Greatest Male Tennis Players of All Time: पुरुष टेनिस का इतिहास कई महान खिलाड़ियों की उपलब्धियों से भरा हुआ है। समय के साथ इस खेल ने कई ऐसे सितारे देखे हैं जिन्होंने न सिर्फ रिकॉर्ड बनाए बल्कि अपने प्रदर्शन से लाखों फैंस को प्रेरित किया। इन खिलाड़ियों में से कुछ ने लगातार ग्रैंड स्लैम खिताब जीतकर इतिहास रचा, तो कुछ ने अपने अंदाज़ से इस खेल को एक नई पहचान दी।
आज जब भी अब तक के सबसे महान पुरुष टेनिस खिलाड़ी की चर्चा होती है, तो रोजर फेडरर, नोवाक जोकोविच और राफेल नडाल जैसे नाम सबसे पहले जेहन में आते हैं। हालांकि, इस सूची में कई ऐसे पूर्व खिलाड़ी भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने दौर में टेनिस को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
ये हैं टेनिस इतिहास के टॉप 10 सबसे महान पुरुष खिलाड़ी | Greatest Male Tennis Players of All Time
10. एंडी मरे (ब्रिटेन)
ब्रिटेन के एंडी मरे ने लंबे समय तक ‘बिग थ्री’ का सामना करते हुए अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने 2012 में यूएस ओपन जीता, फिर 2013 और 2016 में विंबलडन चैंपियन बने। ऑस्ट्रेलियन ओपन में वह पांच बार फाइनल में पहुंचे और एक बार फ्रेंच ओपन में भी उपविजेता रहे।
मरे का करियर लगातार चोटों से प्रभावित रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वह आज भी टेनिस प्रेमियों के बीच अपनी जुझारू शैली के लिए याद किए जाते हैं।
9. ल्यू होड (ऑस्ट्रेलिया)
ल्यू होड ने 1956 में तीन ग्रैंड स्लैम (ऑस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन और विंबलडन) जीते। वह उसी साल यूएस ओपन में भी फाइनल तक पहुंचे। इसके, अगले साल से वह प्रोफेशनल बन गए और ग्रैंड स्लैम से बाहर हो गए, लेकिन उनकी छवि एक मजबूत, आक्रामक और बहुपरती खिलाड़ी की रही।
उनका करियर भले ही छोटा रहा, लेकिन उन्होंने उस समय की कई बड़ी प्रतियोगिताएं जीतीं और इतिहास में अपनी जगह बनाई।
8. पैंचो गोंजालेज़ (अमेरिका)
पैंचो गोंजालेज़ 1940 के दशक के अंत और 50 के दशक में टेनिस के सबसे आक्रामक खिलाड़ियों में शामिल थे। उन्होंने 1948 और 1949 में यूएस ओपन जीता। हालांकि, 1960 से 1968 तक वह ग्रैंड स्लैम में भाग नहीं ले सके, फिर भी उनकी विरासत पर कोई सवाल नहीं है। उनका सर्व और वॉली गेम बेहद ताकतवर था और उन्होंने उस दौर में टेनिस को नए तरीके से खेलने की दिशा दी।
7. आर्थर ऐश (अमेरिका)
आर्थर ऐश न सिर्फ एक बेहतरीन खिलाड़ी थे, बल्कि टेनिस में समानता और सामाजिक बदलावों की आवाज़ भी बने। उन्होंने 1975 में विंबलडन का खिताब जीता, 1968 में यूएस ओपन में चैंपियन बने और ऑस्ट्रेलियन ओपन में भी जीत दर्ज की।
ऐश की सफलता महज़ खेल तक सीमित नहीं रही। उन्होंने नस्लीय असमानता और सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बोला और एक रोल मॉडल बनकर उभरे।
6. आंद्रे अगासी (अमेरिका)
आंद्रे अगासी ने टेनिस को एक नया रंग और अंदाज़ दिया। वह करियर ग्रैंड स्लैम जीतने वाले चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन में चार बार, फ्रेंच ओपन में एक बार, विंबलडन में एक बार और यूएस ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किया।
इसके अलावा वह कई बार फाइनल में भी पहुंचे, जो उनकी निरंतरता और प्रतियोगी भावना को दर्शाता है। अगासी की खासियत उनकी वापसी की क्षमता थी। बार-बार गिरकर उठना और अंत तक मुकाबला करते रहना उनसे सीखने लायक सबसे बड़ी चीज है।
5. रॉड लेवर (ऑस्ट्रेलिया)
रॉड लेवर को ‘रॉकेट’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने 1962 और 1969 में ‘कैलेंडर स्लैम’ यानी एक ही साल में चारों ग्रैंड स्लैम जीतने का दुर्लभ कारनामा दो बार किया। ऑस्ट्रेलियन ओपन में उन्होंने तीन बार खिताब जीते और एक बार फाइनल में पहुंचे।
फ्रेंच ओपन और यूएस ओपन में उन्होंने दो-दो खिताब जीते। विंबलडन में उन्होंने चार बार जीत दर्ज की। हालांकि, 1963 से 1968 तक वह प्रोफेशनल प्लेयर होने की वजह से ग्रैंड स्लैम खेलने के पात्र नहीं थे, लेकिन इसके बावजूद उनके रिकॉर्ड अद्भुत हैं।
4. ब्योर्न बोर्ग (स्वीडन)
स्वीडन के ब्योर्न बोर्ग ने टेनिस को 1970 और 80 के दशक में नई ऊंचाई दी। उन्होंने फ्रेंच ओपन में छह बार और विंबलडन में लगातार पांच बार (1976-1980) खिताब जीते। इसके अलावा, वह चार बार यूएस ओपन के फाइनल में पहुंचे, लेकिन कभी खिताब नहीं जीत सके।
बोर्ग की सबसे बड़ी खासियत उनकी शांतचित्तता और बेसलाइन से खेलने की क्षमता थी। उन्होंने बहुत कम उम्र में खेल को अलविदा कहा, लेकिन तब तक वह टेनिस इतिहास में अमिट छाप छोड़ चुके थे।
3. राफेल नडाल (स्पेन)
राफेल नडाल को ‘क्ले कोर्ट का बादशाह’ कहा जाता है और इस उपाधि को उन्होंने अपने दम पर सिद्ध भी किया है। फ्रेंच ओपन में 14 खिताब जीतकर उन्होंने एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया है जिसे तोड़ना बेहद मुश्किल माना जाता है। उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन 2009 में ट्रॉफी जीती और चार बार उपविजेता रहे।
नडाल ने विंबलडन में भी दो बार खिताब अपने नाम किया और तीन बार फाइनल में जगह बनाई। यूएस ओपन में भी वह चार बार चैंपियन बने और एक बार उपविजेता रहे। नडाल का संघर्ष, ऊर्जा और जुनून उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाते हैं।
2. नोवाक जोकोविच (सर्बिया)
नोवाक जोकोविच ने टेनिस को एक नई आक्रामकता और मानसिक मजबूती दी। सर्बिया के इस खिलाड़ी ने अब तक 24 ग्रैंड स्लैम खिताबों का रिकॉर्ड अपने नाम किया है और हर कोर्ट पर अपनी श्रेष्ठता साबित की है। वह ऑस्ट्रेलियन ओपन में दस बार चैंपियन बने हैं। उन्होंने फ्रेंच ओपन में 2016 में पहली बार खिताब जीता और तीन बार फाइनल में पहुंचे।
इसके अलावा, जोकोविच ने विंबलडन में सात बार ट्रॉफी उठाई, जबकि एक बार उपविजेता भी रहे। इसके अलावा, यूएस ओपन में उन्होंने तीन बार खिताब जीता और छह बार उपविजेता रहे। जोकोविच का करियर इस बात की मिसाल है कि कैसे फिटनेस और मानसिक मजबूती किसी खिलाड़ी को महान बनाते हैं।
1. रोजर फेडरर (स्विट्ज़रलैंड)
रोजर फेडरर को टेनिस की दुनिया में क्लास और बैलेंस का प्रतीक माना जाता है। स्विट्ज़रलैंड से आने वाले इस खिलाड़ी ने 20 ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किए। उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन में छह बार ट्रॉफी जीती, जबकि 2009 में उपविजेता रहे। इसके अलावा, फेडरर ने 2009 में फ्रेंच ओपन का खिताब अपने नाम किया, जबकि चार बार फाइनल में हार का सामना करना पड़ा।
विंबलडन में फेडरर का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा। उन्होंने यहां आठ बार खिताब जीता और चार बार फाइनल में पहुंचे। वह यूएस ओपन में लगातार पांच साल (2004–2008) चैंपियन रहे और दो बार उपविजेता बने। उनका खेल जितना बेहतरीन था, उतनी ही प्रभावशाली उनकी निरंतरता और फिटनेस भी थी।
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