Tuesday, July 15

India’s Narrowest Defeats in Test Cricket: टेस्ट क्रिकेट में कई बार ऐसा हुआ है जब टीम जीत के बेहद करीब पहुंचती है, लेकिन आखिरी वक्त में बाजी हाथ से निकल जाती है। भारतीय क्रिकेट इतिहास में भी कुछ ऐसे मैच दर्ज हैं, जब टीम इंडिया सिर्फ कुछ रन से हार गई। खासकर ये हारें इसलिए भी याद रखी जाती हैं, क्योंकि उनमें भारत के महान बल्लेबाजों ने दमदार प्रदर्शन किया, लेकिन टीम को जीत नहीं मिल पाई।

आइए जानते हैं भारत की टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम रनों से हार के उन पलों को, जब जीत कुछ ही कदम की दूरी पर थी।

ये हैं टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया की टॉप 4 सबसे कम रनों से हार

4. 22 रन से हार – भारत बनाम इंग्लैंड, लॉर्ड्स टेस्ट 2025

2025 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेला गया तीसरा टेस्ट मुकाबला भारतीय फैंस के लिए बेहद भावुक कर देने वाला रहा। इंग्लैंड ने पहली पारी में 387 रन बनाए थे, जिसका भारत ने बराबरी करते हुए जवाब दिया। इसके बाद दूसरी पारी में इंग्लैंड 192 रनों पर सिमट गया और भारत के सामने 193 रनों का आसान-सा लक्ष्य था, लेकिन अंग्रेज गेंदबाजों ने अपनी धारदार गेंदबाजी से भारत के पांव उखाड़ दिए।

भारत की शुरुआत खराब रही, लेकिन रविंद्र जडेजा ने एक छोर पर डटकर लड़ाई लड़ी। उन्होंने नाबाद 61 रन बनाए और जीत की उम्मीदें जगाईं। लेकिन भारत की बाकी बल्लेबाजी बिखर गई और पूरी टीम 170 रनों पर ढेर हो गई। शोएब बसीर ने आखिरी विकेट लेकर भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। जडेजा का संघर्ष रंग नहीं ला सका और भारत यह मुकाबला 22 रनों से हार गया। लॉर्ड्स की इस हार ने करोड़ों भारतीयों का दिल तोड़ दिया।

3. 16 रन से हार – भारत बनाम पाकिस्तान, बेंगलुरु टेस्ट 1987

1987 में बेंगलुरु टेस्ट में भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसा मैच खेला गया जो आज भी रोमांच और अफसोस दोनों में याद किया जाता है। पाकिस्तान ने भारत के सामने 221 रनों का लक्ष्य रखा। लक्ष्य बड़ा नहीं था, लेकिन बेंगलुरु की कठिन पिच और इमरान खान की अगुआई में पाकिस्तान की गेंदबाजी ने भारत की राह मुश्किल कर दी।

सुनील गावस्कर ने अपनी आखिरी टेस्ट पारी में शानदार 96 रन बनाए। वे अकेले दम पर पाकिस्तान के गेंदबाजों से लोहा लेते रहे, लेकिन दूसरे छोर से कोई साथ नहीं दे सका। आखिरकार, भारत की पूरी टीम 204 रन पर सिमट गई और सिर्फ 16 रनों से मैच हार गई। गावस्कर का ये आखिरी टेस्ट भारत के हार के साथ खत्म हुआ, जिससे यह हार और भी ज्यादा यादगार और दु:खद बन गई।

2. 16 रन से हार – भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, ब्रिस्बेन टेस्ट 1977

1977 में भारत ने ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत की पूरी कोशिश की थी। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 341 रनों का लक्ष्य दिया था। जवाब में भारत की टीम ने शानदार संघर्ष किया। खासतौर पर सुनील गावस्कर ने 113 रनों की बेहतरीन पारी खेली। गावस्कर ने मैच को भारत की पकड़ में लाने की पूरी कोशिश की, लेकिन आखिर में साथियों का साथ न मिलने की वजह से भारत 324 रन पर ऑलआउट हो गया।

भारत ने यह मुकाबला 16 रनों से गंवाया। उस वक्त यह हार इसलिए भी ज्यादा मायने रखती थी क्योंकि विदेश में जीत की उम्मीदें जगी थीं। गावस्कर का शतक यादगार तो रहा, लेकिन भारत को वो ऐतिहासिक जीत नहीं मिल सकी।

1. 12 रन से हार – भारत बनाम पाकिस्तान, चेन्नई टेस्ट 1999

अगर भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे दिल तोड़ने वाली हार की बात करें तो 1999 का चेन्नई टेस्ट सबसे ऊपर आता है। पाकिस्तान ने भारत को जीत के लिए 271 रनों का लक्ष्य दिया। भारतीय पारी लड़खड़ाती रही, लेकिन सचिन तेंदुलकर ने एक छोर संभाल लिया। उन्होंने करियर की सबसे बेहतरीन में से एक पारी खेलते हुए 136 रन बनाए।

सचिन के रहते ऐसा लग रहा था कि भारत ये मैच जीत लेगा। लेकिन कमर दर्द से जूझ रहे सचिन जैसे ही आउट हुए, भारत की उम्मीदें भी टूट गईं। पूरी टीम 258 रन पर सिमट गई और पाकिस्तान ने मात्र 12 रनों से जीत हासिल कर ली। इस हार के बाद चेन्नई के दर्शकों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लिए तालियां बजाईं, लेकिन भारतीय फैंस का दिल टूट गया। आज भी ये हार भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के जहन में टीस बनकर मौजूद है।

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नीतिश कुमार मिश्र (Neetish Kumar Mishra) एक अनुभवी स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट हैं, जो खेलों की दुनिया की बारीकियों को समझने और उसे सरल, सटीक और प्रभावशाली अंदाज में पेश करने के लिए जाने जाते हैं। वे क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस और अन्य खेलों की गहरी समझ के साथ, खेल समाचार, आंकड़े, मैच प्रीव्यू, हेड टू हेड रिकॉर्ड और फैंटेसी 11 प्रेडिक्शन में महारत रखते हैं। उनकी लेखनी का उद्देश्य पाठकों को ताजा और सटीक जानकारियों के साथ अपडेट रखना है।

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