”मैं महिला हूं” – पेरिस ओलंपिक 2024 में गोल्ड मेडल जीतने के बाद अल्जीरियाई बॉक्सर इमान खलीफ ने पूरी दुनिया को दिया संदेश
अल्जीरियाई महिला बॉक्सर इमान खलीफ 66 किग्रा वेट कैटेगरी में शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीत गई हैं।
Algerian Boxer Imane Khelif gave a message to the whole world after winning the gold medal in Paris Olympics 2024
अल्जीरियाई महिला बॉक्सर इमान खलीफ (Imane Khelif) ने पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympics 2024) में महिलाओं की 66 किग्रा वेट कैटेगरी बॉक्सिंग में शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। वह फाइनल मुकाबले में चीनी महिला बॉक्सर यांग लियू को हराकर चैंपियन बनीं। गोल्ड मेडल अपने नाम करने के बाद उन्होंने पूरी दुनिया को बड़ा संदेश देते हुए खुद को “महिला” बताया।
बता दें कि, 25 वर्षीय इमान खलीफ की मौजूदा पिछले 8 सालों से ओलंपिक में मेडल जीतने के लिए लगातार संघर्ष कर रहीं थीं। इस बीच उन्हें लिंग परीक्षण को लेकर कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ा। इस ओलंपिक में भी उनके साथ यह समस्या हुई और उन्हें पूरी दुनिया से आलोचनाएँ झेलनी पड़ी, लेकिन उन्होंने इन सभी पर ध्यान ना देते हुए अपना गोल्ड मेडल जीता।
फाइनल मुकाबले में जीत हासिल करके गोल्ड मेडल अपने नाम करने के बाद इमान खलीफ ने कहा:
पिछले 8 सालों से यह मेरा सपना रहा है और अब मैं ओलंपिक चैंपियन और गोल्ड विजेता हूं।
गौरतलब हो कि, पेरिस ओलंपिक 2024 में इमान खलीफ को इटली की महिला बॉक्सर एंजेला कैरिनी के खिलाफ खेले गए मुकाबले में विवादों का सामना करना पड़ा था। दरअसल, कैरिनी ने 46 सेकंड में उस मुकाबले को छोड़ दिया था और खलीफ को विजेता घोषित कर दिया गया था। इसके बाद कैरिनी को पूरी दुनिया से समर्थन मिला था, जबकि खलीफ को आलोचनाएँ झेलनी पड़ी थी।
खलीफ ने एक ट्रांसलेटर के जरिए लिंग विवाद को लेकर संवाददाताओं के सवाल का जवाब देते हुए कहा:
उन हमलों के बाद मेरी यह सफलता और सुकून देता है। हम एक एथलीट के रूप में प्रदर्शन करने के लिए ओलंपिक में मौजूद हैं और मुझे आशा है कि भविष्य में हम ओलंपिक में इस तरह के हमले नहीं देखेंगे।
इमान खलीफ की ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने की राह बिल्कुल भी आसान नहीं रही है। उन्हें शुरू से ही लिंग परीक्षण के दौरान समस्याओं का सामना करना पड़ा है। पिछले साल वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले से पहले वह लिंग परीक्षण में फेल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। इतना ही नहीं, इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने उन पर प्रतिबंध भी लगा दिया था। हालांकि, अन्तर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने उन्हें ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए योग्य माना, क्योंकि वह लिंग परीक्षण में पास हो गए थे।