भारतीय फैंस को पीवी सिंधु से काफी ज्यादा उम्मीदें थीं, लेकिन वो इस पर खरी नहीं उतर पाई। पूर्व की चैंपियन सिंधू ने दुनिया नंबर एक खिलाड़ी अकाने यागागुची को पहले कड़ी चुनौती पेश की थी, बावजूद इसके वो मैच को अपने नाम करने में नाकमयाब रही।
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गौरतलब है कि थाईलैंड ओपन में भारत की स्टार खिलाड़ी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। हांलाकि अब उनकी नजर सिंगापुर ओपन पर होंगी।
लक्ष्य सेन का इस साल चोट के चलते प्रदर्शन उनके मुताबिक नहीं रहा। ये ही कारण है कि हिंदुस्तान के स्टार खिलाड़ी का इस साल रैंकिंग गिरकर 23 पर पहुंच गई है। लेकिन इस मैच में लक्ष्य सेन ने अपनी शानदार फार्म की छोटी सी झलक दिखाई।
तीस साल के खिलाड़ी ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए चीन के खिलाड़ी को 21-1, 31-21 और 21-18 के अंतर से जीत दर्ज की।
प्रियांशु राजावत बीते साल 2022 में भारत की तरफ से थॉमस कप का भी हिस्सा थे। ये भारत में बैडमिंटन के भविष्य के लिहाज से काफी शानदार खबर है।
इससे पहले भारत ने पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी दिनेश खन्ना की अगुवाई में साल 1965 में पुरुष एकल में स्वर्ण पदक जीता था। उस वक्त दिनेश ने लखनऊ मे हो रहे फाइनल मैच के दौरान थाईलैंड के सांगोब रत्तानुसोर्न को हराया था।