टेस्ट क्रिकेट हमेशा से उन खिलाड़ियों की असली परीक्षा रहा है जो खुद को खेल के सबसे मुश्किल फॉर्मेटमें साबित करना चाहते हैं। पांच दिन तक चलने वाले इस खेल में हर सेशन की चुनौती अलग होती है। कभी पिच का मिजाज अचानक बदल जाता है तो कभी गेंदबाज अपनी काबिलियत से ऐसी परिस्थिति पैदा कर देते हैं कि बड़े-बड़े नाम भी टिक नहीं पाते।
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में कई बार ऐसा हुआ है जब दुनिया की दिग्गज टीमें भी किसी पारी में बेहद शर्मनाक स्कोर पर ही सिमट गईं। हाल ही में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किंग्स्टन टेस्ट में सिर्फ 27 रन बनाए, जो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दूसरा सबसे कम स्कोर है। लेकिन इससे पहले भी कई टीमों ने ऐसी पारियां खेली हैं, जिन्हें देखकर आज भी क्रिकेट प्रेमी चौंक जाते हैं। आइए जानते हैं टेस्ट क्रिकेट में अब तक की सबसे कम स्कोर वाली पांच पारियों के बारे में जिनके जिक्र के बिना क्रिकेट का इतिहास अधूरा लगता है।
ये हैं टेस्ट क्रिकेट इतिहास में टॉप 5 सबसे कम इनिंग टोटल
5. 35 रन – दक्षिण अफ्रीका बनाम इंग्लैंड, केपटाउन (1899)
साल 1899 में दक्षिण अफ्रीका की टीम इंग्लैंड के खिलाफ केपटाउन में टेस्ट मैच खेल रही थी। उस दौर में दक्षिण अफ्रीका अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहा था लेकिन इस मुकाबले में टीम ने जो प्रदर्शन किया वह लंबे समय तक अफ्रीकी क्रिकेट के लिए शर्म का कारण बना रहा।
उस मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को चौथी पारी में जीत के लिए छोटा लक्ष्य मिला था, लेकिन इंग्लैंड के गेंदबाजों ने परिस्थितियों का ऐसा फायदा उठाया कि पूरी टीम सिर्फ 35 रन पर ढेर हो गई।
उस समय की पिचें बेहद अनिश्चित होती थीं जहां गेंद कब नीचे रह जाए और कब अचानक उछल जाए, इसका अंदाजा किसी बल्लेबाज को नहीं लगता था। ऊपर से गेंदबाजों की लाइन और लेंथ इतनी सटीक थी कि बल्लेबाजों को संभलने का वक्त ही नहीं मिला।
इंग्लैंड के गेंदबाज जॉर्ज हर्स्ट और टॉम हेर्स ने मिलकर अफ्रीकी टीम के बल्लेबाजों को एक-एक कर पवेलियन भेजा और मैच को महज औपचारिकता बना दिया। इस पारी ने बता दिया कि टेस्ट क्रिकेट में अनुभवहीनता और तकनीकी कमजोरी कब बड़ी हार का कारण बन जाती है।
4. 30 रन – दक्षिण अफ्रीका बनाम इंग्लैंड, बर्मिंघम (1924)
दक्षिण अफ्रीका के लिए 1924 का बर्मिंघम टेस्ट भी किसी बुरे सपने से कम नहीं था। इंग्लैंड में मौसम का मिजाज क्रिकेट में बड़ा रोल निभाता है और इस मुकाबले में भी आसमान में बादल छाए हुए थे। हवा में नमी थी जिससे गेंद स्विंग हो रही थी और पिच पर बाउंस और मूवमेंट दोनों मौजूद थे। मॉरीस टेट और आर्थर गिलिगन जैसे गेंदबाजों ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया।
दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी इतनी कमजोर नजर आई कि पूरी टीम सिर्फ 12.3 ओवरों में 30 रन बनाकर आउट हो गई। बल्लेबाजों के पास गेंद की स्विंग का कोई जवाब नहीं था। हर गेंद किसी नई चुनौती की तरह आ रही थी और टीम की हालत ऐसी हो गई थी कि जैसे हर खिलाड़ी सिर्फ अपनी विकेट बचाने के लिए लड़ रहा हो। यह पारी आज भी इस बात का उदाहरण है कि इंग्लैंड की परिस्थितियों में खेलना कितना कठिन हो सकता है, खासकर उनके लिए जिनकी तकनीक उतनी मजबूत नहीं होती।
3. 30 रन – दक्षिण अफ्रीका बनाम इंग्लैंड, गक्बेर्हा (1896)
1896 में गक्बेर्हा जिसे उस समय पोर्ट एलिजाबेथ कहा जाता था, वहां दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच एक टेस्ट मैच खेला गया था। इस मुकाबले में भी दक्षिण अफ्रीका को चौथी पारी में सम्मान बचाने का मौका मिला था, लेकिन जॉर्ज लोहमन की घातक गेंदबाजी के सामने पूरी टीम 30 रन पर सिमट गई।
लोहमन ने इस पारी में सिर्फ 7 रन देकर 8 विकेट चटका दिए। उनका गेंदबाजी स्पेल ऐसा था जिसे टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में आज भी याद किया जाता है। पिच में असमान उछाल था और गेंद इतनी तेजी से हरकत कर रही थी कि बल्लेबाज क्रीज पर रुकने की बजाय जल्दी आउट होने को मजबूर हो रहे थे। उस समय बल्लेबाजों के पास न तो आज जैसी सुरक्षा थी और न ही ऐसे हालात से निपटने का अनुभव। नतीजा यह हुआ कि अफ्रीकी बल्लेबाजी पूरी तरह बिखर गई और इंग्लैंड ने एक बार फिर साबित किया कि वह क्यों उस दौर की सबसे मजबूत टीमों में शुमार था।
2. 27 रन – वेस्टइंडीज बनाम ऑस्ट्रेलिया, किंग्स्टन (2025)
2025 में किंग्स्टन का टेस्ट वेस्टइंडीज क्रिकेट के इतिहास में ऐसा दिन बन गया, जिसे शायद कोई भी कैरेबियन फैन याद नहीं करना चाहेगा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथी पारी में टीम के सामने सम्मान बचाने का मौका था लेकिन पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क जैसे तेज गेंदबाजों ने मिलकर पूरी टीम को सिर्फ 27 रन पर समेट दिया।
दूसरी पारी में वेस्टइंडीज की पूरी टीम महज 14.3 ओवरों में ऑलआउट हो गई और स्कोरबोर्ड पर ऐसा आंकड़ा टंग गया जिसे देखकर हर किसी ने वेस्टइंडीज क्रिकेट के गिरते स्तर पर अफसोस जताया। कभी वेस्टइंडीज वो टीम थी जो दुनिया की सबसे खतरनाक गेंदबाजी और धाकड़ बल्लेबाजों के लिए जानी जाती थी, लेकिन अब हालात ऐसे हो गए कि अपनी ही जमीन पर टीम इस कदर बिखर गई कि बल्लेबाज क्रीज पर पैर तक नहीं जमा सके।
1. 26 रन – न्यूजीलैंड बनाम इंग्लैंड, ऑकलैंड (1955)
टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम स्कोर का रिकॉर्ड अब भी न्यूजीलैंड के नाम दर्ज है। 1955 में ऑकलैंड में खेले गए मुकाबले में न्यूजीलैंड की टीम इंग्लैंड के खिलाफ तीसरी पारी में महज 26 रन बनाकर ऑलआउट हो गई थी। 27 ओवर तक चली इस पारी में कोई भी बल्लेबाज दहाई तक नहीं पहुंच सका था।
इंग्लैंड के फ्रैंक टायसन और टॉनी लॉक ने मिलकर ऐसी घातक गेंदबाजी की कि न्यूजीलैंड के बल्लेबाज क्रीज पर टिकने की कोशिश भी नहीं कर सके। उस दौर में न्यूजीलैंड क्रिकेट में नई टीम थी और अनुभव की कमी साफ नजर आई। इंग्लैंड की गेंदबाजी में विविधता थी और पिच बल्लेबाजों के लिए किसी जाल से कम नहीं थी।
इस हार ने न्यूजीलैंड को अपनी कमजोरी पहचानने पर मजबूर किया और इसके बाद टीम ने धीरे-धीरे अपने खेल को मजबूत किया। आज न्यूजीलैंड वर्ल्ड क्रिकेट में सम्मानजनक मुकाम रखता है, लेकिन 26 रनों की ये पारी अब भी टेस्ट क्रिकेट में सबसे छोटे स्कोर के तौर पर दर्ज है।
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