IPL 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए खेल रहे दिग्वेश राठी ने अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया है, लेकिन उनसे जुड़ी सबसे बड़ी चर्चा उनकी अनोखी ‘नोटबुक सेलिब्रेशन’ को लेकर रही है। इस सेलिब्रेशन के चलते उन्हें बीसीसीआई से दो बार सज़ा भी मिल चुकी है, लेकिन अब पहली बार राठी ने इस विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।
दिग्वेश ने यह सेलिब्रेशन पहली बार पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच में किया था, जब उन्होंने प्रियांश आर्य को आउट किया। उस वक्त उन्हें मैच फीस का 25% जुर्माना और एक डिमेरिट पॉइंट मिला था। लेकिन उन्होंने मुंबई इंडियंस केखिलाफ अगले ही मैच में नमन धीर को आउट करने के बाद एक बार फिर वही जश्न दोहराया। नतीजा यह हुआ कि बीसीसीआई ने जुर्माना दोगुना करते हुए 50% मैच फीस और दो डिमेरिट पॉइंट थमा दिए।
इस चेतावनी के बाद जब वो कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मैदान पर उतरे और अपने आदर्श सुनील नरेन को आउट किया, तो राठी ने सेलिब्रेशन को थोड़ा बदलते हुए ‘घास पर लिखने’ जैसा एक नया तरीका अपनाया। इस बार बीसीसीआई ने उन्हें कोई सज़ा नहीं दी।
भाई ने दी सलाह- “मोटिवेशन ठीक है, लेकिन किसी खिलाड़ी का अपमान मत करना”
दिग्वेश के बड़े भाई सनी राठी ने इस मुद्दे पर बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने भाई से इस सेलिब्रेशन के बारे में पूछा था।
Indian Express से बातचीत में सनी ने कहा, “मैंने उससे पूछा कि ये सेलिब्रेशन क्यों करता है, तो उसने कहा कि इससे उसे मोटिवेशन मिलता है। मैंने कहा कि अगर इससे तुझे फायदा होता है, तो ठीक है, लेकिन किसी खिलाड़ी का अपमान मत करना।”
सनी ने यह भी बताया कि दिग्वेश कभी सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं था। वह व्हाट्सऐप स्टेटस तक अपडेट नहीं करता था। उसका कहना था, “जब कोई स्टेटस ही नहीं है, तो स्टेटस अपडेट करने का क्या मतलब?”
दिग्वेश राठी का IPL में प्रदर्शन
सुनील नरेन जैसी एक्शन वाले इस स्पिनर को लखनऊ ने दिल्ली प्रीमियर लीग (DPL) में शानदार प्रदर्शन के आधार पर 30 लाख रुपये में खरीदा था। इस फैसले को अब फ्रेंचाइज़ी का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।
अब तक खेले गए 7 मैचों में राठी 9 विकेट ले चुके हैं, जो कि लखनऊ के लिए शार्दुल ठाकुर (11 विकेट) के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा है। उनका इकॉनमी रेट 7.43 रहा है, जो कि पावरप्ले में गेंदबाजी करने वाले गेंदबाज के लिए काबिल-ए-तारीफ है।
सेलिब्रेशन पर विवाद, लेकिन आत्मविश्वास बरकरार
हालांकि, दो बार बीसीसीआई की सख्ती का सामना करने के बावजूद राठी का आत्मविश्वास कम नहीं हुआ है। उनका यह मानना है कि सेलिब्रेशन उनके लिए सिर्फ एक निजी जोश और प्रेरणा का जरिया है, न कि किसी खिलाड़ी को नीचा दिखाने का माध्यम।
उनका बदला हुआ रवैया यह दिखाता है कि वह अब ज्यादा परिपक्वता के साथ खेल को समझने लगे हैं। जिस तरह से उन्होंने नरेन को आउट करने के बाद सम्मानजनक अंदाज़ में सेलिब्रेट किया, वह उनकी सोच में आए बदलाव का प्रमाण है।
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