Archery World Cup: शंघाई में आयोजित आर्चरी वर्ल्ड कप स्टेज-2 में भारतीय तीरंदाजों ने देश का नाम रोशन करते हुए तीन पदक अपने नाम किए हैं, एक गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज। कंपाउंड कैटेगरी में यह भारत के लिए बड़ी सफलता रही।
भारतीय पुरुष कंपाउंड टीम ने फाइनल में दमदार खेल दिखाते हुए मेक्सिको को 232-228 से हराकर गोल्ड मेडल जीता। टीम में अभिषेक वर्मा, ओजस देवताले और ऋषभ यादव शामिल थे। पहले एंड से ही भारत ने बढ़त बनाई और पूरे मैच में शानदार संतुलन रखते हुए स्वर्ण पर कब्जा जमाया।
महिला कंपाउंड टीम को सिल्वर से संतोष

महिला कंपाउंड टीम भी फाइनल तक पहुंची, लेकिन गोल्ड से चूक गई। ज्योति सुरेखा वेन्नम, मधुरा धमणगांवकर और चिकिता तनीपार्थी की टीम को मेक्सिको ने 234-221 से हराकर सिल्वर के लिए रोक दिया। हालांकि, पूरी प्रतियोगिता में इन खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा।
मिश्रित टीम ने दिलाया कांस्य
मिश्रित कंपाउंड टीम इवेंट में भारतीय जोड़ी जोड़ी अभिषेक वर्मा और मधुरा धमणगांवकर ने मलेशिया को 144-142 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता। यह मधुरा के लिए इस प्रतियोगिता का तीसरा पदक रहा, जिससे उनका टूर्नामेंट बेहद खास बन गया।
मधुरा धमणगांवकर की स्वर्णिम वापसी

तीन साल बाद अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में लौटीं मधुरा धमणगांवकर ने कमाल कर दिया। उन्होंने व्यक्तिगत फाइनल में अमेरिका की कार्सन क्राहे को 139-138 से हराकर अपना पहला वर्ल्ड कप गोल्ड जीता। पिछड़ने के बाद जिस तरह से उन्होंने चौथे और पांचवें एंड में परफॉर्म किया, वो उनकी मानसिक मजबूती को दिखाता है।
ओलंपिक की राह मजबूत

कंपाउंड तीरंदाजी को 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में शामिल किया जाएगा। ऐसे में भारत का यह प्रदर्शन न केवल मौजूदा सफलता है, बल्कि आने वाले समय में ओलंपिक पदक की भी उम्मीद जगा रहा है। भारत की कंपाउंड तीरंदाजी टीम अब दुनिया के टॉप लेवल पर मजबूती से खड़ी दिख रही है।
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