What Is The Future Of iGaming In India
पिछले कुछ सालों में गेमिंग इंड्रस्टी में काफी बढ़ोत्तरी हुई है और मौजूदा वक्त में भारत में भी आईगेमिंग को लेकर काफी लोकप्रियता बड़ी है। टेकनिकल और इंटरनेट में रूचि रखने वाले लोगों की बढ़ती संख्या और इंटरनेट इस्तेमाल में तेजी के कारण एशिया में आईगेमिंग का भविष्य उज्जवल नजर आ रहा है और इस क्षेत्र में युवाओं के आने से इसकी डिमांड और भी तेज हो गई है।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक साल 2020 में भारत में गेमिंग की आबादी 365 मिलियन थी, बाद में 2024 के अंत तक 610 मिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है। इन आकड़ों के आधार पर यह समझना काफी आसान हो गया है कि आने वाले समय में गेमिंग व्यवसाय के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। बता दें कि, इस ट्रेड गेमिंग व्यवसाय में हमारी विशाल जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा फैंटेसी गेम का सहारा लेता है।
भारत में क्या है आईगेमिंग का भविष्य ?
भारत में ईस्पोर्ट्स इंड्रस्टी काफी तेजी से पॉपुलर हो रहा है और जिस प्रकार से इसमे विकास हो रहा है उसे देखकर यही लगता है कि आने वाले कुछ ही सालों में यह पूरे भारत में फैल जाएगा।
हालांकि, आईगेमिंग की वजह से बहुत से गेमर्स को काफी फायदा भी हुआ है। अब उनके पास इस इंडस्ट्री में करियर के भी अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं और इसमे कमाई के भी अवसर ज्यादा दिख रहे हैं। एचपी इंडिया गेमिंग लैंडस्केप स्टडी 2023 में यह बात सामने आई है।
ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा
ई-स्पोर्ट्स, या प्रतिस्पर्धी वीडियो गेमिंग ने दुनियाभर में अपनी लोकप्रियता हासिल की है और भारत में भी इसका चलन तेजी से बढ़ रहा है। ई-स्पोर्ट्स इवेंट और टूर्नामेंट में बढ़ती दिलचस्पी के साथ-साथ अनुभवी भारतीय गेमरों की बढ़ती संख्या ने भी आईगेमिंग के लिए अधिक अवसर पैदा किया है।
रिसर्च के दौरान आई बड़ी बात सामने
Future Of iGaming In India: इस दौरान रिसर्च करने पर 15 शहरों के 3 हजार गेमर्स को शामिल किया गया। इसमे यह सामने आया कि आनंद और सुकून के साथ-साथ गेमर्स अब गेमिंग में पैसा और पहचान भी बना रहे हैं। इस रिसर्च में 500 से अधिक अभिवावकों को भी शामिल किया गया जिनसे बातचीत के दौरान यह पता चला कि पिछले कुछ सालों में भारत में गेमिंग को लेकर माता-पिता की सोच में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है।
गेमिंग को लेकर सकारात्मक हो रहा है अभिभावकों का नजरिया
Future Of iGaming In India के अध्ययन में एक जरुरी बात सामने निकल कर आया है कि भारत में गेमिंग को लेकर माता-पिता के नजरिये में भी सकारात्मक बदलाव आ रहा है। अध्ययन में शामिल 42 प्रतिशत अभिभावकों ने गेमिंग को शौक के रूप में स्वीकृति दी। 40 प्रतिशत अभिभावकों ने माना कि पिछले कुछ साल में गेमिंग को लेकर उनकी सोच में सकारात्मक बदलाव आया है। ऐसा विशेष रूप से इस इंडस्ट्री में हो रही प्रगति के कारण हुआ है।
हालांकि, गेमिंग में करियर बनाने के लिए ज्यादातर ऐसा हो रहा है कि बच्चों और अभिभावकों के बीच दूरियां देखने को मिली हैं। जिसको लेकर अभिभावकों में चिंता बनी हुई है। अध्ययन में सामने आया कि अभिभावकों के पास भारत में गेमिंग की संभावनाओं के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। 49 प्रतिशत अभिभावक गेमिंग के बारे में कुछ भी जानने के लिए दोस्तों और परिवार के सदस्यों पर ही निर्भर हैं।
Future Of iGaming In India: मोबाइल गेमिंग में तेजी
मोबाइल गेमिंग मौजूदा वक्त में आईगेमिंग (Future Of iGaming In India) में अपना दबदबा कायम कर चुका है और भारत भी इसका कोई अपवाद नहीं है। पीएमआई के मुख्य वाणिज्य अधिकारी (सीसीओ) दमित्री बेलियानिन के अनुसार, स्मार्टफोन और सस्ते डेटा प्लान की उपलब्धता ने करोड़ों की तादाद में भारतीयों को आसानी से ऑनलाइन गेमिंग प्लेटाफॉर्मों तक पहुंचना संभव बना दिया है।
गेम डेवलपर भारतीय गेमरों के अनुकूल स्थानीय कंटेंट तैयार करने पर निवेश बढ़ा रहे हैं, जिससे गेमर्स और उनके बीच जुड़ाव बना रहे।
Future Of iGaming In India: गेमिंग से बढ़ रही है आय
भारत में पिछले कुछ सालों की तुलना में इस साल गेमिंग से काफी आय बढ़ी है। गेमिंग में हिस्सा लेने वाले करीब आधे सीरियस गेमर्स ने बताया कि गेमिंग से उन्हें सालाना 6 से 12 लाख रुपये तक की मोटी कमाई हो रही है।
गूगल-माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां चला रहीं प्रोजेक्ट्स
गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां पहले से क्लाउड गेमिंग प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं। गूगल ने 2020 में 4जी और 5जी नेटवर्क पर स्टैडिया क्लाउड गेमिंग का परीक्षण किया था।
माइक्रोसॉफ्ट भी कोरियाई कंपनी एसके टेलीकॉम से हाथ मिला चुकी है। यह एक ऐसा प्लेटफार्म हैं, जिसमे यूजर को गेम इंस्टाल करने या महंगे डिवाइस खरीदने की जरुरत नहीं पड़ती है। क्लाउड गेमिंग की एक और खास बात यह है कि गेम की हैवी प्रोसेसिंग सर्वर हैंडल करते हैं। इससे ज्यादा रैम वाले गेम सस्ते डिवाइस पर भी खेले जा सकते हैं।
गेमिंग के लिए लर्निंग और डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत
Future Of iGaming In India के अध्ययन में यह भी सामने आया कि 61 प्रतिशत प्रतिभागी भारत में गेमिंग पाठ्यक्रमों के बारे में नहीं जानते हैं। आधे से ज्यादा गेमर्स अपना कौशल बढ़ाने के लिए यूट्यूब और अन्य गेमर्स पर ही निर्भर रहते हैं। 57 प्रतिशत प्रतिभागी चाहते हैं कि गेमिंग में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए गेमप्ले ट्रेनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए।
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