प्रो कबड्डी लीग (PKL) के 8वें सीज़न की चैंपियन टीम दबंग दिल्ली के.सी. एक बार फिर खिताब जीतने की पूरी तैयारी में है। पिछला सीज़न भले ही सेमीफाइनल में पटना पाइरेट्स से हार के साथ खत्म हुआ हो, लेकिन टीम के प्रदर्शन में निरंतरता बनी रही है। पिछले छह सीज़न में दिल्ली की टीम हर बार प्लेऑफ तक पहुंची है, जिससे उनका आत्मविश्वास साफ झलकता है।
टीम इस बार भी हेड कोच जोगिंदर नरवाल के साथ ही मैदान में उतरेगी। उनकी अगुवाई में टीम ने PKL 11 में 22 में से 13 मैच जीते और 81 अंकों के साथ अंक तालिका में दूसरे स्थान पर रही। हालांकि, सेमीफाइनल में टीम का सफर थम गया, लेकिन इस बार वो गलती दोहराने का इरादा नहीं है।
ऑक्शन में दिखा दिल्ली का दम
PKL सीज़न 12 के ऑक्शन में दबंग दिल्ली के.सी. ने अपने कई कमजोर पहलुओं को भरने की कोशिश की। टीम ने फाइनल बिड मैच (FBM) कार्ड का इस्तेमाल करते हुए अपने स्टार रेडर आशु मलिक को 1.90 करोड़ रूपये में दो सीज़न के लिए रिटेन किया।
इसके अलावा, टीम ने युवा रेडर नीरज नरवाल को 32.60 लाख रूपये में और अनुभवी रेडर अजिंक्य अशोक पवार को ₹13 लाख में टीम में शामिल किया। रेडिंग विभाग को मज़बूती देने के साथ-साथ टीम ने डिफेंस को भी मजबूत किया है।
अनुभवी डिफेंडर्स से मजबूत हुआ डिफेंस
दबंग दिल्ली के डिफेंस में इस बार जबरदस्त अनुभव जुड़ गया है। PKL इतिहास के सबसे सफल डिफेंडर फज़ल अत्राचली को टीम ने उनके बेस प्राइस 30 लाख रूपये में खरीदा। फज़ल अब तक 188 मैचों में 545 टैकल पॉइंट्स जुटा चुके हैं और 500 टैकल पॉइंट्स का आंकड़ा पार करने वाले पहले खिलाड़ी हैं।
उनके साथ टीम में अनुभवी सुरजीत सिंह (20 लाख रूपये), ईरानी खिलाड़ी अमीर हुसैन बस्तमी (30 लाख रूपये) और बाएं कॉर्नर सौरभ नंदल (13 लाख रूपये) जैसे अनुभवी डिफेंडर्स की मौजूदगी टीम की रक्षा पंक्ति को और ताकतवर बनाती है।
कप्तान नवीन कुमार की कमी महसूस होगी
हालांकि, टीम का स्क्वॉड कागज़ पर मज़बूत दिखता है, लेकिन पूर्व कप्तान और स्टार रेडर नवीन कुमार की गैरमौजूदगी एक बड़ी चुनौती बन सकती है। नवीन 2018 से टीम का हिस्सा रहे हैं और 2022 में टीम को पहली बार खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने PKL सीजन 7 और 8 में लगातार दो बार MVP का खिताब भी जीता था।
नवीन और आशु की जोड़ी ने बीते वर्षों में कई मैचों में विपक्षी डिफेंस की कमर तोड़ी थी, जिसे अब फिर से बनाना आसान नहीं होगा।
ऑलराउंडर्स की कमी पड़ सकती है भारी
दबंग दिल्ली के स्क्वॉड में इस बार अमित, आशीष कुमार सांगवान, नवीन और अर्कम शेख जैसे केवल चार ऑलराउंडर्स ही शामिल हैं। इनमें से किसी को भी अब तक लीग में बड़ा नाम नहीं माना गया है, इसलिए ऑलराउंड परफॉर्मेंस की ज़िम्मेदारी इन खिलाड़ियों के कंधों पर होगी। अगर ये खिलाड़ी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे, तो टीम को बैलेंस बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।
नए खिलाड़ियों के पास खुद को साबित करने का मौका
PKL सीजन 12 उन खिलाड़ियों के लिए सुनहरा मौका है जो खुद को साबित करना चाहते हैं। अजिंक्य अशोक पवार, नीरज नरवाल, अनिल गुर्जर, मोहित, विजय और अक्षित जैसे युवा रेडर्स को इस सीजन ज्यादा मौके मिलने की उम्मीद है। हालांकि रेडिंग यूनिट की कमान एक बार फिर आशु मलिक के हाथों में होगी, लेकिन अकेले दम पर ट्रॉफी नहीं जीती जा सकती।
वहीं ईरानी डिफेंडर फज़ल अत्राचली, जो पिछले सीज़न बंगाल वॉरियर्स के लिए खास नहीं कर सके थे, अब दिल्ली की टीम में दमदार वापसी करना चाहेंगे।
आशु मलिक की फिटनेस और फॉर्म पर निर्भर करेगा सीज़न
टीम की सफलता इस बार काफी हद तक आशु मलिक की फॉर्म और फिटनेस पर निर्भर करेगी। पिछले दो सीज़न में आशु ने कुल 46 मैचों में 538 रेड पॉइंट्स जुटाए हैं। अगर वो चोटिल हो जाते हैं या फॉर्म में नहीं रहे, तो टीम की आक्रामकता पर असर पड़ सकता है।इसके अलावा, जैसा कि पहले भी बताया गया, ऑलराउंडर्स की क्वालिटी टीम के संतुलन में रुकावट बन सकती है।
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