कभी IPL 2023 में रिंकू सिंह से एक ओवर में पांच छक्के खाने वाले यश दयाल को कई लोगों ने नज़रअंदाज़ कर दिया था। लेकिन IPL 2025 में उन्होंने खुद को पूरी तरह बदल दिया है। इस बदलाव की कहानी सिर्फ मेहनत की नहीं, बल्कि विराट कोहली जैसे कप्तान की प्रेरणा और विश्वास की भी है, जिसने एक युवा गेंदबाज़ को टूटने नहीं, बल्कि निखरने का मौका दिया।
कोहली की प्रेरणा से बदला यश का आत्मविश्वास
यश दयाल के पिता चंद्रपाल दयाल ने एक बातचीत में खुलासा किया कि कैसे विराट कोहली ने उनके बेटे को संभाला और उसे बेखौफ गेंदबाज़ बना दिया।
उन्होंने बताया, “विराट कोहली ने उसे बहुत सहारा दिया। जब वह RCB से जुड़ा, तो विराट अक्सर उसके कमरे में चला जाते या उसे अपने कमरे में बुलाते। उन्होंने उससे कहा, ‘तू मेहनत करता रह, तूफान मचा दे, मैं हूं तेरे साथ। चिंता मत करना, गलतियां करना, पर उनसे सीखना और आगे बढ़ना।'”
इस एक वाक्य ने यश को भीतर से बदल दिया। उन्होंने मैदान पर निडरता के साथ गेंदबाज़ी करनी शुरू की और कप्तान रजत पाटीदार ने भी उन पर भरोसा जताया।
चेन्नई के खिलाफ 15 रन डिफेंड कर टीम को दिलाई जीत
IPL 2025 के एक अहम मुकाबले में यश दयाल ने आखिरी ओवर में 15 रन बचाकर RCB को चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 2 रन से जीत दिला दी। इस दौरान उन्होंने एक नो-बॉल भी फेंकी, जिसे शिवम दुबे ने छक्के में तब्दील किया, लेकिन फिर उन्होंने जबरदस्त वापसी करते हुए बाकी तीन गेंदों पर सिर्फ तीन रन दिए। इस प्रदर्शन ने यश को सिर्फ आरसीबी के डेथ स्पेशलिस्ट के रूप में ही नहीं, बल्कि पूरे टूर्नामेंट के सबसे भरोसेमंद गेंदबाज़ों में शामिल कर दिया।
रजत पाटीदार का भरोसा और भूमिका
आरसीबी के कप्तान रजत पाटीदार ने भी यश के लिए खुलकर समर्थन जताया। उन्होंने कहा, “वह हमारे मुख्य गेंदबाज़ हैं, खासकर डेथ ओवर्स में। ये तय था कि आखिरी ओवर यश ही करेगा। पिछले साल भी उन्होंने अच्छा किया था और मुझे उन पर पूरा भरोसा था।”
10 विकेट, लेकिन असरदार प्रदर्शन
भले ही यश दयाल इस सीजन में टॉप विकेट-टेकर की लिस्ट में न हों, लेकिन उन्होंने 11 मैचों में 10 विकेट लिए हैं और अनुभवी गेंदबाज़ों जोश हेज़लवुड और भुवनेश्वर कुमार के साथ मिलकर टीम को संतुलन दिया है। यश ने जितने भी मौके मिले, उनमें कप्तान के फैसलों को सही साबित किया है।
परिवार ने भी खो दिया था भरोसा, लेकिन पिता को था यकीन
चंद्रपाल दयाल ने बताया कि जब यश आखिरी ओवर में गेंदबाज़ी कर रहा था, तब यहां तक कि उनके घरवाले भी मान चुके थे कि मैच हाथ से निकल गया। उन्होंने कहा, “मुझे यकीन था कि यश करेगा। उसकी शांति ही उसकी ताकत थी।”
विराट कोहली की लीडरशिप का असर
चंद्रपाल ने यह भी कहा कि विराट कोहली सिर्फ एक कप्तान नहीं हैं, बल्कि एक मेंटर हैं जो खिलाड़ियों को जोड़ते हैं और टूटने नहीं देते। उन्होंने कहा, “मैंने बहुत से गेंदबाज़ों को टूटते देखा है, लेकिन विराट ने उन्हें अपने हाथों से जोड़ा है।”
यश दयाल की कहानी सिर्फ एक युवा गेंदबाज़ की वापसी की नहीं, बल्कि एक अनुभवी खिलाड़ी के विश्वास की भी है जो मैदान के बाहर भी युवा खिलाड़ियों को मज़बूत बनाती है। विराट कोहली ने जिस भरोसे और अपनापन के साथ यश को आगे बढ़ाया, वो आज उनकी गेंदबाज़ी में झलकता है। क्रिकेट में हार और आलोचना आम है, लेकिन कोई साथ खड़ा हो तो खिलाड़ी दोबारा चमक सकता है और यश दयाल इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं।
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