IPL 2025: गुजरात टाइटंस के कप्तान शुभमन गिल आईपीएल के 39वें मुकाबले में एक बार फिर शतक से महज़ कुछ रन दूर रह गए। कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ उन्होंने बेहद खूबसूरत अंदाज़ में बल्लेबाज़ी करते हुए 90 रन बनाए। पूरे मैच में उनका बल्ला ऐसे चला जैसे पिच पर वही अकेले बचे हों, लेकिन जैसे ही शतक करीब आया, गिल ने एक फुलटॉस गेंद पर बड़ा शॉट खेला और सीधा फील्डर के हाथों में कैच दे बैठे।
यह पहली बार नहीं था जब गिल 90 के स्कोर पर आउट हुए हों। इससे पहले 2022 में पंजाब किंग्स के खिलाफ 96 रन बनाकर आउट हो चुके हैं। ऐसे मौकों पर फैंस की भी सांसें थमी रहती हैं, लेकिन जब खिलाड़ी शतक से चूक जाए तो दिल भी टूटता है। आइए जानते हैं अब तक आईपीएल इतिहास में कितने ऐसे खिलाड़ी हैं जो नर्वस नाइंटीज का शिकार हो चुके हैं।
ऋतुराज गायकवाड़

चेन्नई सुपर किंग्स के वर्तमान कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ के लिए ‘नर्वस नाइंटीज’ एक कड़वी सच्चाई बन चुकी है। IPL इतिहास में वह ऐसे पहले भारतीय बल्लेबाज़ हैं जो तीन बार 90 के स्कोर पर आउट हुए हैं। गायकवाड़ ने कई बार टीम को शानदार शुरुआत दिलाई, बड़ी पारियां खेलीं, लेकिन जब भी शतक का समय आया, किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।
उनके बल्ले में क्लास है, टेम्परामेंट है, लेकिन शायद 100 के करीब आते ही दबाव बढ़ जाता है। हर बार जब वो 90 पार पहुंचते हैं, तो फैंस उनके उम्मीदें लगा लेते हैं कि, इस बार उनके बल्ले से शतकीय पारी निकलेगी लेकिन हर बार फैंस को निराशा ही हाथ लगी।
विराट कोहली और केएल राहुल

जब बात बड़े खिलाड़ियों की हो, तो विराट कोहली और केएल राहुल का नाम आना लाज़मी है। लेकिन इन दोनों दिग्गजों ने भी ‘नर्वस नाइंटीज’ की मार झेली है। विराट कोहली, जिन्होंने IPL में सबसे ज़्यादा रन बनाए हैं, 2013 में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 99 रन बनाकर आउट हो गए थे। इतना ही नहीं, 2024 में पंजाब किंग्स के खिलाफ भी वो 92 रन पर पवेलियन लौटे।
दूसरी तरफ केएल राहुल भी दो बार 90 के दशक में आउट हो चुके हैं, जबकि वो खुद कई बार IPL में शतक लगा चुके हैं। इससे साफ होता है कि चाहे खिलाड़ी कितना भी अनुभवी हो, 90 का आंकड़ा हर किसी के लिए चुनौती बना रहता है।
विदेशी स्टार्स भी हुए ‘नर्वस नाइंटीज’ के शिकार

केवल भारतीय बल्लेबाज़ ही नहीं, विदेशी खिलाड़ियों ने भी इस दर्द को महसूस किया है। डेविड वॉर्नर और ग्लेन मैक्सवेल जैसे बड़े नाम भी तीन-तीन बार 90 से 99 के बीच आउट हुए हैं। खासकर ग्लेन मैक्सवेल ने आईपीएल 2014 के सीज़न में कमाल ही कर दिया था।
उन्होंने उस साल तीन बार 90 पारियां खेलीं लेकिन एक बार भी शतक तक नहीं पहुंच सके। ये दिखाता है कि IPL में रन बनाना जितना जरूरी है, उतना ही मुश्किल है उसे शतक में बदल पाना। विदेशी खिलाड़ियों के लिए भारतीय पिचों पर 90 रन तक पहुंचना बड़ी बात है, लेकिन वहां से शतक तक न पहुंच पाना फैंस और खुद बल्लेबाज़ दोनों के लिए बेहद निराशाजनक होता है। अब यह देखना दिलचस्प रहने वाला है कि, क्या शुभमन गिल का यह सिलसिला रुकेगा या आगे भी फैंस को निराशा हाथ लगेगी।
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