Paralympic committee of India : जानिए भारत में कब बना पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया संगठन, जो पैरा खिलाड़ियों को देता है प्रशिक्षण
Paralympic committee of India : अभी पेरिस में पैरालंपिक 2024 खेला जा रहा है। इनमें भारत काफी शानदार प्रदर्शन कर रहा है। इसके अलावा भारत में पैरा खिलाड़ियों के विकास के लिए 1992 में ‘फिजिकली हैंडीकैप्ड स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ की स्थापना की गई थी। आइए जानते है यह संस्था अब किस हाल में है।
Paralympic committee of India : अभी पेरिस में पैरालंपिक 2024 खेला जा रहा है। इनमें भारत काफी शानदार प्रदर्शन कर रहा है। इसके अलावा भारत में पैरा खिलाड़ियों के विकास के लिए 1992 में ‘फिजिकली हैंडीकैप्ड स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया‘ की स्थापना की गई थी। आइए जानते है यह संस्था अब किस हाल में है। अब तक भारत इन पैरालिंपिक खेलों के 12 संस्करण में भाग ले चुका है।
जहां पर इन पैरालिंपिक खेलों में खेलते हुए भारतीय एथलीटों ने न केवल अपने देश के लिए पदक जीते है बल्कि इस दौरान खेलते हुए कई रिकार्ड्स भी अपने नाम किए है। लेकिन क्या आप जानते है कि इन सभी पैरा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए बढ़ावा कौन देता है। वहीं किस संगठन के ऊपर इन सभी पैरा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी होती है।
Paralympic committee of India 1992 में पहली बार बना पैरा खेलों के लिए संगठन :-
भारत में इन सभी पैरा खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए और प्रशिक्षण देने के लिए पहला संगठन 1992 में बना था। इस संगठन का नाम फिजिकली हैंडीकैप्ड स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया रखा गया था। इस संगठन की स्थापना साल 1992 में अर्जुन पुरस्कार विजेता और पैरालिंपियन श्री एम महादेव द्वारा की गयी थी।
इसके बाद फिर सिको साल 1994 में सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, बैंगलोर, कर्नाटक के साथ पंजीकृत कर दिया गया था। इसके बाद फिर इस संगठन का नाम बदलकर पैरालिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (Paralympic committee of India) (पीसीआई) कर दिया गया था। तभी तो यह पीसीआई अपने से संबद्ध राष्ट्रीय खेल महासंघों और राज्य पैरालिंपिक संघों की सहायता से पैरालंपिक खेलों को बढ़ावा देने व विकसित करने का कार्य भी करता है।
इस पैरालिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (Paralympic committee of India) संगठन का कार्यालय दिल्ली में स्थित है। जबकि इस संगठन का पंजीकृत कार्यालय बेंगलुरु में ही स्थित है। इसके अलावा भले ही भारत में पैरा खेलों के नियंत्रक निकाय का गठन साल 1992 में किया गया था। परन्तु व्यक्तिगत भारतीय पैरा एथलीट इससे बहुत पहले से अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भाग लेते रहे हैं
Paralympic committee of India संभालता है पैरा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी :-
भारत में इन पैरा खेलों को बढ़ावा देने और उनके विकास के लिए काम करने की जिम्मेदारी भारतीय पैरालिंपिक समिति ही संभालती है। तभी तो पीसीआई पैरा खेलों का शीर्ष शासकीय निकाय यानि की गवर्निंग बॉडी है। यह संस्था अंतरराष्ट्रीय पैरालिंपिक समिति से संबद्ध रखती है। यह भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय (एमवाईएएस) द्वारा राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में मान्यता प्राप्त है।
तभी तो इस संस्था का काम देशभर में पैरा एथलीटों की पहचान करना है। उन सभी को प्रशिक्षण देना व उनकी सहायता करना है। जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में पैरा खिलाड़ियों की सशक्त उपस्थिति दर्ज की जा सके। इन कामों में जनता और पेशेवरों को पैरा खेलों के बारे में शिक्षित करना, दिव्यांगों और उनके परिवारों को पैरा एथलीट बनने के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करना, उनके जीवन में खेलों के महत्व पर जोर देना आदि शामिल है।
पैरालिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (Paralympic committee of India) का दायरा काफी बड़ा है। यह 26 राज्य संघों, छह राष्ट्रीय खेल महासंघों और आठ व्यक्तिगत पैरा खेल महासंघों से भी जुड़ा हुआ है। जो यह दर्शाता है कि पीसीआई पैरा खेलों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा यह संगठन खेलों और अन्य प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए भारतीय टीमों के चयन और तैयारी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पैरालिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (Paralympic committee of India) नामक संस्था को भारत सरकार और सीएसआर द्वारा वित्तपोषण मिलता है। तभी तो भारतीय सेना और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसे भागीदारों के सहयोग से ही पैरालिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया नामक संस्था अब पैरा स्पोर्ट्स के विकास को आगे बढ़ाने की पहल कर रहा है।
Paralympic committee of India 1968 में पहली बार पैरालिंपिक खेलों का हिस्सा बना भारत :-
साल 1968 में पहली बार भारत ने तेल अवीव, इस्राइल में आयोजित पैरालिंपिक खेलों में भाग लेकर अपने ग्रीष्मकालीन पैरालिंपिक की शुरुआत कर दी थी। तब 4 नवंबर से 13 नवंबर तक चले इन पैरालिंपिक खेलों के आयोजन में कुल 10 भारतीय एथलीटों (आठ पुरुष, दो महिला) ने भाग लिया था।
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