Sunday, July 6

भारत ने ओलंपिक में पहला कदम वर्ष 1900 में रखा था। उस समय भारत की तरफ से एकमात्र एथलीट नॉर्मन प्रिचर्ड इसमें भाग लेने के लिए पेरिस ओलंपिक में प्रतिभाग लेने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने पुरुषों की 200 मीटर और पुरुषों की 200 मीटर बांधा दौड़ में दो पदक जीते थे। भारत ने तब से हर ग्रीष्मकालीन खेलों में भाग लिया है। भारत ने वर्ष 1920 में अपनी पहली ओलंपिक टीम भेजी। जिसमे 4 एथलीट और 2 पहलवान शामिल थे। जिसके बाद से ही भारतीय हॉकी टीम का जन्म हुआ और भारतीय हॉकी टीम ने 1928 में ओलंपिक में भाग लिया व हॉकी में गोल्ड मैडल भी जीता था। सबसे  खास बात ये है कि भारत की हॉकी टीम ने कुल 5 मुकाबलों में 29 गोल दागे। जबकि किसी भी देश की प्रतिद्वंदी टीम भारत के गोल पोस्ट में एक भी गेंद नहीं पहुंचा पाई। इसी कड़ी में आज के लेख में हम बात करने जा रहे हैं कि अब तब  भारत ने ओलंपिक में कब-कब कितने मेडल जीते हैं और इसके साथ ही मेडल दिलाने वाले खिलाड़ियों के नाम भी जानेंगे।

आजादी से पहले हॉकी में आया था गोल्ड 

आजादी से पहले भारत की हॉकी टीम ओलंपिक में 1928 से 1936 तक अपना दबदबा बनाकर रखा और तीन बार खिताब अपने नाम किया था। भारत ने 1928 के एम्स्टर्डम ओलंपिक में भारत ने ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क और स्विट्जरलैंड हराया। फाइनल में नीदरलैंड को 3-0 से हराकर अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। 1932 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत ने यूएसए 24 – 1 से हराया था, जो कि ओलंपिक इतिहास का सबसे बड़ा जीत का अंतर था। 1936 के ग्रीष्मकालीन ओलम्पीज में भारत ने ओलंपिक फाइनल में जर्मनी को 8 – 1 से हराया था। ओलंपिक फाइनल का जीत का सबसे बड़ा अंतर था। ये भारत के देशवासियों के लिए एक गौरव भरा पल था।

आजादी के बाद का इतिहास 

आजादी के बाद भारत देश ने बहुत प्रकार के खेल संगठनों द्वारा चुने गए 50 से भी ज्यादा एथलीटों के मिशन के लिए भेजना शुरू किया। मिशन का नेतृत्व  शेफ – डी – मिशन कर रहा था। उस समय भारतीय हॉकी टीम ने फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को हराकर 1948 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता। 

एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक था। भारतीय हॉकी टीम ने 1956 के ग्रीष्कालीन ओलंपिक में पाकिस्तान को हराकर लगातार छठा ख़िताब जीतकर अपना दबदबा कायम रखा। उसके बाद साल 1960 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में कुछ ऐसा हुआ कि भारतीय हॉकी टीम फाइनल हार गयी और उसे सिर्फ रजत पदक से संतोष करना पड़ा। हालाँकि भारतीय टीम ने 1964 के ग्रीष्कालीन ओलम्पिक में वापसी करते हुए फिर एक बार स्वर्ण पदक हासिल किया। बता दें कि उसके बाद  भारत ने अगले दो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। 1976 के ग्रीष्कालीन ओलंपिक में भारत 1928 के बाद पहली बार खाली हाथ अपने घर आया।

पेरिस ओलंपिक 1990

ओलंपिक के इतिहास में भारत को पहला पदक दिलाने वाले नार्मन प्रिचर्ड थे। उन्होंने पेरिस ओलंपिक 1900 में पुरुषों का 200 मीटर और 200 मीटर बाधा दौड़ में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को भारत को रजत पदक दिलाया था। 

जब भारतीय पुरुष टीम ने दिलाए 6 गोल्ड मेडल

(एम्स्टर्डम 1928, लॉस एंजिल्स 1932, बर्लिन 1936, लंदन 1948, हेलसिंकी 1958, मेलबर्न 1956)। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक में भारत को लगातार 6 ओलंपिक में जीत दर्ज करके भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। बता दें कि भारतीय हॉकी टीम ने 1928 के ओलंपिक खेल में भाग लेने के लिए बॉम्बे बंदरगाह से एम्सटर्डम जाने के लिए तैयार थी। उस वक्त सिर्फ तीन लोग, तत्कालीन भारतीय हॉकी महासंघ (IHF) के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और एकमात्र पत्रकार जो उन सभी खिलाड़ियों को भेजने के आये थे। जब भारत ने ओलंपिक में अपने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता और अपने घर मेडल के साथ वापसी की तो उस समय खिलाड़ियों का स्वागत करने के लिए पूरा भारत देश खड़ा था और भारतीय हॉकी टीम की सराहना भी कर रहे थे।

हेलसिंकी 1958, केडी जाधव

जाधव का पूरा नाम खबाशा दादासाहेब था जो की एक भारतीय खिलाड़ी थे। उन्होंने हेलसिंकी में 1952 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। स्वतंत्र भारत में वे पहले एथलीट थे जिन्होंने ब्यक्तिगत पदक जीता था।

एक बार फिर से भारत ने की वापसी

रोम 1960 (रजत पुरुष हॉकी), टोक्यो 1965 (स्वर्ण), मेक्सिको सिटी 1968 (कांस्य), म्यूनिख 1972 (कांस्य), मास्को 1980 (स्वर्ण)। भारत के हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक 1964 और मास्को 1980 में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। रोम ओलंपिक 1960 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने रजत पदक जीता और  मेक्सिको सिटी 1968 , म्यूनिख 1972 में भारत को सिर्फ कांस्य से संतोष करना पड़ा। 

अटलांटा 1996 (कांस्य)

लिएंडर पेस ने पुरुष एकल टेनिस में भारत को कांस्य पदक दिलाया था। भारत ने अटलांटा ओलिंपिक में अपने प्रदर्शन से दुनिया को चौंकाया था। दरअसल, इस ओलिंपिक ने भारत में टेनिस में पदक हासिल किया था और खास बात ये है कि इसके बाद से आज तक भारत ने टेनिस में ओलिंपिक में कोई मेडल नहीं जीता। उस समय ये कारनामा करने वाले पहले खिलाड़ी थे।

सिडनी 2000, कांस्य 

2000 सिडनी ओलंपिक में मलेश्वरी ने स्नैच मैच में 110 किग्रा और क्लीन एंड जर्क श्रेणियों में 130 किग्रा , कुल वजन २४० किग्रा उठाकर पदक जीतने  वाली पहली महिला बनी | कर्णम मल्लेश्वरी का जन्म (1 जून, 1975, श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश में) हुआ था | ये एक भारतीय भारोत्तोलक हैं। 

     एथलीट पदक                      स्पर्धा ओलंपिक वर्ष
नॉर्मन प्रिचर्ड रजत पुरुषों का 200 मीटर पेरिस 1900
नॉर्मन प्रिचर्ड रजत पुरुषों का 200 मीटर बाधा दौड़ (हर्डल रेस) पेरिस 1900
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी एम्स्टर्डम 1928
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी लॉस एंजिल्स 1932
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी बर्लिन 1936
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी लंदन 1948
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी हेल्सिंकी 1952
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी मेलबर्न 1956
केडी जाधव कांस्य पुरुषों की बेंटमवेट कुश्ती हेल्सिंकी 1952
भारतीय हॉकी टीम रजत पुरुष हॉकी रोम 1960
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी टोक्यो 1964
भारतीय हॉकी टीम कांस्य पुरुष हॉकी मेक्सिको सिटी 1968
भारतीय हॉकी टीम कांस्य पुरुष हॉकी म्यूनिख 1972
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी मास्को 1980
लिएंडर पेस कांस्य पुरुष एकल टेनिस अटलांटा 1996
कर्णम मल्लेश्वरी कांस्य भारोत्तोलन (महिलाओं का 54 किग्रा) सिडनी 2000
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ रजत पुरुषों का डबल ट्रैप शूटिंग एथेंस 2004
अभिनव बिंद्रा स्वर्ण पुरुषों का 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग बीजिंग 2008
विजेंदर सिंह कांस्य पुरुषों का मिडिलवेट बॉक्सिंग (मुक्केबाजी) बीजिंग 2008
सुशील कुमार कांस्य पुरुषों का 66किग्रा कुश्ती बीजिंग 2008
सुशील कुमार रजत पुरुषों का 66 किग्रा कुश्ती लंदन 2012
विजय कुमार रजत पुरुषों का 25मी रैपिड पिस्टल शूटिंग लंदन 2012
साइना नेहवाल कांस्य महिला एकल बैडमिंटन लंदन 2012
मैरी कॉम कांस्य महिला फ्लाइवेट मुक्केबाजी लंदन 2012
योगेश्वर दत्त कांस्य पुरुष 60 किग्रा कुश्ती लंदन 2012
गगन नारंग कांस्य पुरुष 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग लंदन 2012
पीवी सिंधु रजत महिला एकल बैडमिंटन रियो 2016
साक्षी मलिक कांस्य महिला 58किग्रा कुश्ती रियो 2016
मीराबाई चानू रजत महिला 49 किग्रा भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग) टोक्यो 2020
लवलीना बोरगोहेन कांस्य महिला वेल्टरवेट (64-69 किग्रा) टोक्यो 2020

 

टेनिस में मिला पहला और एकमात्र पदक

टेनिस में पहला और एकमात्र पदक भारत को अटलांटा 1996 में आया | लोगों का हॉकी के प्रति इतना जूनून था कि उसके बाद का ध्यान और किसी खेलों में दिखता ही नहीं था अचानक भारतीय टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा | पेस ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए अटलांटा ओलंपिक में पुरुष एकल स्पर्धा के सेमीफइनल में पहुंचे | पेस  सेमीफाइनल में आंद्रे अगासी के खिलाफ 7-6, 6 -3 से हार का सामना करना पड़ा | लगातार तीन ओलंपिक से भारत को मिलने वाला पहला पदक था | यह भारत के लिए बहुत बड़ी खुशी की बात थी | ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक की 69 किग्रा महिला वर्ग  में कांस्य पदक जीता। उन्होंने अपने इवेंट के दौरान कुल 240 किलो वजन उठाया।

ओलंपिक पदक विजेता अंक तालिका

     एथलीट पदक                    स्पर्धा ओलंपिक वर्ष
नॉर्मन प्रिचर्ड रजत पुरुषों का 200 मीटर पेरिस 1900
नॉर्मन प्रिचर्ड रजत पुरुषों का 200 मीटर बाधा दौड़ (हर्डल रेस) पेरिस 1900
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी एम्स्टर्डम 1928
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी लॉस एंजिल्स 1932
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी बर्लिन 1936
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी लंदन 1948
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी हेलसिंकी 1952
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी मेलबर्न 1956
केडी जाधव कांस्य पुरुषों की बेंटमवेट कुश्ती हेलसिंकी 1952
भारतीय हॉकी टीम रजत पुरुष हॉकी रोम 1960
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी टोक्यो 1964
भारतीय हॉकी टीम कांस्य पुरुष हॉकी मेक्सिको सिटी 1968
भारतीय हॉकी टीम कांस्य पुरुष हॉकी म्यूनिख 1972
भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पुरुष हॉकी मास्को 1980
लिएंडर पेस कांस्य पुरुष एकल टेनिस अटलांटा 1996
कर्णम मल्लेश्वरी कांस्य भारोत्तोलन (महिलाओं का 54 किग्रा) सिडनी 2000
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ रजत पुरुषों का डबल ट्रैप शूटिंग एथेंस 2004
अभिनव बिंद्रा स्वर्ण पुरुषों का 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग बीजिंग 2008
विजेंदर सिंह कांस्य पुरुषों का मिडिलवेट बॉक्सिंग (मुक्केबाजी) बीजिंग 2008
सुशील कुमार कांस्य पुरुषों का 66किग्रा कुश्ती बीजिंग 2008

 

     एथलीट पदक                      स्पर्धा ओलंपिक सीजन
सुशील कुमार रजत पुरुषों का 66 किग्रा कुश्ती लंदन 2012
विजय कुमार रजत पुरुषों का 25मी रैपिड पिस्टल शूटिंग लंदन 2012
साइना नेहवाल कांस्य महिला एकल बैडमिंटन लंदन 2012
मैरी कॉम कांस्य महिला फ्लाइवेट मुक्केबाजी लंदन 2012
योगेश्वर दत्त कांस्य पुरुष 60 किग्रा कुश्ती लंदन 2012
गगन नारंग कांस्य पुरुष 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग लंदन 2012
पीवी सिंधु रजत महिला एकल बैडमिंटन रियो 2016
साक्षी मलिक कांस्य महिला 58किग्रा कुश्ती रियो 2016
मीराबाई चानू रजत महिला 49 किग्रा भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग) टोक्यो 2020
लवलीना बोरगोहेन कांस्य महिला वेल्टरवेट (64-69 किग्रा) टोक्यो 2020
पीवी सिंधु कांस्य महिला एकल बैडमिंटन टोक्यो 2020
रवि कुमार दहिया रजत पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा कुश्ती टोक्यो 2020
भारतीय हॉकी टीम कांस्य पुरुष हॉकी टोक्यो 2020
बजरंग पुनिया कांस्य पुरुष 65 किग्रा कुश्ती टोक्यो 2020
नीरज चोपड़ा स्वर्ण पुरुषों का भाला फेंक टोक्यो 2020

 

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साल 2020 से स्पोर्ट्स पत्रकारिता में एक सिपाही के तौर पर कार्यरत हूं। प्रत्येक खेल में उसके सभी पहलुओं के धागे खोलकर आपके सामने रखने की कोशिश करूंगा। विराट व रोहित का बल्ला धोखा दे सकता है, लेकिन आपको यहां खबरों की विश्वसनियता पर कभी धोखा नहीं मिलेगा। बचपन से ही क्रिकेट के साथ-साथ अन्य खेलों में खास दिलचस्पी होने के कारण इसके बारे में लिखना बेहद पसंद है।

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