अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के हालिया चार दिवसीय मीटिंग में खिलाड़ियों को एक बेहद स्पष्ट और सख्त संदेश दिया गया है। इसके अनुसार, खिलाड़ी या तो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) खेल सकते हैं या फिर वर्ल्ड क्रिकेटर्स एसोसिएशन (WCA) का समर्थन कर सकते हैं। इस फैसले के पीछे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने मुख्य भूमिका निभाई है, जिसे अन्य देशों के बोर्ड्स का भी पूरा समर्थन मिला।
WCA, जिसे पहले Federation of International Cricketers’ Associations (FICA) के नाम से जाना जाता था, ने जून 2024 में नाम बदला था। लेकिन अभी तक BCCI जैसे बड़े बोर्ड ने इसे मान्यता नहीं दी है। ICC और FICA के बीच पहले कुछ संवाद हो चुके हैं, लेकिन WCA से संवाद की संभावना बेहद कम है।
ICC CEC मीटिंग में BCCI का दबदबा
जिम्बाब्वे में हुई इस मीटिंग में Chief Executives Committee (CEC) ने WCA की रिपोर्ट पर चर्चा की। रिपोर्ट में सबसे बड़ी बात ICC के रेवेन्यू मॉडल पर सवाल उठाना था, जहां BCCI को कुल राजस्व का 38.5% हिस्सा मिलने पर आपत्ति जताई गई थी।
इस पर एक सीनियर अधिकारी ने कहा, “यह सिस्टम टूटा हुआ नहीं है, तो इसे ठीक करने की जरूरत ही क्या है? BCCI सबसे ज्यादा कमाई कराता है, तो उसका हिस्सा बड़ा होना स्वाभाविक है। यह कोई रॉकेट साइंस नहीं, सीधा गणित है – जो ज़्यादा लाएगा, वही ज़्यादा पाएगा।”
खिलाड़ियों के लिए सीधा अल्टीमेटम
CEC के सदस्यों ने स्पष्ट कर दिया कि यदि कोई खिलाड़ी WCA का समर्थन करता है तो वह IPL जैसे टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाएगा। इस बयान का अर्थ साफ है – क्रिकेटरों को अब तय करना होगा कि वे किस ओर खड़े हैं।
एक अधिकारी ने कहा, “खिलाड़ी अपने देश के क्रिकेट बोर्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं और वही बोर्ड ICC का हिस्सा हैं। तो WCA बीच में कहां से आ गया? यह किसी ट्रेड यूनियन जैसा है जो केवल अनावश्यक शोर मचाना चाहता है।”
WCA की रिपोर्ट पर ICC की प्रतिक्रिया
WCA ने अपनी 31 पेज की रिपोर्ट में ICC के रेवेन्यू मॉडल को अप्रभावी बताया और इसे सुधारने के सुझाव दिए। रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया कि उन्होंने 64 खिलाड़ियों से बातचीत की और उनकी राय रिपोर्ट में शामिल की। लेकिन ICC के वरिष्ठ अधिकारियों ने रिपोर्ट को अवास्तविक और पक्षपाती करार दिया।
एक सदस्य ने यहां तक कहा, “ICC को ऐसी ट्रेड यूनियनों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। अगर हर कोई अपने संगठन बनाने लगे और ICC पर सवाल उठाए, तो क्रिकेट की वैश्विक संरचना ही बिखर जाएगी।”
अभी कोई मान्यता नहीं, भविष्य भी अनिश्चित
अब तक ICC ने WCA को लेकर कोई औपचारिक निर्णय नहीं लिया है। रिपोर्ट को केवल नोट किया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा WCA के प्रस्तावों को बेतुका और एकतरफा बताया गया है।
BCCI और बाकी क्रिकेट बोर्ड्स का मानना है कि ICC की मौजूदा व्यवस्था क्रिकेट को बेहतर तरीके से चला रही है और WCA की दखलअंदाजी से केवल भ्रम फैलेगा।
क्रिकेट की दुनिया में बढ़ता द्वंद्व
WCA का जन्म खिलाड़ियों की आवाज़ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने के मकसद से हुआ था, लेकिन BCCI जैसी बड़ी ताकतों के विरोध के चलते इसकी राह मुश्किल हो गई है। वहीं, ICC की तरफ से भी यह संकेत मिल चुका है कि WCA को फिलहाल कोई मान्यता नहीं दी जाएगी।
इससे क्रिकेटरों के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है कि वे अपने करियर की सुरक्षा के लिए ICC और BCCI की शरण में रहें या फिर अपनी स्वतंत्रता और अधिकारों की लड़ाई के लिए WCA के साथ खड़े हों।
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