Kevin Pietersen Backs KL Rahul to Bat at No.4 for India in T20 Cricket: दिल्ली कैपिटल्स (DC) के मेंटर केविन पीटरसन IPL 2025 में केएल राहुल की बदली हुई बल्लेबाजी से खासे प्रभावित हैं। उन्होंने माना कि राहुल एक बार फिर भारतीय टी20 टीम में वापसी के हकदार हैं।
पीटरसन ने कहा, “मैं भारत के लिए केएल राहुल को टी20 क्रिकेट में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी कराता। आपके पास पहले ही कई ओपनिंग बल्लेबाज हैं। सूर्यकुमार यादव जैसे खिलाड़ी टॉप पर बल्लेबाजी कर रहे हैं। लेकिन जिस तरह से केएल राहुल अभी खेल रहे हैं, वह मेरे पहले चुनाव होंगे चौथे नंबर पर खेलने और विकेटकीपिंग करने के लिए।”
पुराने अंदाज में लौटे केएल राहुल
सीजन की शुरुआत में ही राहुल ने IPL के एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें फिर से अपने आईपीएल के शुरुआती दिनों के फ्री-फ्लोइंग गेम में लौटने की जरूरत महसूस हुई।
राहुल ने कहा था, “कहीं ना कहीं मैंने बाउंड्री और छक्के मारने का मजा खो दिया था। मैं खेल को गहराई तक ले जाना चाहता था और यह सोच मेरे दिमाग में जम गई थी। लेकिन अब मुझे एहसास हुआ है कि क्रिकेट, खासकर टी20 क्रिकेट, पूरी तरह से बाउंड्री मारने का खेल बन चुका है। जो टीम ज्यादा चौके-छक्के मारती है वही जीतती है।”
राहुल का IPL सफर: शुरुआती सफलता से लेकर उतार-चढ़ाव तक
केएल राहुल का IPL करियर 2016 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए खेलते हुए उभरा था, जब उन्होंने 44.11 की औसत और 146.49 की स्ट्राइक रेट से 397 रन बनाए थे। चोट के चलते 2017 सीजन मिस करने के बाद उन्होंने अगले पांच सीजन में 500 से ज्यादा रन बनाए, जिनमें से चार बार 600 रन से ज्यादा का आंकड़ा पार किया।
हालांकि, 2018 में 158.41 की स्ट्राइक रेट के साथ धमाकेदार प्रदर्शन के अलावा, उनके बाकी सीजनों में स्ट्राइक रेट 130 के आसपास रहा। पंजाब किंग्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ कप्तानी की जिम्मेदारी ने उनके खेल पर दबाव डाला और उनकी स्ट्राइक रेट पर इसका असर भी पड़ा।
2022 टी20 वर्ल्ड कप में भारत के सेमीफाइनल से बाहर होने के बाद, राहुल टी20 टीम से बाहर हो गए थे। उस टूर्नामेंट में उन्होंने छह पारियों में सिर्फ 128 रन बनाए थे और उनकी स्ट्राइक रेट 120.75 रही थी।
IPL 2025 में बदले तेवर, कप्तानी के बिना नजर आया नया राहुल
पिछले सीजन में जब बल्लेबाजी के मानक बढ़े और नए-नए बल्लेबाजों ने आक्रामकता का स्तर ऊंचा किया, तब राहुल पिछड़ते नजर आए थे। उन्होंने 136.12 की स्ट्राइक रेट से 520 रन बनाए थे, लेकिन लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ वह अपनी जगह मजबूत नहीं कर पाए। इस साल दिल्ली कैपिटल्स के साथ खेलते हुए, बिना कप्तानी के दबाव के, राहुल पुराने अंदाज में लौटते दिखे हैं।
चेन्नई और बेंगलुरु जैसी कठिन पिचों पर उन्होंने क्रमश: 77 और नाबाद 93 रन की शानदार पारियां खेलीं, जिनमें उनकी स्ट्राइक रेट क्रमश: 150 और 175 से ज्यादा रही। हालांकि दिल्ली की धीमी पिचों पर उनके आँकड़े उतने प्रभावशाली नहीं रहे हैं, लेकिन उनकी बल्लेबाजी शैली में साफ बदलाव देखा जा सकता है।
पीटरसन ने राहुल के बदलाव को सराहा
केविन पीटरसन ने राहुल की इस शानदार वापसी की तारीफ करते हुए कहा, “केएल पिछले साल के बीच से बहुत पॉजिटिव क्रिकेट खेल रहे हैं। हमने देखा कि कैसे उन्होंने भारत के लिए कुछ मैच फिनिश किए और लगभग दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल भारत के नाम कर दिया था। उनके साथ मेरी बल्लेबाजी को लेकर गहरी और बहुत अहम बातचीत हुई है।”
पीटरसन ने आगे कहा, “जब कोई युवा खिलाड़ी पारंपरिक तकनीक के साथ बड़ा होता है, जैसे डिफेंस, सीधा बल्ला और ‘V’ में खेलना सिखाया जाता है और फिर 30 साल की उम्र में टी20 क्रिकेट के नए ट्रेंड्स के हिसाब से अपना गेम बदलना पड़ता है, तो वह आसान नहीं होता। जिस तरह से केएल ने बदलाव को अपनाया और अपने खेल को बदला है, वह उनकी मानसिक दृढ़ता का बड़ा प्रमाण है।”
नई पीढ़ी की बल्लेबाजी पर पीटरसन की राय
केविन पीटरसन ने मौजूदा पीढ़ी के बल्लेबाजों के आक्रामक खेल के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “आजकल कई बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलेंगे। इनका खेल बहुत ही तेज और कभी-कभी अराजक दिखता है। लेकिन जब आप कठिन विकेटों पर खेलते हैं, जैसे आज दिल्ली बनाम बेंगलुरु का मैच था, तब तकनीक और धैर्य काम आता है। विराट कोहली और केएल राहुल जैसे खिलाड़ी ऐसी परिस्थितियों में अपनी क्लास दिखाते हैं।”
उन्होंने कहा कि जब बल्लेबाजी के लिए शानदार पिचें मिलती हैं, तब नई पीढ़ी के बल्लेबाज अपनी वैराइटी दिखाते हैं, लेकिन कठिन परिस्थितियों में असली बल्लेबाज की परख होती है, जिसने सालों मेहनत से तकनीक विकसित की हो।
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