ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बृहस्पतिवार को खेल पारिस्थितिक तंत्र के हिस्सेदारों से अनुरोध किया है कि वे खिलाड़ियों से रोबोट की तरह नही बल्कि इंसानों की तरह बर्ताव करें। भारतीय खिलाड़ियों की ओलंपिक, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों की सभी बड़ी अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हालिया सफलता से सिर्फ खिलाड़ियों के दर्जे में इजाफा नही हुआ है बल्कि इससे उनसे लगी उम्मीदों का भी बोझ बढ़ा है। बीजिंग 2008 ओलंपिक खेलों में 10 मीटर एयर राइफल के स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा ने कहा कि मानसिक रूप से स्वस्थ रहना बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है जो केवल खिलाड़ियों के लिए ही नही बल्कि सभी कोचों के लिए भी महत्वपूर्ण है। खेल मनोवैज्ञानिकों को उनके साथ संयम बरतने की जरूरत है।

अभिनव बिंद्र की अहम बातें

अभिनव बिंद्रा ने कहा कि खिलाड़ियों के साथ भरोसा और रिश्ता बनाना बहुत जरुरी है और खिलाड़ियों के साथ लगातार मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए खेल में मनोवैज्ञानिक धैर्य बरतना चाहिए। बिंद्रा ने सभी अधिकारियों से विनती किया कि सभी खिलाड़ी और खासतौर पर निशानेबाजों का टोक्यों में उनके पिछले प्रदर्शन के आधार पर आकलन ना करें बल्कि मौजूदा वक्त के आधार पर देखना चाहिए। साथ ही बिंद्रा ने वर्चुअल बातचीत में कहा कि सबसे अहम् चीज है कि खिलाड़ियों से इंसान की तरह व्याहार करना और उन्हें पदक जीतने वाले रोबोट की तरह तैयार करने का काम नही करना चाहिए।

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साल 2020 से स्पोर्ट्स पत्रकारिता में एक सिपाही के तौर पर कार्यरत हूं। प्रत्येक खेल में उसके सभी पहलुओं के धागे खोलकर आपके सामने रखने की कोशिश करूंगा। विराट व रोहित का बल्ला धोखा दे सकता है, लेकिन आपको यहां खबरों की विश्वसनियता पर कभी धोखा नहीं मिलेगा। बचपन से ही क्रिकेट के साथ-साथ अन्य खेलों में खास दिलचस्पी होने के कारण इसके बारे में लिखना बेहद पसंद है।

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