Sunday, July 6

Bengaluru Bulls eye title glory in revamped squad for PKL 2025: प्रो कबड्डी लीग के सीजन 12 में बेंगलुरु बुल्स एक नए रूप में नजर आने वाली है। पिछला सीजन बेहद खराब रहा था, जहां टीम 22 मुकाबलों में केवल 19 अंक लेकर तालिका में सबसे नीचे रही। इसके बाद फ्रेंचाइज़ी ने बड़ा फैसला लेते हुए लंबे समय से टीम के कोच रहे रणधीर सिंह सहरावत को हटाया।

उनकी जगह दो बार पीकेएल खिताब जीत चुके बीसी रमेश को नया हेड कोच नियुक्त किया गया है। बीसी रमेश 2018-19 में बुल्स की खिताबी जीत के समय असिस्टेंट कोच थे और बाद में बंगाल वॉरियर्स (सीजन 7) व पुनेरी पलटन (सीजन 10) को चैंपियन बना चुके हैं।

ऑक्शन में बड़ा खर्च, 15 नए खिलाड़ी शामिल

सीजन 12 के ऑक्शन में बेंगलुरु बुल्स सबसे व्यस्त टीमों में रही। उन्होंने करीब 4.95 करोड़ रूपये खर्च कर 15 नए खिलाड़ी खरीदे। इसके अलावा 8 न्यू यंग प्लेयर्स (NYPs) को भी रिटेन किया गया है। टीम पूरी तरह से नया रूप लेकर मैदान में उतरेगी।

ताकत: दमदार डिफेंस बना सबसे बड़ी उम्मीद

बेंगलुरु बुल्स की सबसे बड़ी ताकत उसका डिफेंस है। ऑक्शन में टीम ने राइट कॉर्नर योगेश दहिया को ₹1.125 करोड़ में खरीदा, जो पीकेएल इतिहास के सबसे महंगे भारतीय डिफेंडर बन गए। पिछले दो सीजनों में उन्होंने 45 मैचों में 149 टैकल पॉइंट्स हासिल किए हैं।

इसके अलावा टीम ने बाएं कॉर्नर की जिम्मेदारी अनुभवी अंकुश राठी को दी है, जो सीजन 9 में ‘बेस्ट डिफेंडर’ बने थे। उन्होंने अब तक 69 मैचों में 227 टैकल पॉइंट्स अपने नाम किए हैं। टीम ने राइट कवर संजय धुल और लेफ्ट कवर धीरज को भी टीम में शामिल किया है।

लकी कुमार, दीपक एस, शुभम रहाटे, मनीष और सतयप्पा मट्टी जैसे युवा डिफेंडर भी इस यूनिट को गहराई प्रदान करते हैं।

कमजोरी: रेडिंग में अनुभव की कमी

जहां डिफेंस मजबूत दिख रहा है, वहीं रेडिंग डिपार्टमेंट अनुभव की कमी से जूझता नजर आ रहा है। टीम ने युवा रेडर पंकज और मंजीत को रिटेन किया है। इसके अलावा न्यू यंग प्लेयर श्रेणी से राइट रेडर आशीष मलिक को भी टीम में जोड़ा गया है।

टीम ने ऑक्शन में पुणेरी पलटन के पूर्व स्टार रेडर आकाश शिंदे को ₹53.10 लाख में खरीदा है। उन्होंने 57 मैचों में 296 रेड पॉइंट्स बनाए हैं, लेकिन टीम में उनके अलावा कोई अनुभवी रेडर मौजूद नहीं है।

टीम के पास पिराटी श्रीसिवतेजेश, गणेशा बी. हनमंतगोल, शुभम बिटके और महिपाल जैसे रेडर मौजूद हैं, लेकिन ये खिलाड़ी अभी तक पीकेएल में खुद को साबित नहीं कर पाए हैं।

मौके: नए खिलाड़ियों को चमकने का मंच

दो सीजन से लगातार प्लेऑफ से बाहर रहने के बाद बेंगलुरु बुल्स इस बार नए कप्तान और कोच के नेतृत्व में ट्रॉफी की तलाश में उतरेगी। आकाश शिंदे को इस सीजन में रेडिंग यूनिट की जिम्मेदारी संभालने का बड़ा मौका मिलेगा।

साथ ही, आशीष मलिक, धीरज, शुभम बिटके, अलीरेज़ा मिर्जाइयान और अहमदरेज़ा असगरी जैसे युवा खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का शानदार मंच मिलेगा। इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर टीम की किस्मत काफी हद तक निर्भर करेगी।

खतरे: कप्तानी और अनुभव की कमी पड़ सकती है भारी

टीम के पास इस बार कोई बड़ा और अनुभवी लीडर नहीं है। ऐसे में करीबी मुकाबलों में टीम की रणनीति और संयम पर सवाल खड़े हो सकते हैं। साथ ही, रेडिंग में आकाश शिंदे पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता टीम के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

अगर शिंदे चोटिल हो जाते हैं या लय से भटकते हैं, तो बेंगलुरु बुल्स के लिए प्लेऑफ की राह मुश्किल हो सकती है। अनुभव की कमी और कप्तानी का अभाव इस टीम के सबसे बड़े खतरे हैं।

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नीतिश कुमार मिश्र (Neetish Kumar Mishra) एक अनुभवी स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट हैं, जो खेलों की दुनिया की बारीकियों को समझने और उसे सरल, सटीक और प्रभावशाली अंदाज में पेश करने के लिए जाने जाते हैं। वे क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस और अन्य खेलों की गहरी समझ के साथ, खेल समाचार, आंकड़े, मैच प्रीव्यू, हेड टू हेड रिकॉर्ड और फैंटेसी 11 प्रेडिक्शन में महारत रखते हैं। उनकी लेखनी का उद्देश्य पाठकों को ताजा और सटीक जानकारियों के साथ अपडेट रखना है।

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