Thursday, July 31

Mohammad Riaz: पाकिस्तान के पूर्व फुटबॉलर मोहम्मद रियाज़ की कहानी खेल जगत की अनदेखी और खिलाड़ियों की उपेक्षा का एक मार्मिक उदाहरण है। कभी एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले रियाज़ आज हंगू की सड़कों पर जलेबी बेचने को मजबूर हैं। उनकी यह स्थिति पाकिस्तान में फुटबॉल और अन्य खेलों को मिल रहे समर्थन की कमी को उजागर करती है।

मोहम्मद रियाज़ एक चमकता सितारा

Pakistani player is selling jalebi on the road/Getty Images

27 फरवरी 1996 को हंगू, पाकिस्तान में जन्मे मोहम्मद रियाज़ ने 2010 में मात्र 14 वर्ष की आयु में इस्लामाबाद यूनाइटेड के लिए खेलना शुरू किया। उन्होंने के-इलेक्ट्रिक जैसी प्रमुख टीमों के लिए भी खेला और 2018 एशियाई खेलों में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया। अपने करियर के दौरान उन्होंने 14 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 2 गोल किए।

फुटबॉल से जलेबी तक का सफर

पाकिस्तान फुटबॉल फेडरेशन में चल रहे विवादों और घरेलू फुटबॉल की निष्क्रियता के कारण रियाज़ को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उनकी मदद का वादा किया, लेकिन वह वादा पूरा नहीं हुआ। आखिरकार, अपने परिवार का पेट पालने के लिए उन्होंने फुटबॉल छोड़कर जलेबी बेचने का निर्णय लिया।

खेलों की अनदेखी और खिलाड़ियों की दुर्दशा

रियाज़ की स्थिति पाकिस्तान में खेलों को मिल रहे समर्थन की कमी को दर्शाती है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के एलान के बाद मुझे उम्मीद थी, लेकिन देरी असहनीय हो गई। आमदनी के बिना, मुझे अपने परिवार का पेट पालने के लिए ईमानदारी से काम करना पड़ा। इसलिए अब मैं सड़क किनारे जलेबी बनाता हूं, फुटबॉल की प्रैक्टिस नहीं करता।”

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Sports Content Writer शिव मंगल सिंह (Shiv Mangal Singh) एक स्पोर्ट्स कंटेंट राइटर हैं, जो खेलों की दुनिया की बारीकियों को समझने और उसे सरल, सटीक और प्रभावशाली अंदाज में पेश करने के लिए जाने जाते हैं। वे क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस और अन्य खेलों की ख़बरें लिखने में महारत रखते हैं। उनकी लेखनी का उद्देश्य पाठकों को ताजा और सटीक जानकारियों के साथ अपडेट रखना है।

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