भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी को इंग्लैंड के खिलाफ 20 जून से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज़ के लिए घोषित 18 सदस्यीय टीम में शामिल नहीं किया गया है। शमी की गैरमौजूदगी ने उनके टेस्ट करियर को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर तब जब चयनकर्ताओं और बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने साफ तौर पर उनकी फिटनेस को लेकर चिंता जताई है।
शमी भले ही भारत के सबसे सफल रेड-बॉल गेंदबाज़ों में से एक रहे हों, लेकिन अब उनकी उम्र और शरीर का बोझ उनकी गेंदबाज़ी पर असर डाल रहा है। बीसीसीआई ने उनके चयन से बाहर रहने का कारण फिटनेस बताया, लेकिन एक पूर्व चयनकर्ता ने उनके भविष्य पर खुलकर बात की।
उन्होंने PTI से कहा, “अगर शमी अब ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड जैसी अहम सीरीज़ में उपलब्ध नहीं हैं, तो चयनकर्ता उन्हें वेस्टइंडीज या दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ क्यों चुनेंगे? बेहतर होगा कि अब आकाश दीप, अर्शदीप, हर्षित या मुकेश जैसे गेंदबाज़ों को मौका मिले। शमी का शरीर अब उम्र का असर दिखा रहा है और उन्हें लेकर अब वैसी उम्मीदें नहीं रखी जा सकतीं।”
लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट से दूर हैं शमी
शमी ने अब तक भारत के लिए 64 टेस्ट मैचों में 229 विकेट लिए हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से वह लगातार रेड-बॉल क्रिकेट से दूर हैं। उन्होंने पिछले साल टखने की सर्जरी करवाई थी और तब से एक भी टेस्ट मैच नहीं खेला है। वो 2023-25 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में भी एक भी मैच नहीं खेले और इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज़ तथा ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर भी टीम का हिस्सा नहीं रहे।
आईपीएल 2025 में शमी ने सनराइजर्स हैदराबाद के लिए नौ मैच खेले, लेकिन सिर्फ छह विकेट ही ले सके। बाद में उन्हें टीम से बाहर भी कर दिया गया। उनकी इकलौती फर्स्ट-क्लास वापसी मध्य प्रदेश के खिलाफ हुई, जहां उन्होंने 40 से ज़्यादा ओवर तो किए, लेकिन लगातार ब्रेक लेते देखे गए, जिससे साफ संकेत मिला कि उनका शरीर पांच दिन की क्रिकेट के लिए तैयार नहीं है।
अजीत अगरकर ने क्या कहा?
मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में शमी की गैरमौजूदगी की वजह बताई थी।
उन्होंने कहा था, “शमी इंग्लैंड सीरीज़ के लिए फिट होने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उन्हें झटका लगा है। उनके कुछ एमआरआई भी हुए हैं। मेडिकल टीम ने हमें बताया कि वो पूरी सीरीज़ खेलने के लिए फिट नहीं हैं। उनका वर्कलोड उस स्तर तक नहीं पहुंचा है, जिसकी टेस्ट क्रिकेट में ज़रूरत होती है।”
अगरकर ने यह भी कहा था कि चयनकर्ता चाहते थे कि शमी कम से कम सीरीज़ के किसी हिस्से में टीम से जुड़ सकें, लेकिन मौजूदा हालात में यह संभव नहीं है।
मुख्य चयनकर्ता ने कहा था, “हम उम्मीद कर रहे थे कि वो किसी हिस्से के लिए उपलब्ध रहेंगे, लेकिन जब कोई खिलाड़ी फिट नहीं होता तो फिर बाकी फिट खिलाड़ियों के साथ ही योजना बनानी पड़ती है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतना बड़ा गेंदबाज़ बाहर हो, लेकिन अभी उनकी हालत यही है।”
बदलते दौर में युवा गेंदबाज़ों को मौका
शमी की गैरमौजूदगी में अब चयनकर्ताओं का ध्यान युवा और नए गेंदबाज़ों की ओर है। मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह पहले ही टीम की तेज़ गेंदबाज़ी का नेतृत्व कर रहे हैं और अब उनके साथ आकाश दीप, मुकेश कुमार, अर्शदीप सिंह जैसे गेंदबाज़ों को लगातार मौके दिए जा रहे हैं। ऐसे में अगर शमी आने वाले महीनों में भी फिट नहीं होते, तो टेस्ट टीम में उनकी वापसी बेहद मुश्किल हो सकती है।
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