टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग करना हमेशा से सबसे मुश्किल जिम्मेदारियों में से एक रहा है। खासकर तब, जब सामने भारत जैसी टीम हो, जिसके पास अच्छे-अच्छे गेंदबाज रहे हैं।
यह तो सभी क्रिकेट प्रेमी यह जानते हैं कि नई गेंद और नई पिच पर गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती। एक छोटी सी चूक पूरी टीम पर भारी पड़ सकती है।
हाल ही में ओवल में खेले जा रहे पांचवें टेस्ट में ज़ैक क्रॉली और बेन डकेट ने भारत के खिलाफ एक और 50 से ज्यादा रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप की। यह भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में उनकी छठी ओपनिंग पार्टनरशिप थी।
इसी के साथ उन्होंने भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार 50+ रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप करने के मामले में गॉर्डन ग्रीनिज और डेसमंड हेन्स की बराबरी कर ली।
डकेट और क्रॉली की जोड़ी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद, यहाँ हम आपको भारत के खिलाफ टेस्ट में सबसे ज्यादा बार 50+ की पार्टनरशिप करने वाली सलामी जोड़ियों की जानकारी देने जा रहे हैं।
भारत के खिलाफ टेस्ट में सबसे ज्यादा बार 50+ की पार्टनरशिप करने वाली सलामी जोड़ियाँ
5. एंड्रू स्ट्रॉस और एलेस्टेयर कुक (इंग्लैंड) – 7 बार
स्ट्रॉस और कुक की जोड़ी इंग्लैंड की सबसे स्थिर ओपनिंग जोड़ियों में गिनी जाती है। इस सलामी जोड़ी ने भारत के खिलाफ 20 पारियों में 7 बार 50 से ज्यादा रनों की साझेदारी की।
4. मैथ्यू हेडन और जस्टिन लैंगर (ऑस्ट्रेलिया) – 7 बार
साल 2000 के दशक में हेडन और लैंगर की जोड़ी ऑस्ट्रेलिया की ताकत बन चुकी थी। भारत के खिलाफ इन्होंने 16 पारियों में 7 बार 50 से अधिक की साझेदारी की।
हेडन की आक्रामकता और लैंगर की जुझारू बल्लेबाज़ी ने मिलकर भारत के गेंदबाज़ों के खिलाफ कई बार बड़ा स्कोर खड़ा किया। खासकर 2004 की ऐतिहासिक सीरीज़ में, जब ऑस्ट्रेलिया ने भारत में सीरीज़ जीती, उस जीत में इस जोड़ी का बड़ा योगदान रहा।
3. बिल लॉरी और बॉब सिम्पसन (ऑस्ट्रेलिया) – 7 बार
ऑस्ट्रेलिया की इस जोड़ी ने सिर्फ 9 पारियों में ही 7 बार 50+ की साझेदारी की, जो कि किसी भी मापदंड से एक शानदार रिकॉर्ड है। लॉरी का संयम और सिम्पसन की तकनीकी समझ ने इस जोड़ी को बेहद असरदार बनाया।
1967-68 की सीरीज में, जब ऑस्ट्रेलिया ने भारत का दौरा किया, तब इन दोनों ने एक के बाद एक बड़ी साझेदारियां कीं और भारतीय गेंदबाज़ों को शुरुआत में ही दबाव में ला दिया।
2. गॉर्डन ग्रीनिज और डेसमंड हेन्स (वेस्टइंडीज) – 8 बार
वेस्टइंडीज की यह जोड़ी 1970 के दशक से लेकर 1990 के दशक की शुरुआत तक भारत के खिलाफ लगातार खेली। इन्होंने भारत के खिलाफ 30 पारियों में ओपनिंग की और 8 बार 50 से अधिक की साझेदारी की।
ग्रीनिज की आक्रामक शैली और हेन्स की स्थिर बल्लेबाज़ी ने इस जोड़ी को काफी संतुलित बनाया। दोनों ने ना केवल वेस्टइंडीज में बल्कि भारत की धीमी पिचों पर भी शानदार बल्लेबाज़ी की। इनकी साझेदारियां उस दौर में वेस्टइंडीज की टेस्ट क्रिकेट में बादशाहत का आधार बनीं।
1. बेन डकेट और ज़ैक क्रॉली (इंग्लैंड) – 8 बार
डकेट और क्रॉली की जोड़ी ने सिर्फ 17 पारियों में ही 7 बार 50 से अधिक की ओपनिंग साझेदारी कर ली है। यह जोड़ी इंग्लैंड के ‘बैजबॉल’ अप्रोच की नुमाइंदगी करती है, जिसमें आक्रामकता और निडरता दोनों शामिल हैं।
क्रॉली की क्लासिकल बल्लेबाजी और डकेट के इनोवेटिव शॉट्स भारत के तेज़ और स्पिन गेंदबाज़ों के खिलाफ शुरुआती ओवरों में ही दबाव बनाते हैं। ये दोनों न केवल रन बनाते हैं, बल्कि भारत के गेंदबाज़ों की रणनीति को भी बिगाड़ देते हैं।
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