Divya Deshmukh: भारत की स्टार चेस महिला खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने अपनी हमवतन साथी खिलाड़ी कोनेरू हम्पी को हराकर फिडे महिला विश्व कप का खिताब जीत लिया है। इसके बाद अब भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर और विश्व कप विजेता दिव्या देशमुख को उनके प्रारंभिक कोच श्रीनाथ नारायणन ने बेहद प्रतिभाशाली करार देते हुए कहा कि वह कठिन परिस्थितियों में भी अविश्वसनीय रूप से शांत रहकर अपना खेल खेलती है।
इस बीच उन्होंने दिव्या को लेकर कहा कि इस 19 साल की खिलाड़ी के धैर्य की तुलना महान क्रिकेट महेंद्र सिंह धोनी से की जा सकती है। इसके चलते ही तो दिव्या जॉर्जिया के बातुमी में अपनी से दोगुनी उम्र की प्रतिद्वंद्वी कोनेरू हम्पी को हराकर फिडे महिला विश्व कप का खिताब जीतकर भारतीय शतरंज में युवा उपलब्धि हासिल करने वालों की बढ़ती सूची का हिस्सा भी बन गईं हैं।
टाईब्रेकर में जीता यह मैच :-
इसके अलावा शतरंज के खेल में भारत की बढ़ती पैठ का प्रमाण इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इस बार फाइनल में दोनों भारतीय खिलाड़ी थे। वहीं इस अहम मैच का नतीजा भी टाई-ब्रेकर से ही निकला है। इसके अलावा 38 साल की कोनेरू हम्पी इस मौजूदा समय में सबसे कुशल और सुलझी हुई शतरंज खिलाड़ियों में से एक हैं।
इसके अलावा वह दो दशकों से भी अधिक समय से भारतीय महिला शतरंज की ध्वजवाहक रही हैं। इस दिग्गज महिला खिलाड़ी ने दो विश्व रैपिड चैंपियनशिप, दो एशियाई खेल स्वर्ण पदक सहित अनगिनत खिताब जीते हैं। इसके अलावा वह शतरंज ओलंपियाड की स्वर्ण पदक विजेता टीम का भी हिस्सा रही हैं। वहीं इस बीच अब दिव्या का उनके खिलाफ जीतना भारतीय शतरंज के लिए एक शानदार क्षण था।
पूर्व कोच ने दिव्या की तुलना धोनी से की :-
दिव्या देशमुख के पूर्व कोच श्रीनाथ ने चेन्नई से फोन पर पीटीआई से बात करते हुए कहा कि, “दिव्या काफी आक्रामक खिलाड़ी है। अब जैसे-जैसे समय बीता है तो वह अधिक हरफनमौला और बहुमुखी बन गई है। इस बीच अब मुझे लगता है कि वह सभी प्रारूपों (क्लासिकल, रैपिड और और ब्लिट्ज) में समान रूप से अच्छी है।
इसके आगे मुझे लगता है कि मुश्किल परिस्थितियों में उसके खेल में और परिपक्वता आ जाती है। क्यूंकि वह महेंद्र सिंह धोनी की तरह है जो आखिरी ओवरों में मैच का पासा पलट देते हैं। इसके अलावा मैंने कई बार देखा है कि दिव्या महत्वपूर्ण मैचों में दबाव में अविश्वसनीय रूप से अच्छा प्रदर्शन करती रही है।”
देश की चौथी और कुल 88वीं ग्रैंडमास्टर बनीं दिव्या :-
The coach of Divya Deshmukh, who won Women's Chess World Cup said,
"Her strength is, I think, turning up in those big moments, crunch situations. Like how MS Dhoni used to win the matches in the last over. I saw something similar in Divya in those last-round situations" pic.twitter.com/nkfJXFuKJM
— ` (@WorshipDhoni) July 28, 2025
इसके चलते हुए दिव्या देशमुख भारत की चौथी और कुल 88वीं ग्रैंडमास्टर बनी हैं। क्यूंकि इस टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले उनके लिए ग्रैंडमास्टर नार्म हासिल करना काफी मुश्किल लग रहा था। इसके अलावा श्रीनाथ ने नागपुर की इस खिलाड़ी को साल 2020 तक कोचिंग दी है। श्रीनाथ को दिव्या की क्षमता का अंदाजा साल 2018 में ही हो गया था। तभी तो अब कैंडिडेट टूर्नामेंट का क्वालीफिकेशन हासिल करने के बाद उनके पास विश्व चैंपियन बनने की भी क्षमता है।
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