Mansukh Mandaviya: साल 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी को लेकर केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में अपना बयान दिया है। इस बीच उन्होंने लोकसभा सदन को बताया कि इन खेलों की मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के भावी मेजबान आयोग के साथ निरंतर बातचीत चल रही है।
मनसुख मांडविया ने लोकसभा में दिया बयान :-

केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने साल 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी को लेकर लोकसभा में अपना बयान दिया है। इस बीच उन्होंने सदन को बताया कि इन खेलों की मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के भावी मेजबान आयोग के साथ निरंतर बातचीत चल रही है। इस दौरान संगरूर से आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर के एक सवाल का जवाब देते हुए मांडविया ने कहा कि पूरी बोली प्रक्रिया भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) संभाल रहा है।
आईओए ने आईओसी को सौंपा है आशय पत्र :-

इसके बाद मांडविया ने लोकसभा में कहा कि, “इन खेलों के लिए आईओए ने आईओसी को आशय पत्र सौंप दिया है। इसकी बोली अब आईओसी के भावी मेजबान आयोग के साथ निरंतर बातचीत चरण में है। इसके अलावा भारत में ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए बोली लगाना भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की जिम्मेदारी है और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) विस्तृत चयन प्रक्रिया से गुजरकर ओलंपिक की मेजबानी के अधिकार सौंपती है।”
बोली में किसी शहर का नाम नहीं देगा भारत :-
इसके अलावा भारत ने अपनी बोली में किसी शहर का नाम नहीं दिया है। लेकिन फिर भी गुजरात सरकार इसमें काफी दिलचस्पी दिखा रही है। गुजरात के खेल मंत्री हर्ष संघवी उस भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। जिसने पिछले महीने बोली पर चर्चा करने के लिए लुसाने स्थित आईओसी मुख्यालय का दौरा किया था। क्यूंकि निरंतर बातचीत के चरण में आईओसी मेजबानी के दावेदारों की तैयारी का व्यावहारिक आकलन करती है। लेकिन इस समय आईओसी अध्यक्ष क्रिस्टी कोवेंट्री ने फिलहाल मेजबान चयन प्रक्रिया को रोक दिया है।

इस बीच ओलंपिक स्वर्ण विजेता पूर्व तैराक कोवेंट्री ने कहा है कि जून में उनकी पहली कार्यकारी बोर्ड बैठक के दौरान सदस्यों के बीच आम सहमति थी कि प्रक्रिया का पुनर्मूल्यांकन किया जाए। लेकिन इससे पहले भारत की बोली पर फैसला अगले साल होने की उम्मीद थी। वहीं इस बार भारत को कतर और तुर्किए जैसे देशों की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन डोपिंग में भारत का खराब रिकॉर्ड आईओसी के लिए एक मुद्दा है, जिसने आईओए से सुधारात्मक उपाय करने को कहा है। तभी तो अब आईओसी द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद आईओए ने भारतीय खेलों में डोपिंग की समस्या से निपटने के लिए एक पैनल का गठन किया है।
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