Chess World Cup: भारत की स्टार चेस महिला खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने अपने से ऊंची रैंकिंग वाली हमवतन ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी को फिडे महिला विश्व कप फाइनल के दूसरे गेम में कोई मौका दिए बिना ड्रॉ खेलने पर मजबूर किया है। इसके बाद अब विजेता का फैसला आज टाईब्रेकर से होने वाला है। इसके चलते हुए अब आज सोमवार को होने वाले टाईब्रेकर में कम अवधि की बाजियों की सीरीज खेली जाएंगी।
दिव्या ने दी हम्पी को कड़ी टक्कर :-
फिडे महिला विश्व कप फाइनल के पहले गेम में बीती शनिवार को अपनी शानदार शुरुआत का पूरा फायदा उठाने में विफल रही दिव्या ने अपनी दूसरी बाजी में काले मोहरों से खेलने के बावजूद बेहतर प्रदर्शन किया है। इस बीच वह अपने से अनुभवी हम्पी की हर चाल का सही जवाब देने में सफल रही।
इस मैच में हम्पी ने अपने एक प्यादे को गंवाने के साथ दिव्या को उलझाकर मैच में दबदबा बनाने की कोशिश की थी। लेकिन इस दौरान वह अपने दोनों बिशप (ऊंट या वजीर) को गंवा बैठी। इसके चलते हुए दिव्या को एक प्यादे के फायदे के साथ वापसी करने का मौका मिल गया।
टाईब्रेकर में आज होगा फैसला :-
इसके बाद भारत की इन दोनो खिलाड़ियों ने 34 चालों के बाद मैच को बराबरी पर खत्म करने का फैसला किया। वहीं अब टाई-ब्रेकर में 15-15 मिनट के दो गेम खेले जाएंगे। इसमें हर चाल के बाद 10 सेकेंड का इजाफा होगा। वहीं स्कोर इसके बाद फिर भी बराबरी पर रहा तो दोनों खिलाड़ी 10-10 मिनट प्रति गेम के हिसाब से एक और सेट खेलेंगी, जिसमें 10 सेकेंड का इजाफा होगा।
इसके बाद भी अगर मैच का परिणाम नहीं निकला तो पांच-पांच मिनट के दो और गेम खेले जाएंगे। इसमें हर चाल के बाद तीन सेकेंड की बढ़ोतरी होगी। वहीं इसके बाद फिर एक गेम का मुकाबला होगा, इसमें दोनों खिलाड़ियों को तीन मिनट मिलेंगे और दो सेकंड का इजाफा होगा। इस बीच यह तब तक चलेगा जब तक कोई खिलाड़ी विजेता ना बना जाए।
दिव्या देशमुख ने कही यह बात :-
इसके अलावा चीन की झोंगयी टैन और लेई टिंगजी के बीच खेला जा रहा तीसरे स्थान का प्ले-ऑफ मुकाबला भी ड्रॉ की ओर बढ़ता दिख रहा है। इस बीच दिव्या मैच के बाद प्रसारक से बातचीत के दौरान शनिवार को पहले गेम में की गई गलतियों से परेशान दिखीं थी।
इसके बाद उन्होंने कहा कि. “मैं अपने पहले गेम से काफी निराश थी, क्योंकि मैं गलत चुनाव कर बैठी थी। इस फाइनल का पहला गेम मेरे पक्ष में नहीं गया और यह ड्रॉ रहा। लेकिन फिर भी मुझे यह हार जैसा महसूस हुआ। इसलिए मैं बस इससे उबरने की कोशिश कर रही थी और आज का खेल काफी आसान था।”
गेम पर ध्यान कैसे रखती हैं दिव्या :-
इसके बाद दिव्या ने कहा कि, “मुझे लगता है कि मैं बिना किसी वजह के मुश्किल में पड़ गई। इस बीच मैं यह देखना चाहती थी कि जीत होगी या नहीं, लेकिन मैं चूक गई। लेकिन मैं उलझन में थी।” इसके बाद यह पूछे जाने पर कि उनके जैसी खिलाड़ी पिछले गेम को भूलकर अगले गेम पर कैसे ध्यान केंद्रित करती हैं तो उन्होंने कहा कि शतरंज जैसे खेल में एक नई सोच के साथ उतरना बेहद जरूरी होता है। अगर ऐसा नहीं किया तो हम अगले गेम में अच्छा नहीं खेल पाएंगे। इस दौरान मैं बस खुद से कहती हूं कि इसके बारे में दुखी होने के लिए मेरे पास ज़िंदगी भर का समय है।
इसलिए आज दुखी मत हो। इसके बारे में बाद में दुखी हो सकते हैं।” क्यूंकि नागपुर की 19 वर्षीय युवा चेस खिलाड़ी आज सोमवार को खिताब जीतकर ग्रैंडमास्टर बन सकती हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि वह आज टाई-ब्रेकर में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करेंगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि, “बिलकुल, मुझे लगता है कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगी। जबकि हम्पी बेशक एक बहुत ही मजबूत खिलाड़ी हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि चीजें मेरे पक्ष में जाएंगी।”
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