Boxing: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बीएफआई को निर्देश दिया है कि वह अनुराग ठाकुर का नामांकन स्वीकार कर ले। इस बीच बीएफआई प्रमुख अजय सिंह ने कहा है कि इस 34 पन्नों के आदेश को पढने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। इसके आगे उन्होंने कहा कि, “हम आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और कानूनी सलाह के बाद इस फैसले के खिलाफ अपील करने वाले हैं।”
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने दिया बीएफआई को निर्देश :-
भारत के पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का अब भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो गया है। तभी तो इस बीच हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने निर्वाचन मंडल से उनकी अयोग्यता पर भी रोक लगा दी है।

इसके अलावा उन्होंने अब बीएफआई को उनकी उम्मीदवारी के लिए नामांकन की तिथि बढ़ाने का निर्देश भी दे दिया है। क्यूंकि हमीरपुर से लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर को बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह के आदेश से सात मार्च को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। तब इस आदेश में यह कहा गया था कि सिर्फ चुने हुए सदस्य ही चुनावी प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।

इसके अलावा भी अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश मुक्केबाजी संघ का प्रतिनिधित्व करना चाहते थे। लेकिन तब उनको चुनकर आया सदस्य नहीं होने के कारण अयोग्य करार दिया गया था। जबकि बीते बृहस्पतिवार को जस्टिस अजय मोहन गोयल ने फैसला सुनाया कि 13 मार्च को निर्वाचन अधिकारी आर के गॉबा द्वारा अनुमोदित निर्वाचन मंडल ‘प्रथम दृष्टया खराब है और कानून की नजर में टिकने योग्य नहीं है।” तब इसमें अनुराग ठाकुर को शामिल नहीं किया गया था।

इसके अलावा इसमें कहा गया है कि, “इस परिप्रेक्ष्य में सुविधा का संतुलन भी याचिकाकर्ताओं के पक्ष में है और यदि अंतरिम राहत प्रदान नहीं की जाती है, तो उन्हें अपूरणीय क्षति होगी।” इसके आगे कहा गया है कि, “अंतरिम उपाय के रूप में, यह न्यायालय दिनांक सात मार्च 2025 के नोटिस के संचालन पर रोक लगाता है। इसके साथ ही दो नामित सदस्यों में से एक यानी श्री अनुराग सिंह ठाकुर के नामांकन को अस्वीकार करने के आदेश पर भी रोक लगाई जाती है।”

इसके बाद बीएफआई प्रमुख अजय सिंह ने कहा है कि इस 34 पन्नों के आदेश को पढने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। इसके आगे उन्होंने कहा कि, “हम इस आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और कानूनी सलाह के बाद इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। क्यूंकि इस अदालत ने बीएफआई को निर्देश दिया है कि अनुराग ठाकुर और एचपीबीए के अधिकारी राजेश भंडारी के नामांकन को निर्वाचक मंडल में वैध नामांकन के रूप में देखा जाए। क्यूंकि इसमें कहा गया है कि बीएफआई अध्यक्ष ने सात मार्च को बिना किसी अधिकार के आदेश जारी किया था।

तभी तो हिमाचल हाई कोर्ट के इस आदेश ने अनुराग ठाकुर के लिए 28 मार्च को होने वाले चुनाव लड़ने का रास्ता साफ कर दिया है। क्यूंकि अब इसमें बीएफआई को निर्देश दिया है कि वह नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाए। ताकि अनुराग ठाकुर अपना नामांकन दाखिल कर सकें। इसके अलावा अनुराग ठाकुर को वार्षिक आम बैठक में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने और उसमें पूरी तरह से भाग लेने की भी अनुमति दी गई है। इस बीच एचपीबीए ने कहा है कि अनुराग ठाकुर साल 2008 से राज्य इकाई के निर्वाचित सदस्य हैं और उन्होंने अध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर काम किया है।
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