Teams Who Never Won Pro Kabaddi League Title: प्रो कबड्डी लीग (PKL) की शुरुआत साल 2014 में हुई थी और तब से अब तक यह देश की सबसे पॉपुलर स्पोर्ट्स लीग्स में से एक बन चुकी है। बीते 11 सीज़न में कई टीमों ने इस लीग की चमचमाती ट्रॉफी को अपने नाम किया है। जयपुर पिंक पैंथर्स ने पहला खिताब जीता था और उसके बाद पटना पाइरेट्स जैसी टीमों ने कई बार ट्रॉफी उठाई। लेकिन इस लीग में अब भी कुछ टीमें ऐसी हैं जिनका खिताबी सपना अधूरा है।
हालाँकि, प्रो कबड्डी लीग 2025 में 12 टीमें हिस्सा लेने जा रही हैं, लेकिन उनमें से चार टीमें ऐसी भी हैं, जो अब तक एक भी बार खिताब नहीं जीत पाई हैं। इनमें से एक टीम ऐसी भी हैं, जो शुरू से ही इस लीग का हिस्सा हैं, लेकिन इनके फैंस अब भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि शायद साल 2025 उनके लिए अच्छा साबित हो।
ये 4 टीमें अब तक एक बार भी नहीं जीत सकी हैं प्रो कबड्डी लीग का खिताब
1. तेलुगु टाइटंस (Telugu Titans)
तेलुगु टाइटंस प्रो कबड्डी लीग की शुरूआती आठ टीमों में शामिल एकमात्र ऐसी टीम है जो आज तक एक भी खिताब नहीं जीत सकी। इस टीम ने अपने शुरुआती दिनों में कुछ बेहतर प्रदर्शन ज़रूर किए थे। वे सीज़न 2 और सीज़न 4 में टीम सेमीफाइनल तक पहुंचे। सीज़न 2 में उन्होंने तीसरा स्थान भी हासिल किया था, जो उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है।
इस टीम में पहले राहुल चौधरी, सिद्धार्थ देसाई और पवन सहरावत जैसे स्टार खिलाड़ी रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद वे लीग के निचले पायदान से बाहर नहीं निकल सके। PKL के आठवें सीज़न से लेकर लगातार तीन बार टीम आखिरी पायदान पर रही है। हैदराबाद के लोकल फैंस को अब भी उस दिन का इंतजार है, जब उनकी टीम पहली बार ट्रॉफी उठाएगी।
2. गुजरात जायंट्स (Gujarat Giants)
गुजरात जायंट्स की शुरुआत सीज़न 5 से हुई थी, जब उनका नाम गुजरात फॉर्च्यूनजायंट्स था। इस टीम ने डेब्यू करते ही शानदार प्रदर्शन किया और फाइनल तक का सफर तय किया। अगले सीज़न में भी वो उपविजेता रही। पहले फ़ज़ल अत्राचली और फिर सुनील कुमार की कप्तानी में टीम ने दमदार खेल दिखाया।
हालांकि, इन दो सफल सीज़न के बाद गुजरात की टीम धीरे-धीरे गिरती चली गई। प्लेऑफ में पहुंचने के बाद भी वे एलिमिनेटर से आगे नहीं बढ़ सके। सीज़न 8 और 10 में वे नॉकआउट तक पहुंचे, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके। युवा टैलेंट्स को मौका देने वाली यह टीम अब भी अपने पहले खिताब की तलाश में है।
3. तमिल थलाइवाज़ (Tamil Thalaivas)
तमिल थलाइवाज़ की टीम पांचवें सीज़न से प्रो कबड्डी लीग में आई, लेकिन उनके शुरुआती सीज़न निराशाजनक रहे। पहले तीन सीज़न में टीम सबसे निचले स्थान पर रही। हालांकि, इसके बाद धीरे-धीरे उनके प्रदर्शन में सुधार ज़रूर हुआ है। सीज़न 9 में यह टीम पहली बार सेमीफाइनल तक पहुंची थी।
तमिलनाडु जैसे राज्य की यह टीम, जो कबड्डी की परंपरा में गहराई से जुड़ा है, अब तक उस स्तर का प्रदर्शन नहीं कर पाई है, जिसकी उम्मीद थी। उन्होंने कभी राहुल चौधरी, अजय ठाकुर, मंजीत छिल्लर जैसे दिग्गजों पर दांव खेला, तो कभी नरेंद्र और सागर जैसे युवा खिलाड़ियों के साथ आगे बढ़ने की कोशिश की। लेकिन अब तक ये रणनीतियां खिताब के रूप में रंग नहीं ला सकीं।
4. यूपी योद्धाज़ (UP Yoddhas)
यूपी योद्धा उन चुनिंदा टीमों में से है, जिसने सिवाय 10वें सीजन के हर सीज़न में प्लेऑफ में जगह बनाई है, लेकिन इसके बावजूद वे फाइनल तक नहीं पहुंच पाए हैं। यह टीम बहुत पास आकर चूकने वाली कहानी का एक शानदार उदाहरण है।
वे सीज़न 5, 7 और 9 में एलिमिनेटर में हारे। सीज़न 6 में क्वालिफायर 2 और सीज़न 8 व 11 में उन्हें सेमीफाइनल में हार मिली। इतना ही नहीं, PKL इतिहास में अब तक केवल दो प्लेऑफ मैच टाई रहे हैं, उनमें भी यूपी योद्धा शामिल रही और दोनों में ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। प्रदीप नरवाल, ऋषांक देवाडिगा और नितेश कुमार जैसे खिलाड़ी इस टीम का हिस्सा रहे हैं, लेकिन टीम के लिए ट्रॉफी अब भी दूर है।
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