Archery Asia Cup: भारतीय जूनियर तीरंदाजों का फाइनल में काफी निराशाजनक प्रदर्शन रहा है। इसके चलते हुए उसके सात में से पांच तीरंदाजों को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं इस बार रिकर्व और कम्पाउंड स्पर्धाओं के 10 में से सात फाइनल में पहुंचने के बावजूद भारतीय तीरंदाज केवल दो बार पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल कर पाए हैं। इस बार जिस तरह से भारतीय तीरंदाज अपने से कम रैंकिंग वाले खिलाड़ियों से हारे हैं यह एक चिंता का विषय बन गया है।
फाइनल में सात में से पांच तीरंदाज हारे :-
भारतीय जूनियर तीरंदाजों का फाइनल में काफी निराशाजनक प्रदर्शन रहा है। इसके चलते हुए उसके सात में से पांच तीरंदाजों को हार का सामना करना पड़ा है। इसके चलते हुए अब भारतीय तीरंदाजों ने एशिया कप के दूसरे चरण में दो स्वर्ण, छह रजत और एक कांस्य सहित कुल नौ पदक जीतकर अपने अभियान का समापन किया है। वहीं इस बार भारत के पास इस टूर्नामेंट में सात स्वर्ण पदक जीतने का मौका था।

लेकिन इस बार भारत को अधिकतर स्पर्धा में केवल रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा है। वहीं इस बार रिकर्व और कम्पाउंड स्पर्धाओं के 10 में से सात फाइनल में पहुंचने के बावजूद भारतीय तीरंदाज केवल दो बार पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल कर पाए हैं। इस बार जिस तरह से भारतीय तीरंदाज अपने से कम रैंकिंग वाले खिलाड़ियों से हारे हैं यह एक चिंता का विषय बन गया है।

इस बार हमेशा की तरह ओलंपिक स्पर्धा के रिकर्व वर्ग में नतीजे विशेष रूप से चिंताजनक रहे है, जिसमें भारत एक भी स्वर्ण जीतने में असफल रहा है। वहीं इस बार असल में टीम स्पर्धाओं में दो रजत पदकों के अलावा रिकर्व तीरंदाज खाली हाथ लौटे हैं। क्यूंकि क्वालिफिकेशन राउंड के बाद शीर्ष वरीयता प्राप्त भारतीय पुरुष टीम फाइनल में जापान के खिलाफ आसानी से हार गई।

इनमें विष्णु चौधरी, पारस हुड्डा और जुयेल सरकार तीन में से दो सेटों में 50 का आंकड़ा छूने में असफल रहे और सीधे सेटों में 6-0 से हार गए। जबकि रिकर्व मिश्रित टीम फाइनल में भी यही कहानी रही। इसके अलावा चौधरी और वैष्णवी पवार की चौथी वरीयता प्राप्त भारतीय टीम इंडोनेशिया के खिलाफ पूरे मुकाबले में गलतियां करती रही। वहीं इस बार रिकर्व वर्ग के परिणाम निराशाजनक थे, तो कम्पाउंड वर्ग ने कुछ राहत प्रदान की है। क्यूंकि भारत ने अपने दोनों स्वर्ण पदक इस वर्ग में जीते हैं।
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