Hardik Pandya: हार्दिक पांड्या का करियर हमेशा उतार-चढ़ाव से भरा रहा है, लेकिन पिछले एक साल में उन्होंने खुद को टीम इंडिया के एक जरूरी ऑलराउंडर के रूप में स्थापित किया है। वनडे वर्ल्ड कप 2023 के दौरान चोटिल होने के बाद भारत को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी थी, लेकिन अब चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले पांड्या पूरी तरह से तैयार हैं और उनकी भूमिका पहले से भी ज्यादा अहम होने वाली है।
वनडे वर्ल्ड कप 2023 के लीग स्टेज में पुणे में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मुकाबले में हार्दिक पांड्या केवल तीन गेंद डालने के बाद टखने की चोट के कारण बाहर हो गए थे। इसके बाद मोहम्मद शमी को मौका मिला, जिन्होंने 24 विकेट लेकर टूर्नामेंट में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया।

हालांकि, इस बदलाव से टीम इंडिया के का बैटिंग का बैलेंस थोड़ा बिगड़ गया था, क्योंकि पांड्या के रूप में भारत के पास एक ऐसा ऑलराउंडर था जो मिडिल ओवर्स में विकेट लेने के साथ-साथ लोअर ऑर्डर में तेजी से रन भी बना सकता था।
फाइनल में जब भारत को अतिरिक्त बल्लेबाज या एक ऑलराउंडर की जरूरत पड़ी, तो उसकी कमी साफ तौर पर दिखी। इस बार BCCI और टीम मैनेजमेंट ऐसी कोई गलती नहीं करना चाहेंगे। यही वजह है कि चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में हार्दिक पांड्या टीम इंडिया के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हो सकते हैं।
2024 में Hardik Pandya की दमदार वापसी और गेंदबाजी में निखार

2024 में हार्दिक पांड्या ने अपनी गेंदबाजी में जबरदस्त सुधार दिखाया। टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आखिरी ओवर डालते हुए उन्होंने भारतीय टीम को चैंपियन बनाया था। हेनरिक क्लासेन के खिलाफ उनकी रणनीतिक गेंदबाजी यह दर्शाती है कि अब वह सिर्फ एक पार्ट-टाइम गेंदबाज नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मुख्य गेंदबाज बन चुके हैं।
हार्दिक पांड्या ने ICC की एक वीडियो में कहा था, “मैंने रोहित से कहा कि मैं क्लासेन को वाइड गेंद डालूंगा, क्योंकि वह स्टंप्स के अंदर आने वाली गेंद की उम्मीद कर रहा होगा। मैंने अपनी रन-अप के दौरान बस यही सोचा कि उसे चकमा देना होगा, क्योंकि वह शानदार बल्लेबाजी कर रहा था। यही हमारे लिए जीत का दरवाजा खोल सकता था।”
यह दर्शाता है कि अब हार्दिक न केवल मिडिल ओवर्स और डेथ ओवर्स में कारगर गेंदबाज बन चुके हैं, बल्कि नई गेंद से भी स्विंग कराने में सक्षम हैं।
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में हार्दिक पांड्या की भूमिका क्यों होगी सबसे अहम?

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में हार्दिक पांड्या की भूमिका कई मायनों में बेहद अहम होने वाली है। जसप्रीत बुमराह की फिटनेस को लेकर लगातार अनिश्चितता बनी हुई है, ऐसे में हार्दिक को तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर भारत रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल के साथ तीन स्पिनर्स को उतारता है, तो हार्दिक पांड्या का रोल और भी अहम हो जाएगा, क्योंकि वह एक तेज गेंदबाज के रूप में बैलेंस बना सकते हैं।
इसके अलावा, उनकी बैटिंग मिडिल ऑर्डर और लोअर ऑर्डर में गहराई लाने का काम करेगी। 2023 के फाइनल में भारत को एक ऐसे बल्लेबाज की जरूरत पड़ी थी, जो अंत तक टिककर खेल सके या तेजी से रन बना सके, लेकिन टीम में कोई ऐसा विकल्प नहीं था। इस बार हार्दिक उस कमी को पूरा कर सकते हैं और नंबर 7 पर खेलते हुए एक बेहतरीन फिनिशर की भूमिका निभा सकते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि हार्दिक में किसी भी परिस्थिति में मैच का रुख पलटने की क्षमता है। उन्होंने T20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में यह साबित किया था और अब चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भी वह भारत के सबसे बड़े ट्रम्प कार्ड साबित हो सकते हैं।
हार्दिक पांड्या ने पिछले कुछ सालों में खुद को एक मैच विनर के रूप में स्थापित किया है। उनके पास नई गेंद से गेंदबाजी करने की क्षमता, मिडिल ओवर्स में विकेट निकालने का कौशल और डेथ ओवर्स में बैटिंग का अनुभव है। ऐसे में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में वह भारत के सबसे मूल्यवान खिलाड़ी (MVP) साबित हो सकते हैं।
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