D Gukesh: रूस के महान शतरंज खिलाड़ी गैरी कास्पारोव का मानना है कि डी गुकेश भले ही विश्व चैंपियन हैं, लेकिन नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन हर लिहाज में उनसे बेहतर हैं। इसके अलावा गुकेश और कार्लसन के बीच यह तुलना पहली बार नहीं हुई है। क्यूंकि नॉर्वे के दिग्गज चेस खिलाड़ी कार्लसन पहली बार 22 साल 357 दिन की उम्र में चैंपियन बने थे। जबकि भारतीय स्टार चेस खिलाड़ी गुकेश 17 साल की उम्र में विश्व चैंपियन बने थे। इसके चलते हुए उन्होंने कास्पारोव का ही रिकॉर्ड तोड़ा था।
कास्पारोव ने की गुकेश और कार्लसन में तुलना :-
रूस के महान शतरंज खिलाड़ी गैरी कास्पारोव का मानना है कि भारत के स्टार चेस खिलाड़ी डी गुकेश भले ही इस समय विश्व चैंपियन हैं, लेकिन नॉर्वे के दिग्गज चेस खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन हर लिहाज में उसने कहीं ज्यादा बेहतर हैं। उनका मानना है कि इस समय गुकेश की तुलना में कार्लसन अलग स्थिति में है। क्योंकि नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन इस दौर में मौजूद हैं और बेस्ट हैं।
भारतीय स्टार चेस खिलाड़ी डी गुकेश ने केवल 17 वर्ष की उम्र में चीन के डिंग लिरेन को 14 गेमों के मुकाबले में हराकर विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता था। उस समय गुकेश ने उम्र के लिहाज से कास्पारोव का ही रिकॉर्ड तोडा था। वहीं इससे पहले कास्पोरोव 22 साल के थे जब उन्होंने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर विश्व खिताब अपने नाम किया था। इस बार कास्पारोव ने बुकारेस्ट में सुपरबेट शतरंज क्लासिक के दौरान सेंट लुईस शतरंज क्लब के यूट्यूब चैनल से कहा है कि, “गुकेश आधिकारिक रूप से विश्व चैंपियन हैं और इसमें कोई शक नहीं, लेकिन हर लिहाज से उससे बेहतर एक और खिलाड़ी भी है।”
इसके अलावा भारतीय चेस खिलाड़ी गुकेश और कार्लसन के बीच यह तुलना पहली बार नहीं हुई है। इस बीच कास्पारोव ने गुकेश समेत भारत के युवा शतरंज खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए उन्हें ‘विशी के बच्चे’ करार दिया है। इसके अलावा पांच बार के विश्व चैंपियन भारत के दिग्गज चेस खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद उनके समकालीन रहे हैं। इसके आगे उन्होंने कहा कि, “गुकेश के प्रदर्शन में अभी काफी सुधार की काफी गुंजाइश है।
इस बीच गुकेश अवश्य इसे समझकर इस पर काम कर रहा होगा। कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतने के बाद गुकेश का प्रदर्शन बेहतर हुआ था। लेकिन विश्व चैंपियनशिप मैच में कुछ भी हो सकता है क्योंकि यह लंबा मैच होता है, लेकिन गुकेश हमेशा आगे थे। गुकेश उस मैच में लिरेन से बेहतर खिलाड़ी थे।”
इसके अलावा डी गुकेश और कास्पारोव के अलावा नार्वे के मैग्नस कार्लसन ने भी साल 2013 में चेन्नई में उस समय के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद को 5-3 से हराकर खिताब अपने नाम किया था। इसके चलते हुए कार्लसन साल 2022 तक दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी बने रहे थे। इस बीच हालांकि उन्होंने प्रेरणा की कमी का हवाला देते हुए अपना खिताब छोड़ दिया था। इसके अलावा वह पहली बार 22 साल 357 दिन की उम्र में चैंपियन बने थे।
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