IND vs NZ Final, ICC Champions Trophy 2025: अगर किस्मत की कोई शक्ल होती, तो शायद रोहित शर्मा उससे सीरियस बातचीत करना चाहते। भारत का टॉस हारने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा और अब तो ऐसा लगने लगा है कि सिक्का भी टीम इंडिया से कोई पुरानी दुश्मनी निकाल रहा है।
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में भी वही कहानी दोहराई गई। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में जब रोहित शर्मा टॉस के लिए उतरे, तो उम्मीद थी कि इस बार शायद किस्मत मेहरबान होगी लेकिन नतीजा एक बार फिर रोहित के पक्ष में नहीं रहा और उनके टॉस हारने का सिलसिला अभी भी जारी है।
भारत ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

इसके साथ ही भारत ने लगातार 15वां वनडे टॉस गंवा दिया, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। वहीं, बतौर कप्तान रोहित शर्मा ने लगातार 12वीं बार टॉस गँवाकर वेस्टइंडीज़ के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा के अनचाहे रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। इससे पहले ब्रायन लारा ने 1998 से 1999 के बीच लगातार 12 बार टॉस गंवाए थे, और अब 2023 से 2025 के बीच रोहित शर्मा भी उसी कगार पर खड़े हैं। नीदरलैंड के पीटर बोरेन भी 2011 से 2013 के बीच 11 बार लगातार टॉस हार चुके हैं, लेकिन रोहित और लारा का यह रिकॉर्ड सबसे ऊपर है।
कब से शुरू हुआ टॉस हारने का सिलसिला

अगर इस टॉस ट्रैजेडी की जड़ ढूंढें, तो सब कुछ नवंबर 2023 में भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप फाइनल से शुरू हुआ था। अहमदाबाद में हुए उस मैच में रोहित टॉस हारे और फिर मैच भी भारत के हाथ से फिसल गया। तब से लेकर अब तक हालात बदलने का नाम ही नहीं ले रहे।
दिसंबर 2023 में साउथ अफ्रीका टूर, अगस्त 2024 में श्रीलंका सीरीज़ और फरवरी 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज़ और हर बार नतीजा एक जैसा रहा। सिक्का उछला, गलत साइड गिरा और रोहित शर्मा निराश होकर वापस लौटे। हालांकि, इस टूर्नामेंट में अब तक रोहित शर्मा भले ही हर एक मैच में टॉस हारे हैं लेकिन मैच का रिजल्ट उनके पक्ष में ही रहा है।
क्या टॉस हारने से फर्क पड़ता है?
कहने को टॉस सिर्फ किस्मत का खेल है, लेकिन लगातार टॉस हारना मैच की रणनीति पर असर डाल सकता है। भारत को बार-बार हालात के हिसाब से खेलना पड़ा है, बजाय इसके कि वो खुद खेल को नियंत्रित करें।
अब जब चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल जारी है, रोहित शर्मा यही उम्मीद करेंगे कि टीम उनकी टॉस की बदकिस्मती की भरपाई मैदान पर कर सके। इस वक्त भारत को सिर्फ एक चीज़ चाहिए और वह है कि सिक्के की किस्मत बदले और ट्रॉफी उनके हाथ में आए।
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