Ranji Trophy 2024-25 season,Vidarbha batsman Yash Rathod : रणजी ट्रॉफी 2024-25 सीजन में विदर्भ के बल्लेबाज यश राठौड़ सबसे सफल बल्लेबाज रहे हैं। इस पूरे सीजन में उन्होंने 18 पारियों में तीन अर्द्धशतक और पांच बड़े शतकों सहित 960 रन बनाए हैं। यश राठौड़ इस सीजन में विदर्भ के लिए कई बार अहम साबित हुए हैं। क्यूंकि उन्होंने अपनी टीम को तीसरा रणजी खिताब जीताने में काफी अहम भूमिका निभाई है।
यश राठौड़ का नर्वस फिफ्टी से बड़े शतक तक का सफर :-
पुडुचेरी के खिलाफ दूसरे ग्रुप बी मैच में जब राठौड़ मैदान में आए तब विदर्भ 4/3 पर थे। पिछले सीजन की उपविजेता टीम 14/4 से 79/5 पर पहुंच गई। लेकिन 283 रन पर ऑल आउट हो गई। इस मैच में राठौड़ ने एक छोर से लगातार रन बनाने की कोशिश की और धैर्यपूर्वक 118 रन बनाते हुए साझेदारी बनाई। तब इस मैच में विदर्भ ने 120 रन से जीत हासिल की।

इसके बाद फिर अगले मैच में विदर्भ 64/3 पर एक और विस्फोट के कगार पर थे। उस समय भी राठौड़ ने 135 रन बनाकर एक और बचाव कार्य किया। उस समय उन्होंने दानिश मालेवार के साथ चौथे विकेट के लिए 117 रन की साझेदारी की। वहीं जब राठौड़ नौवें विकेट के रूप में आउट हुए तब तक उनकी टीम पहली पारी में 316 रन बनाकर सुरक्षित थी। इस मैच को उन्होंने 266 रन से जीत लिया था।
इसके बाद जैसे-जैसे यह रणजी सीज़न आगे बढ़ा यह जल्द ही विदर्भ और राठौड़ के लिए चलन बन गया। वहीं इस बार उन्होंने सात मैचों में से सिर्फ़ एक ड्रॉ के साथ ग्रुप चरण को अपराजित समाप्त किया। तब तक राठौड़ पहले ही दो अर्धशतक और तीन शतक बना चुके थे। वहीं तब वह केवल दो रनों से चौथे शतक से चूक गए थे। इस बार यह पिछले सीजन से लेकर मौजूदा सीजन तक बाएं हाथ के बल्लेबाज के विकास का भी प्रमाण था, ठीक वैसे ही जैसे विदर्भ एक अच्छी टीम से घरेलू क्रिकेट में एक अथक ताकत बन गई।

उस समय राठौड़ पिछले सीजन में दलीप ट्रॉफी में जगह बनाने से चूक गए थे। क्योंकि वह कई बार तीन अंकों तक पहुंचने में विफल रहे थे। मध्य प्रदेश के खिलाफ सेमीफाइनल में 141 रन सहित छह मैचों में उन्होंने कुल 490 रन बनाए थे, लेकिन काफी अच्छे नहीं थे। तब इसके बाद विदर्भ के कोच उस्मान गनी के साथ काम करते हुए राठौड़ को ऑफ-स्टंप के बाहर अपनी कमजोरी को ठीक करना पड़ा। जिसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ी थी।
इसके बाद जब भी उनकी टीम मुश्किल स्थिति में आई राठौड़ ने इरादे के साथ जवाब दिया। इसके बाद चीजें काफी बदल गईं। जब उन्हें क्वार्टर फाइनल में आत्मविश्वास से भरी तमिलनाडु की टीम के लिए लक्ष्य निर्धारित करने की आवश्यकता थी तो विदर्भ ने 99 रन पर चार विकेट खो दिए। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी करते हुए 401 रन का लक्ष्य निर्धारित किया और 112 रन बनाकर अंतिम विकेट के रूप में आउट हो गए।

इसके अलावा जब इस सीजन के सेमीफाइनल में मुंबई के साथ पिछले सीजन के फाइनल की पुनरावृत्ति की बात आई तो राठौड़ ने पहली पारी में 54 रन बनाकर इस कार्य को बखूबी निभाया। इसके बाद उन्होंने मैच को परिभाषित करने वाली 151 रन की पारी खेलकर मुंबई के हाथों से खेल छीन लिया। जिससे विदर्भ ने 405 रन का विशाल लक्ष्य निर्धारित किया। वहीं अपने उभरते करियर में राठौड़ के लिए कई बार करीबी मुकाबले हुए। साल 2021 से टीम में होने के बावजूद वे दो सत्रों में से अधिकांश के लिए विदर्भ के 12वें खिलाड़ी थे।
साल 2019 में लिस्ट ए में शानदार शुरुआत के बाद राठौड़ 2020 अंडर-19 विश्व कप में खेलने की कगार पर थे। महाराष्ट्र के खिलाफ सेमीफाइनल में 116 रन बनाने के बाद वे एक महीने पहले विजय हजारे ट्रॉफी जीतने से चूक गए थे। तब कुल मिलाकर उन्होंने 67 की औसत से 406 रन बनाए। इसके बाद विदर्भ फाइनल में केरल के खिलाफ खेलते हुए जीत हासिल करने में सफल हो गया। इसके बाद विदर्भ ने तीसरी बार अपने सर पर रणजी का ताज पहना है। इस फाइनल मैच में राठौड़ ने अपनी टीम के लिए पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में 24 रन बनाए। इस तरह से वह इस पूरे सीजन में अपनी टीम के लिए काफी सफल बल्लेबाज रहे।
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