित :-
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के चुनाव लड़ने के लिए पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को एक बार फिर से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। क्यूंकि 21 अगस्त को होने वाले चुनावों के लिए बुधवार को जारी निर्वाचक मंडल से उनका नाम हटा दिया गया है। वहीं इससे पहले हिमाचल प्रदेश मुक्केबाजी संघ ने ठाकुर और इसके अध्यक्ष राजेश भंडारी को आम सालाना बैठक के लिए अपने दो प्रतिनिधियों के रूप में नामित किया था।

इस बैठक का मुख्य एजेंडा साल 2025-2029 के कार्यकाल के लिए नए पदाधिकारियों का चुनाव कराना है। लेकिन अब बीएफआई की अंतरिम समिति ने जांच के बाद 66 सदस्यीय निर्वाचक मंडल जारी किया है। इसमें अनुराग ठाकुर का नाम शामिल नहीं था। वहीं इससे पहले अप्रैल में विश्व मुक्केबाजी ने महासंघ के दैनिक कार्यों की देखरेख के लिए अंतरिम समिति गठित की थी। इस बीच अब फैरुज मोहम्मद की अध्यक्षता वाली अंतरिम समिति के अनुसार ठाकुर का नामांकन ‘विश्व मुक्केबाजी द्वारा अनुमोदित बीएफआई के संविधान के अनुच्छेद 20 (तीन) और (सात) का उल्लंघन’ है।

इस बीच अब विश्व मुक्केबाजी द्वारा 18 मई को अनुमोदित संशोधित बीएफआई संविधान के अनुसार अनुच्छेद (तीन) में कहा गया था कि आम परिषद की बैठक में भाग लेने वाला नामित व्यक्ति ‘बीएफआई को विधिवत सूचित किए गए और बीएफआई पर्यवेक्षक की उपस्थिति में होने वाली चुनावी वार्षिक आम बैठक के दौरान राज्य के सदस्य संघ का निर्वाचित सदस्य होगा।’ क्यूंकि ठाकुर एचपीबीए के निर्वाचित सदस्य नहीं हैं और 28 मार्च को होने वाले चुनावों से पहले भी इसी आधार पर उनका नामांकन खारिज किया जा चुका है।

इससे पहले उस समय अयोग्यता तत्कालीन बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह द्वारा जारी एक कार्यालय निर्देश पर आधारित थी। वह प्रावधान अब औपचारिक रूप से संशोधित संविधान का हिस्सा है। इसके अतिरिक्त अनुच्छेद (सात) उन व्यक्तियों को अयोग्य घोषित करता है जो ‘‘सरकारी कर्मचारी हैं या कोई सार्वजनिक पद पर हैं ’’ और ठाकुर हिमाचल प्रदेश से वर्तमान सांसद भी हैं। क्यूंकि इससे पहले ठीक इसी तरह दिल्ली एमेच्योर मुक्केबाजी संघ के रोहित जैनेंद्र जैन का नामांकन भी संशोधित संविधान के अनुच्छेद (तीन) का उल्लंघन करने के कारण खारिज कर दिया गया था।

इसके अलावा इसी हफ्ते के शुरू में एचपीबीए अध्यक्ष भंडारी ने दावा किया है कि उन्होंने कार्यकारी परिषद की मंजूरी के बिना अंतरिम समिति द्वारा किए गए संवैधानिक संशोधनों की वैधता को चुनौती देते हुए एक नया मुकदमा दायर किया है। इसके अलावा बीएफआई के पूर्व पदाधिकारियों का कार्यकाल दो फरवरी को समाप्त हो गया था। इसके चुनाव पहले 28 मार्च को कराए जाने थे लेकिन कई कानूनी विवादों के कारण यह प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद अब विश्व मुक्केबाजी ने चुनाव पूरा करने के लिए 31 अगस्त की समय सीमा तय की है।
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