ओवल टेस्ट के रोमांचक पांचवें दिन भारत ने इंग्लैंड को 6 रनों के करीबी अंतर से हराकर इतिहास रच दिया। यह टेस्ट क्रिकेट में उनकी सबसे करीबी जीत रही। इसी के साथ उन्होंने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 2-2 ड्रॉ पर रोक दिया।
यह मुकाबला सिर्फ स्कोर और आँकड़ों का नहीं था, बल्कि खिलाड़ियों की मेहनत, नेतृत्व की समझ और मैदान पर दिखाए गए जुनून का भी गवाह बना। भारत की दूसरी पारी में दिए गए 374 रनों के लक्ष्य को इंग्लैंड पूरा नहीं कर पाया और मैच भारत की झोली में आया।
शुभमन गिल की कप्तानी में टीम इंडिया का नया आत्मविश्वास
भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने जीत के बाद कहा, “सीरीज़ में दोनों टीमों ने शानदार खेल दिखाया। हर मुकाबले में दोनों ने अपना बेस्ट देने की कोशिश की। जब आपके पास सिराज और प्रसिद्ध जैसे गेंदबाज़ होते हैं, तो कप्तानी आसान लगती है। उन्होंने गेंद को बात करने पर मजबूर कर दिया। हां, हम पर दबाव था, लेकिन हमें भरोसा था। हमारी यही रणनीति थी कि इंग्लैंड को पूरे 367 रन तक दबाव में रखें।”
गिल ने सिराज की तारीफ करते हुए कहा, “वो कप्तान का सपना होता है। हर गेंद, हर स्पेल में वो अपनी पूरी ताकत झोंक देता है। पांचवें दिन जब दोनों टीमें नहीं जानती थीं कि नतीजा क्या होगा, वही इस सीरीज़ की गहराई दिखाता है। यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण और संतोषजनक अनुभव रहा।”
गिल का निजी लक्ष्य भी हुआ पूरा
अपनी बल्लेबाज़ी पर बात करते हुए शुभमन ने कहा, “कुछ चीज़ें थीं जिन पर बतौर बल्लेबाज़ मुझे काम करना था। इस सीरीज़ में बेस्ट बैटर बनना मेरा लक्ष्य था और खुशी है कि वो लक्ष्य पूरा हुआ। यह हमेशा तकनीक और मानसिक स्थिति का एक संतुलन होता है। जब आप मानसिक रूप से सही स्थिति में होते हैं, तो तकनीक भी अपने आप काम करती है। इस सीरीज़ से मैंने यही सीखा कि हम कभी हार नहीं मानते।”
सिराज: एक फोटो और एक सपना
मोहम्मद सिराज ने प्लेयर ऑफ द मैच चुने जाने पर कहा, “सच कहूं तो बहुत अच्छा लग रहा है। हमारी योजना थी कि पहले दिन से डटकर खेलना है। बस एक ही रणनीति थी कि एक ही लाइन पर गेंदबाज़ी करना और चीज़ों को सरल रखना है। आज सुबह उठा तो खुद पर भरोसा था। मैंने गूगल से ‘Believe’ लिखी एक तस्वीर ली और उसे वॉलपेपर बनाया। जब ब्रूक का कैच छूटा तो दिल टूट गया था, लेकिन वो बहुत अच्छा खेला। उस वक्त मैंने खुद से कहा, ‘गेंद को मिडल कर और अपने पिता और मेहनत को याद रख’।”
राहुल ने बताया कैसे एक सीनियर खिलाड़ी की भूमिका ने उन्हें बदला
केएल राहुल ने मैच के बाद कहा, “टेस्ट क्रिकेट मेरे लिए सब कुछ है। मैंने चैंपियंस ट्रॉफी जीती है, भारत को वर्ल्ड कप उठाते देखा है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट की तुलना किसी चीज़ से नहीं की जा सकती। इस सीरीज़ में जिस तरह से दोनों टीमों ने खेला है, उसने टेस्ट क्रिकेट को लेकर सभी शंकाओं का जवाब दे दिया है।”
उन्होंने आगे कहा, “जब मैंने टीम जॉइन की, तो सीनियर खिलाड़ियों की कमी महसूस हुई। जब सभी खिलाड़ी मुझसे हालात के बारे में पूछने लगे, तब अहसास हुआ कि मेरी भूमिका बदल गई है। इस टीम के साथ अपने अनुभव को साझा कर मदद करना मेरा कर्तव्य था। शुभमन ने बहुत मेहनत की है, कप्तानी में परिपक्वता दिखाई है। वह इस टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।”
सिराज का सम्मान करता हूँ – हैरी ब्रूक
इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज़ हैरी ब्रूक को सीरीज़ का प्लेयर ऑफ द सीरीज़ चुना गया। उन्होंने कहा, “आज हम काफी आत्मविश्वास के साथ मैदान पर उतरे थे। दो बेहतरीन बल्लेबाज़ क्रीज़ पर थे और हमें लगा था कि मैच आराम से जीत लेंगे। लेकिन भारत ने जिस तरह गेंदबाज़ी की, वो तारीफ़ के काबिल है। सिराज ने हर टेस्ट में 85+ की स्पीड से गेंदबाज़ी की, उनका सम्मान करता हूं।”
ब्रूक ने अपनी गलती को भी स्वीकारा और कहा, “अगर मैं उस वक्त थोड़ा धैर्य रखता, तो मैच का नतीजा अलग हो सकता था। अब लगता है, वो शॉट नहीं खेलना चाहिए था।”
टीम ने जोश और जुनून से भरा खेल दिखाया: बेन स्टोक्स
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने मैदान से बाहर बैठकर टीम का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा, “काफी कठिन होता है जब आप खेल का हिस्सा न बन सकें। लेकिन लड़कों ने दिल से खेला। जब वोक्स बल्लेबाज़ी के लिए उतरा, तो उसे किसी संकोच नहीं था। हमारे खिलाड़ी टूटी उंगलियों और फटे पैरों के साथ खेले हैं, यह दिखाता है कि देश के लिए खेलने का क्या मतलब होता है।”
उन्होंने सीरीज़ के तनावपूर्ण माहौल पर भी कहा, “इंग्लैंड-भारत हमेशा एक भावनात्मक सीरीज़ होती है। मैदान पर कहे गए शब्दों को हम दिल पर नहीं लेते, न ही भारतीय खिलाड़ी लेंगे। यह खेल का हिस्सा है।”
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