भारतीय टेस्ट टीम के लिए पहली बार चुने गए तमिलनाडु के युवा बल्लेबाज़ साई सुदर्शन भले ही इस समय शानदार फॉर्म में हों, लेकिन इंग्लैंड दौरे से पहले उनकी तकनीक पर सवाल उठने लगे हैं। पूर्व तमिलनाडु कोच सुलक्षण कुलकर्णी का मानना है कि सुदर्शन को ड्यूक गेंद और इंग्लैंड की स्विंग पिचों पर टिकने के लिए अपनी तकनीक में सुधार की ज़रूरत है।
घरेलू क्रिकेट में साई सुदर्शन का प्रदर्शन
23 वर्षीय सुदर्शन ने 2022 में फर्स्ट-क्लास डेब्यू किया था और तब से अब तक 29 मैचों में 1957 रन बना चुके हैं। उनका औसत 39.93 का है। हाल ही में इंग्लैंड में सरे की ओर से खेलते हुए उन्होंने नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए अपना पहला फर्स्ट-क्लास शतक भी जमाया। इसके बावजूद, कुलकर्णी को लगता है कि इंग्लैंड जैसी परिस्थितियों में उनके मौजूदा स्किल्स काफी नहीं होंगे।
सुदर्शन पर पूर्व कोच सुलक्षण कुलकर्णी की तीखी टिप्पणी
कुलकर्णी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, “उनका घरेलू रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है। जब मैं तमिलनाडु टीम का कोच था, तब मैंने उन्हें दो ऐसे मैचों में देखा जहाँ पिच पर सीम मूवमेंट था, और वे अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर पाए। मूविंग बॉल के खिलाफ उनकी तकनीक में सुधार की जरूरत है।”
पहले मुंबई के कप्तान रह चुके और इंग्लैंड में माइनर काउंटी क्रिकेट खेल चुके कुलकर्णी ने आगे कहा, “इंग्लैंड में सफल होने के लिए बल्लेबाज को गेंद को अपने शरीर के पास और देर से खेलना पड़ता है। लेकिन साई की एक कमजोरी है कि वह शरीर से दूर शॉट खेलने की कोशिश करते हैं। उन्हें अपने स्ट्रोक्स पर कंट्रोल रखना होगा और बल्ला सीधा तथा शरीर के पास रखना होगा।”
आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के दम पर टीम इंडिया में एंट्री
हालांकि, कुलकर्णी ने भले ही साई सुदर्शन की तकनीक को लेकर सवाल उठाए हैं, लेकिन उनकी हालिया फॉर्म जबरदस्त रही है। IPL 2025 में गुजरात टाइटंस के लिए खेलते हुए उन्होंने 14 पारियों में 679 रन बनाए हैं और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर ही उन्हें टेस्ट टीम में जगह मिली है।
इंग्लैंड दौरे से पहले मिलेगा अभ्यास का मौका
इंग्लैंड दौरे से पहले साई सुदर्शन और कप्तान शुभमन गिल, दोनों 6 जून से इंग्लैंड लायंस के खिलाफ होने वाले इंडिया ए मुकाबले में हिस्सा लेंगे। इस मैच को मुख्य टेस्ट सीरीज़ से पहले एक तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।
बेशक इंग्लैंड के तेज और स्विंग गेंदबाज़ों के खिलाफ बल्लेबाजी करना आसान नहीं होगा, लेकिन अगर सुदर्शन अपनी तकनीकी कमजोरियों पर काम करते हैं, तो वे इस चुनौती को भी पार कर सकते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि युवा बल्लेबाज़ टेस्ट क्रिकेट में खुद को कैसे साबित करते हैं।
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