भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने इस महीने की शुरुआत में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर अपने शानदार करियर को अलविदा कह दिया। उन्होंने भारत के लिए 123 टेस्ट मैचों में 46.85 की औसत से कुल 9230 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक जड़े। कोहली का चार साल का गोल्डन पीरियड 2016 से 2019 तक रहा, जब उनका सालाना औसत कभी 55 से नीचे नहीं गया। खास बात यह रही कि 2016 और 2017 में उनका कैलेंडर ईयर औसत 75 से भी ऊपर रहा।
दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज एबी डी विलियर्स ने कोहली के रिटायरमेंट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कोहली ने अपने दिल की सुनी और एक शानदार विरासत के साथ टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा।
“टेस्ट क्रिकेट में कोहली की कमी महसूस होगी” – एबी डी विलियर्स
एक एनजीओ प्रोग्राम के दौरान मीडिया से बातचीत में एबी डी विलियर्स ने कहा, “उसने अपने दिल की सुनी। उसने सालों तक क्रिकेट को बहुत कुछ दिया है। अच्छी बात यह है कि हम उसे अभी भी क्रिकेट मैदान पर देखेंगे। लेकिन टेस्ट मैचों में उसकी कमी जरूर महसूस होगी। उसने लाल गेंद के क्रिकेट में एक शानदार विरासत छोड़ी है।”
डी विलियर्स और कोहली की दोस्ती जगजाहिर है। दोनों ने आईपीएल में लंबे समय तक रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए एक साथ आईपीएल में कई यादगार साझेदारियां की। डी विलियर्स के मुताबिक कोहली का टेस्ट से संन्यास भले ही एक बड़ा झटका हो, लेकिन यह फैसला पूरी तरह व्यक्तिगत था और इसे सम्मान देना चाहिए।
अब गिल की कप्तानी में नया युग शुरू
कोहली के अलावा रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। ऐसे में टीम इंडिया अब एक नए दौर में कदम रख रही है, जहां नेतृत्व की जिम्मेदारी युवा बल्लेबाज शुभमन गिल को सौंपी गई है। इंग्लैंड दौरे पर भारत की टेस्ट टीम में इन सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी टीम को जरूर खलेगी, लेकिन यह नए खिलाड़ियों के लिए खुद को साबित करने का बेहतरीन मौका भी है।
डी विलियर्स ने इस पर कहा, “अब वक्त आ गया है कि युवा खिलाड़ी आगे आएं। शुभमन गिल बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, और इसका बहुत बड़ा श्रेय आईपीएल को जाता है, जहां युवा खिलाड़ियों को शुरू से ही बड़ा मंच मिलता है।”
इंग्लैंड में खुद पर भरोसा रखे युवा टीम – डी विलियर्स
इंग्लैंड दौरे को लेकर डी विलियर्स ने भारतीय टीम को सलाह दी कि वे अपने ऊपर भरोसा रखें और चुनौती से डरें नहीं।
उन्होंने कहा, “इंग्लैंड में खेलना आसान नहीं होता। वहां की परिस्थितियां कठिन होती हैं, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों के पास भरपूर टैलेंट है। अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो वे कुछ खास हासिल कर सकते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि आईपीएल ने कई युवा खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाया है। उन्होंने खासतौर पर इस साल के एक युवा खिलाड़ी वैभव सूर्यवंशी का जिक्र करते हुए कहा कि वो अपने पहले ही सीजन में बहुत परिपक्व नजर आए।
कोहली का रिटायरमेंट एक युग का अंत
विराट कोहली का टेस्ट से रिटायरमेंट सिर्फ एक खिलाड़ी की विदाई नहीं है, बल्कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट के एक सुनहरे युग का अंत भी है। उनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने विदेशों में कई बड़ी जीत दर्ज की, और कोहली खुद भी फिटनेस, आक्रामकता और जुनून के प्रतीक बनकर उभरे।
अब कोहली की विरासत को आगे बढ़ाने की बारी शुभमन, यशस्वी जायसवाल और साईं सुदर्शन जैसे युवाओं के कंधों पर है। आने वाला समय बताएगा कि भारतीय टीम इस बदलाव के दौर से कैसे गुजरती है, लेकिन एक बात तय है कि कोहली को टेस्ट क्रिकेट में हमेशा याद किया जाएगा।
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