Zeeshan Ansari’s Journey From U-19 World Cup to IPL 2025: ज़ीशान अंसारी के लिए IPL 2025 में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के लिए डेब्यू करना सिर्फ एक मैच खेलना नहीं था, बल्कि उनके पूरे परिवार की सालों की मेहनत और उम्मीदों की जीत थी। ईद की शाम को जब ज़ीशान ने दिल्ली कैपिटल्स (DC) के जेक फ्रेजर-मैकगर्क, फाफ डु प्लेसी और केएल राहुल जैसे बड़े नामों को आउट किया, तो लखनऊ के चौधरी टोला की गलियों में सिर्फ जश्न नहीं था, बल्कि उन आलोचकों के चेहरों पर भी खामोशी थी जो कभी ज़ीशान को सपनों में जीने वाला लड़का कहते थे।
उनके पिता मोहम्मद नईम अंसारी ने लगभग दो दशक पहले एक सपना देखा था, कि उनके बच्चे वो काम न करें जो उन्होंने और उनके भाइयों ने किया। खेल ही एक ऐसा ज़रिया था जिसमें उन्हें लगा कि कुछ बेहतर हो सकता है, और उन्होंने अपने परिवार के चार बच्चों को स्पोर्ट्स एकेडमी में भेजा। यही वो जगह थी जहां ज़ीशान ने क्रिकेट की बुनियादी समझ हासिल की।
बचपन में गेंदबाज़ी का जुनून, बल्लेबाजी में नहीं थी दिलचस्पी
ज़ीशान अंसारी की कहानी बाकियों से अलग थी। जहाँ अधिकतर बच्चे बल्ले से खेलना पसंद करते हैं, वहीं ज़ीशान को बचपन से गेंदबाज़ी में ज्यादा मज़ा आता था। उन्होंने लेग स्पिन करना शुरू किया। वह शुरू से ही गेंद को स्पिन कराने की कोशिश करते थे, भले ही वह बल्लेबाज़ तक न पहुंचे। उनके कोच गोपाल सिंह बताते हैं कि उनकी बॉडी लैंग्वेज और समर्पण शुरू से बताता था कि यह बच्चा कुछ खास कर सकता है।
घरेलू क्रिकेट से इंडिया अंडर-19 तक का सफर
2014-15 में अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी में 40 विकेट लेकर ज़ीशान ने सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ का खिताब हासिल किया। इसके बाद उन्हें 2016 के अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया में चुना गया, जहां वे वॉशिंगटन सुंदर, मयंक डागर और महिपाल लोमरोर जैसे ऑलराउंडर्स की मौजूदगी के चलते केवल दो मैच ही खेल सके। लेकिन यही टूर्नामेंट था, जिसने उनके घर की मरम्मत के लिए पहली बार आर्थिक सहायता दी।
घरेलू क्रिकेट में उतार-चढ़ाव और उम्मीदों की लड़ाई
2016-17 में उन्होंने अंडर-23 सीके नायडू ट्रॉफी में 30 विकेट झटके और रणजी ट्रॉफी टीम में जगह बनाई, लेकिन इसके बाद उनका नाम लगातार सिलेक्शन से गायब रहने लगा। उन्हें सिर्फ पाँच फर्स्ट क्लास मैच और सीमित मौके मिले। उनके साथ खेले साथी खिलाड़ी जैसे ऋषभ पंत, ईशान किशन, वॉशिंगटन सुंदर और सरफराज़ खान टीम इंडिया और आईपीएल तक पहुँच गए, लेकिन ज़ीशान के लिए यह सफर कहीं अधिक लंबा और संघर्षपूर्ण रहा।
गोपाल सिंह बताते हैं कि ज़ीशान अक्सर मायूस हो जाते थे, लेकिन अगले ही दिन सुबह सबसे पहले मैदान में नज़र आते। उनका कहना था, “अगर क्रिकेट छोड़ दिया तो करूंगा क्या?” यही जज्बा उन्हें आगे ले गया।
यूपी प्रीमियर लीग में चमका सितारा और आईपीएल की दहलीज़
साल 2024 में ज़ीशान का करियर एक नए मोड़ पर आया, जब उन्होंने यूपी प्रीमियर लीग में 24 विकेट लेकर पर्पल कैप जीती और मेरठ मैवरिक्स को चैंपियन भी बनाया। इसी प्रदर्शन ने उन्हें आईपीएल टीमों की नज़रों में ला खड़ा किया। कुछ समय बाद सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें 40 लाख रुपये में खरीदा। उनके पिता ने इसे अल्लाह का करिश्मा कहा।
IPL 2025 में मिली जिम्मेदारी, लेकिन संघर्ष अभी जारी
आईपीएल 2025 में ज़ीशान को मौका तब मिला, जब एडम ज़ैम्पा चोटिल होकर बाहर हो गए। उन्होंने डेब्यू मैच में तीन बड़े विकेट लेकर शानदार शुरुआत की, लेकिन इसके बाद अगले पांच मुकाबलों में सिर्फ दो विकेट ही हासिल कर सके। इसके बावजूद, सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें अपनी स्पिन यूनिट का हिस्सा बनाए रखा।
परिवार के लिए सपना पूरा, लेकिन जड़ें नहीं भूले ज़ीशान
ज़ीशान की 90 वर्षीय दादी को नहीं पता कि उनका पोता टीवी पर क्या कर रहा है, लेकिन जब भी वह स्क्रीन पर आते हैं, उनकी मुस्कान सब कुछ कह देती है। उनके पिता नईम अंसारी आज भी उसी पुराने घर में रहना चाहते हैं, जहाँ से सफर शुरू हुआ था। वे बस इतना चाहते हैं कि ज़ीशान उस अधूरे मकान की मरम्मत पूरी करवा दे, जो उसने अंडर-19 वर्ल्ड कप के बाद शुरू करवाई थी।
ज़ीशान की कहानी उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। उन्होंने दिखा दिया कि अगर मेहनत और सब्र हो, तो वक्त भले देर से आए, लेकिन आता ज़रूर है।
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