Longest Test Match in Cricket History: टेस्ट क्रिकेट को सबसे लंबा फॉर्मेट माना जाता है, जहां धैर्य, तकनीक और रणनीति की असली परीक्षा होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कोई टेस्ट मैच 5 नहीं, बल्कि पूरे 10 दिनों तक चले और फिर भी उसका कोई नतीजा ना निकले? यह किसी कहानी जैसा लगता है, लेकिन यह हकीकत है। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसा भी मुकाबला हुआ है, जिसे आज भी ‘टाइमलेस टेस्ट’ के नाम से जाना जाता है। यह मैच इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच साल 1939 में खेला गया था और यह अब तक का सबसे लंबा टेस्ट मैच माना जाता है।
कब और कहां हुआ था टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सबसे लंबा मुकाबला?
यह ऐतिहासिक टेस्ट मैच 3 मार्च 1939 से दक्षिण अफ्रीका के डरबन में खेला गया था। यह मुकाबला इंग्लैंड के दक्षिण अफ्रीका दौरे का हिस्सा था और खास बात यह थी कि इस मैच के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई थी। यानी यह मैच तब तक चलता जब तक किसी टीम की जीत सुनिश्चित न हो जाए। यही कारण था कि इसे ‘टाइमलेस टेस्ट’ कहा गया। इस अनोखे फॉर्मेट की वजह से खिलाड़ी लगातार दस दिनों तक मैदान पर डटे रहे, लेकिन अंत में परिणाम नहीं निकल सका।
10 दिन की कड़ी टक्कर और फिर भी मुकाबला हुआ ड्रॉ
इस मुकाबले में दोनों टीमों ने बेहतरीन बल्लेबाजी और गेंदबाज़ी का प्रदर्शन किया। दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 530 रन बनाए। इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम ने 316 रन बनाए और फॉलोऑन के बाद दूसरी पारी में 654/5 का स्कोर खड़ा कर दिया।
मैच के अंतिम दिन इंग्लैंड को जीत के लिए केवल 42 रनों की जरूरत थी और उनके 5 विकेट बचे थे। लेकिन तब एक ऐसा मोड़ आया, जिसने क्रिकेट इतिहास को हमेशा के लिए बदल दिया। इंग्लैंड की टीम को तय शेड्यूल के अनुसार वापसी के लिए जहाज पकड़ना था। समय की कमी के चलते उन्हें मैच वहीं छोड़ना पड़ा और यह मुकाबला ड्रॉ घोषित कर दिया गया।
बारिश और थकान भी बने बाधा
इस 10 दिन के लंबे मुकाबले में एक दिन का खेल बारिश की वजह से पूरी तरह रद्द हो गया था, जिससे मुकाबला और खिंच गया। लगातार लंबे समय तक खेलने के कारण खिलाड़ियों की थकान साफ नजर आने लगी थी। फील्डिंग करते हुए गेंद पकड़ने में गलतियां, धीमी गेंदबाज़ी और कमजोर फुर्ती इस बात का प्रमाण थीं कि शरीर अब जवाब देने लगा था।
टेस्ट क्रिकेट के सबसे लंबे मुकाबले
क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे टेस्ट मुकाबले हुए हैं जो सामान्य 5 दिन से कहीं ज्यादा चले। डर्बन का टाइमलेस टेस्ट 10 दिनों तक चला और अब तक का सबसे लंबा मैच रहा। लेकिन इसके अलावा भी कुछ मुकाबले ऐसे रहे जो 7 से 9 दिनों तक चले।
1930 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच किंग्सटन में खेला गया टेस्ट मैच 9 दिन तक चला और बिना किसी नतीजे के समाप्त हुआ। वहीं 1929 में मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच 8 दिन लंबा मुकाबला खेला गया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज की थी।
क्रिकेट इतिहास में कई 7 दिनों तक चलने वाले टेस्ट मैच भी रहे हैं। 1912 से लेकर 1929 तक के बीच, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच ऐसे सात मुकाबले हुए जो लगातार सात दिनों तक खेले गए। इनमें से कुछ में ऑस्ट्रेलिया विजेता रहा, तो कुछ में इंग्लैंड ने बाज़ी मारी। इनमें से प्रमुख मैच 1924 और 1925 में सिडनी और मेलबर्न में खेले गए थे।
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