आज हिंदुस्तान की बेटियां किसी भी मामले में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। अब बात चाहे खेल या फिर फाइटिंग की क्यों ना हो। इस बात भारत की बेटी पूजा तोमर ने एक बार फिर से हस्ताक्षर कर दिए हैं। ऐसा हम क्यों कह रहे हैं, आइए इसके बारे में आपको बताते हैं। दरअसल, यूपी के मुजफ्फरनगर में बुढ़ाना क्षेत्र के गांव बिजरोल के किसान परिवार के रहने वाली पूजा तोमर ने इतिहास रच दिया है। अब वो भारत की तरफ से UFC के लिए चयनित होने वाली पहली महिला फाइटर बन चुकी हैं। पूजा ने इस उपलब्धि को यूंही हासिल नहीं कर लिया है। उन्होंने एक गांव से लेकर यूएफसी की फाइटर बनने के लिए बहुत मेहनत की है।
मजबूरी से मंजिल तक
पूजा तोमर किसान नेता सत्यवीर तोमर की भतीजी है। हांलाकि सत्यवीर के परिवार जैसी हालत पूजा तोमर की नहीं थी। पूजा तोमर के पिता का देहांत उनके बचपन में ही हो गया था। इसके बाद पूजा और उनकी जिंदगी बहुत सारो कष्टों से होकर गुजरी है। छह साल की उम्र में पिता का साया सिर से उठ जाने के बाद बहनों की भी जिम्मेदारी पूजा के ही सिर पर आ गई थीं। गांव का परिवेश होने के चलते ये काम और ज्यादा कठिन था। इसके बाद ही पूजा ने अपनी आप को शाररिक रूप से मजबूत बनाया। जैकी चैन की फिल्में देखकर पूजा को फाइटिंग के लिए प्रेरणा मिली। इसका मुख्य कारण ये था कि वो ताकतवर बन कर अपनी बहनों को सुरक्षा दे सकें। लेकिन देखते ही देखते फाइटिंग उनका करियर बन गया।
एमएफएन को दिया धन्यवाद
यूएफसी में शामिल भारत की एकलौती महिला फाइटर बनने के बाद इसकी जानकारी खुद पूजा तोमर ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि आज का दिन इतिहास में एक ऐसा पल है, जहां कि यूपी एक बुढ़ाना गांव की लड़की अपने सपने को हकीकत में बदल सकती है। क्योंकि अगर मैं यहां तक पहुंच सकती हूं तो कोई भी यहां तक पहुंच सकता है। एमएफएन स्ट्रावेट चैंपियनशिप में, मैं आइशा, कृष्णा और पूरी एमएफएन को इस सपने को हासिल करने में मदद करने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। आपने लोगों ने मुझे चैंपियन बनाया, मैं हमेशा गर्व के साथ आपको याद रखूंगी।
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