Neeraj Chopra: दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा के पूर्व कोच क्लॉस बार्टोनिट्ज ने उनके 90 मीटर की बाधा पार करने पर बयान दिया है। क्यूंकि पिछले सप्ताह नीरज ने दोहा में डायमंड लीग में 90.23 मीटर तक भाला फेंककर सत्र की शानदार शुरुआत की थी। इसके चलते हुए तब उन्होंने आखिरकार 90 मीटर क्लब में प्रवेश कर लिया था। इसके बाद जब उनके पूर्व कोच बार्टोनिट्ज से चोपड़ा की इस उपलब्धि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई से कहा था कि, “यह बस समय की बात थी (कि वह 90 मीटर भाला फेंके पाया)।”
पूर्व कोच क्लॉस बार्टोनिट्ज ने दिया बयान :-
दो बार के ओलंपिक पदक विजेता भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा के पूर्व कोच क्लॉस बार्टोनिट्ज ने कहा है कि इस स्टार भारतीय एथलीट का 90 मीटर की बाधा पार करना बस समय की बात थी। इस बीच उनके पूर्व कोच बार्टोनिट्ज ने चोपड़ा को एक रचनात्मक एथलीट करार दिया है, जो लगातार अपने कौशल को निखारने और सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।

इसके अलावा पिछले सप्ताह नीरज ने दोहा में डायमंड लीग में 90.23 मीटर तक भाला फेंककर सत्र की शानदार शुरुआत की थी। इसके चलते हुए तब उन्होंने आखिरकार 90 मीटर क्लब में प्रवेश कर लिया था। इसके बाद जब उनके पूर्व कोच बार्टोनिट्ज से चोपड़ा की इस उपलब्धि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई से कहा है कि, “यह बस समय की बात थी (कि वह 90 मीटर भाला फेंके पाया)।”

नीरज चोपड़ा और जर्मन कोच बार्टोनिट्ज पांच साल तक साथ रहे थे और उनकी साझेदारी भी काफी सफल रही थी। क्यूंकि इस दौरान भारतीय भाला फेंक स्टार ने टोक्यो में ऐतिहासिक ओलंपिक स्वर्ण पदक और पिछले साल पेरिस खेलों में रजत पदक सहित कई पदक जीते थे। इसके बाद बार्टोनिट्ज ने कहा है कि, “नीरज एक बहुत ही संवेदनशील एथलीट है, वह बहुत चौकस खिलाड़ी है। यह भरोसा आपको एक कोच के रूप में हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की जिम्मेदारी देता है। लेकिन वह ट्रेनिंग में बहुत अधिक मानसिक प्रयास डालता है। इस दौरान वह नए अभ्यास की तलाश करने, अभ्यास को और अधिक कुशल बनाने, विशेष रूप से भाला फेंकने के मामले में अपनी ट्रेनिंग के प्रति बहुत रचनात्मक है।”

इसके आगे बार्टोनिट्ज ने कहा है कि, “वह बहुत अच्छी तरह से समझता है कि टूर्नामेंट की क्या जरूरत है। हम (कोच) एक रचनात्मक सोच वाला एथलीट चाहते हैं ना कि ऐसा एथलीट जो सिर्फ पूछे ‘कोच आज हमें क्या करना है और बस ट्रेनिंग में चला जाए।” इसके बाद ओलंपिक पदकों के अलावा बार्टोनिट्ज के साथ चोपड़ा विश्व और डायमंड लीग चैंपियन भी बने थे। इसके बाद वह एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता भी बने थे। वहीं पिछले साल दोनों ने सौहार्दपूर्ण तरीके से अपने रास्ते अलग कर लिए थे। क्यूंकि उस समय सत्तर वर्षीय बार्टोनिट्ज ने अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने की बात कही थी।

इसके बाद से बार्टोनिट्ज एक सलाहकार के रूप में ‘इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट’ से जुड़ गए हैं। इस वर्तमान समय में वह हिसार परिसर में पांच दिवसीय भाला कार्यशाला आयोजित कर रहे हैं। इसका समापन आज बृहस्पतिवार को होने वाला है। इस बार डायमंड लीग में चोपड़ा ने तब तक बढ़त बनाए रखी थी, जब तक जर्मनी के जूलियन वेबर ने अपने अंतिम प्रयास में 91.06 मीटर का थ्रो नहीं फेंक दिया था। इसके बाद भारतीय स्टार खिलाड़ी दूसरे स्थान पर आ गया था। इसके बाद बार्टोनिट्ज ने कहा कि, “इस स्टार भारतीय खिलाड़ी नीरज को प्रेरित करने की कोई जरूरत नहीं है। वह बस इतना जानता है कि यह एक खेल है। एक स्पर्धा है। लेकिन उससे बेहतर थ्रो कभी भी आ सकता है। आपको इसका मुकाबला करने के लिए तैयार रहना होगा। लेकिन नीरज जानता है। उसे प्रेरणा की जरूरत नहीं है।”
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