Mohammad Azharuddin Slams HCA After Name Removed from Uppal Stadium: पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) द्वारा उप्पल स्थित राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम के नॉर्थ स्टैंड से उनका नाम हटाए जाने के फैसले पर गहरा रोष जताया है। अज़हर ने इस पूरे घटनाक्रम को ‘खेल का अपमान’ बताते हुए कहा है कि अब उन्हें कभी-कभी क्रिकेट खेलने पर भी अफसोस होता है।
IANS से बातचीत में अज़हरुद्दीन ने कहा, “मुझे बहुत दुख होता है यह कहते हुए कि अब कभी-कभी मुझे क्रिकेट खेलने का अफसोस होता है। ऐसे लोग, जिनका खेल से कोई लेना-देना नहीं है, अब निर्णायक पदों पर बैठकर हमें सिखा रहे हैं। यह खेल और खिलाड़ियों के साथ सबसे बड़ा अन्याय है।”
HCA के फैसले पर लीगल एक्शन का ऐलान
पूर्व कप्तान ने साफ किया कि वह इस फैसले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील भी की है। अज़हर ने कहा, “मैं इस अन्याय के खिलाफ लीगल ऐक्शन लूंगा। BCCI से भी अपील करता हूं कि वे इसमें हस्तक्षेप करें और उचित कदम उठाएं।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना अकेली नहीं है। अज़हरुद्दीन ने सनराइजर्स हैदराबाद और HCA के बीच पास वितरण को लेकर हुए विवाद का हवाला देते हुए कहा कि यह पूरे एसोसिएशन में चल रहे डिसमैनेजमेंट का उदाहरण है।
“मैं चुनाव नहीं लड़ सका क्योंकि मैंने भ्रष्टाचार उजागर किया” – अजहरुद्दीन
अज़हर ने इस फैसले को व्यक्तिगत साजिश बताते हुए कहा कि उन्हें HCA चुनाव में खड़ा होने से भी इसलिए रोका गया क्योंकि उन्होंने सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार को उजागर किया था। उनके अनुसार, यही सच्चाई उन्हें निशाना बनाए जाने का कारण बनी।
उन्होंने कहा, “मैंने जब सिस्टम की सच्चाई सामने रखी, तभी से मुझे टारगेट बनाया गया। मुझे चुनाव लड़ने तक नहीं दिया गया। अब नाम हटाकर मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश हो रही है। यह निजी बदले की भावना से प्रेरित निर्णय है।”
किस आधार पर हटाया गया नाम?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब HCA के एथिक्स ऑफिसर जस्टिस (रिटायर्ड) वी. ईश्वरैया ने अज़हरुद्दीन के नाम वाली पट्टिका को नॉर्थ स्टैंड से हटाने का आदेश दिया। यह आदेश ‘लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब’ नामक एक सदस्य क्लब द्वारा दायर याचिका के आधार पर दिया गया।
इस याचिका में आरोप लगाया गया कि बतौर HCA अध्यक्ष, अज़हरुद्दीन ने दिसंबर 2019 में आयोजित अपेक्स काउंसिल मीटिंग में खुद के नाम पर स्टैंड का नामकरण करवा दिया, जबकि ऐसा निर्णय HCA के संविधान के अनुसार जनरल बॉडी की मंजूरी के बिना नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि, अज़हर 2019 से 2023 तक HCA के अध्यक्ष रहे। स्टैंड का नामकरण उनके पदभार संभालने के महज़ एक महीने बाद किया गया था, जिससे पूरे फैसले पर सवाल उठे।
अज़हर की छवि से जुड़ा मामला
मोहम्मद अज़हरुद्दीन का नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे चर्चित नामों में शुमार रहा है। उनकी कप्तानी और बल्लेबाज़ी दोनों को याद किया जाता है। लेकिन अब जिस तरह उनका नाम स्टेडियम से हटाया गया, उससे न सिर्फ उनकी छवि को ठेस पहुंची है, बल्कि क्रिकेट फैंस के बीच भी निराशा का माहौल बना है।
अज़हरुद्दीन ने स्पष्ट किया कि वह चुप नहीं बैठेंगे और इस मामले को हर स्तर पर लड़ेंगे। उनका कहना है कि यह फैसला न केवल उनके सम्मान के खिलाफ है, बल्कि भारतीय क्रिकेट की गरिमा के भी विपरीत है।
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